Who is chechen: कौन हैं चेचेन? इन्हें क्यों दिया जाता है नेताओं को चुन-चुन कर मारने का टारगेट !
Russia Ukraine War : Who is chechen: कौन हैं चेचेन? इन्हें क्यों दिया जाता है नेताओं को चुन-चुन कर मारने का टारगेट !
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Russia Ukraine War : यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (volodymyr zelensky) ने न केवल यह कहा है व्लादिमीर पुतिन (valdimir putin) इस युद्ध के बहाने उन्हें निशाना बनाना चाहते हैं. क्योंकि, रूसी सेना की मदद के लिए कम से कम 10,000 खूंखार चेचन लड़ाके यूक्रेन में घुस आए हैं.
इस बात की पुष्टि खुद चेचन्या (chechens) के प्रधानमंत्री रमजान कादिरोव ने की है. जिनके सैनिक अपनी क्रूरता और बर्बरता के लिए दुनिया भर में बदनाम हैं. चेचन्या और रूस का भी अपना ऐतिहासिक झगड़ा रहा है, लेकिन इस समय चेचन्या की सरकार एक तरह से पुतिन के आदेश को काफी मानने लगी है.
कौन हैं चेचेन? | (who-are-the-chechens?)
चेचेन (chechens) कई जातीय समूहों में से एक हैं, जो हजारों साल से उत्तरी काकेशस के ऊंचे इलाकों में रहते आए हैं. इनके आधुनिक इतिहास का ज्यादातर हिस्सा उनकी स्वतंत्रता और स्वायत्तता की इच्छा से जुड़ा रहा है. 1917 की रूसी क्रांति के दौरान विभिन्न जातीय समूहों ने रूस से स्वतंत्रता की घोषणा की, जिनमें अधिकतर मुसलमान थे. दुनिया के कई देशों ने उन्हें उत्तरी काकेशस के संयुक्त पर्वतीय निवासी के तौर पर मान्यता भी दे दी.
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लेकिन, सोवियत संघ ने उसपर आक्रमण कर दिया और चेचेनो-इंगुश ऑटोनोमस सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक की स्थापना हुई. इससे जोसेफ स्टालिन को यह घोषणा करने का मौका मिला कि सभी चेचेन लोगों को यह इलाका छोड़ना होगा और उन्हें 'पुनर्वास' के नाम पर साइबेरिया भेज दिया गया.
कुछ इतिहासकारों का अनुमान है कि इस तानाशाही फरमान की तामील के दौरान इनकी आधी आबादी नष्ट हो गई. वर्षों बाद चेचेन लोगों को उनकी अपनी मातृभूमि पर लौटने की फिर से अनुमति दी गई. यूरोपीय संघ ने हाल ही में उनके निर्वासन को नरसंहार की संज्ञा दी है.
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चेचन्या कब आजाद हुआ ?
1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तब चेचेन गणराज्य की स्थापना हुई. इसकी आजादी के लिए लोगों ने लंबा संघर्ष किया है.
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इसकी वजह से चेचन्या के नागरिकों और रूस में एक दरार पैदा हो गई और इसपर 1994 में फिर से हमला कर दिया गया. इसकी वजह से पहला चेचन्या युद्ध शुरू हुआ और चेचेन गणराज्य ने रूसी सेना को हराकर 1995 में फिर से आजाद हासिल कर ली.
कुछ सालों बाद रूस ने फिर से हमला किया और इसे अपने नियंत्रण में ले लिया और इसकी सीमाएं अपने साथ मिला लीं रूस की दलील थी कि चेचन्या के आतंकी उसके रिहायशी इलाकों पर कई बम धमाका कर चुके हैं.
2009 के बाद रूस को लगा कि घरेलू आतंकवाद का खतरा खत्म हो चुका है. हालांकि, इलाके में विद्रोह की घटनाएं बरकरार रहीं. कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों का अनुमान है कि दूसरे चेचन्या युद्ध में 15,000 से 25,000 के बीच में नागरिक मारे गए थे.
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