पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पेरारीवेलन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

SC grants bail to Rajiv Gandhi assassination convict A G Perarivalan : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पेरारीवेलन को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने की मंजूरी दे दी है. हत्या के दोषी पेरारीवेलन को पहले फांसी की सजा हुई थी लेकिन दया याचिका में देरी की वजह से बाद में सजा उम्रकैद में तब्दील हो गई थी. वो पिछले 30 साल से जेल में बंद था लेकिन पिछले कुछ दिनों परोल पर बाहर है.

बता दें कि टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने पेरारीवेलन (A G Perarivalan) को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में क्षमा यानी दया याचिका की सुनवाई में हुई देरी की वजह से उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया था।

तमिलनाडु सरकार ने उसकी उम्र कैद को भी खत्म कर रिहा करने के लिए रेजोल्यूशन पास किया था। अभी ये मामला गवर्नर और राष्ट्रपति के पास लंबित है। अब सुप्रीम कोर्ट ने पेरारीवेलन को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा की जेल में रहते हुए उसके आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमानत दी जा रही है।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यहां यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है कि राज्य सरकार द्वारा सजा में माफी की मंजूरी के बाद भी राज्यपाल याचिका पर कोई निर्णय नही ले रहे है।

Perarivalan Bail News : कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में ऐसा नहीं हो सकता कि कोई आदेश पारित किए बिना राज्यपाल ऐसे ही बिना निर्णय लिए बैठे रहें। कोर्ट ने कहा है कि हम जमानत पर रिहाई का आदेश पारित करेंगे।

ADVERTISEMENT

वहीं पेरारिवेलन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल वह परोल पर अपने घर पर है। परोल की शर्तों के मुताबिक वह घर से बाहर नहीं निकल सकता। किसी से मिल नहीं सकता। मीडिया सहित किसी बाहरी व्यक्ति से बातचीत नहीं कर सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत तो दी जा सकती है।

ADVERTISEMENT

पहले इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा माफी पर फैसला लेने के बारे में पूछे जाने पर राज्य सरकार ने जवाब दिया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने इस मामले में राष्ट्रपति को अपना जवाब सौंप दिया है। उसमे कहा गया है कि इस मामले पर किसी भी तरह का फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही है।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT