कई अवॉर्ड जीतने वाली इस महिला टीचर ने 16 साल की लड़की से किया रेप, कोर्ट ने दी ये सजा

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Crime News : रेप कि घटनाएं आए दिन रिपोर्ट होती रहती है.लेकिन ये घटना कुछ हटके है जहां पर एक महिला टीचर ने एक बच्ची को इस कदर परेशान कर दिया कि उसने अपनी जान लेने तक की सोच ली.

एक स्कूल की टीचर ने अवैध संबंध के दौरान 16 साल की लड़की को सेक्स के लिए मजबूर कर दिया. जिसके बाद से वो उस बच्ची को लगातार ब्लैकमेल करती थी. इस घटना के ख़ौफ़ से उस बच्ची ने अपना मुंह कभी भी किसी के सामने नहीं खोला.

जिससे महिला अपनी सारी हदें पार करते हुए उस लड़की की आबरू से खेलने लगी. ना सिर्फ वो महिला उस बच्ची को परेशान करती थी बल्कि उससे न्यूड फोटो की भी डिमांड करती थी.

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ऐसे हुआ मामले का खुलासा

न्यूज एजेंसी Standard.uk की रिपोर्ट के अनुसार, 29 वर्षीय एरिन हैबलवाइट (Erin Habblewhite) नाम की महिला ने एक लड़की से सेक्स रिलेशन बनाने के लिए अश्लील मैसेज करके उसे पहले राजी किया.

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इसके साथ ही लड़की को लगातार "इनटेन्स और पैशनेट" सेक्स के लिए भी मानसिक तौर से तैयार किया. "इनटेन्स और पैसनेट" का मतलब उस तरह के रिलेशन से है जैसे लेस्बियन लड़कियां एक दूसरे को उत्तेजित करने के लिए करती हैं. ये घटना ऑस्ट्रेलिया की है.

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16 साल की इस लड़की से अवैध रिलेशन का खुलासा तब हुआ जब लड़की के परिवार ने उसके काम और व्यवहार में बहुत से बदलाव महसूस किए .परिवार के कई बार पूछने पर भी लड़की ने अपना मुंह बंद ही रखा.

अब परिवार लड़की के बारे में चिंतित हो रहा था. उनमें से एक सदस्य ने चालाकी से लड़की का फोन ले लिया. फोन को खंगालने के बाद हैबलवाइट के अश्लील मैसेज को देखकर पूरा परिवार हैरान हो गया. इसके बाद परिवार ने पूरे मामले की पुलिस में रिपोर्ट की.

कोर्ट ने माना महिला को दोषी

स्नेरेसब्रुक क्राउन कोर्ट के अनुसार, एक टीचर ने वेलंटाइन-डे के दिन इस घटना को उस समय अंजाम दिया था जब वो उस लड़की को लंच के लिए बाहर ले गई थी .वहां एक रेस्तरां के टॉयलेट में ले जाकर पहली बार उस लड़की के साथ उसने जबरन सेक्स (Sex) किया था. ये मामला अपने आप में मानवता को शर्मशार करने वाला था. जिसमें एक किशोरी को मानसिक तौर पर बीमार कर दिया.

जज नील सैंडर्स ने मंगलवार को उसे दो साल की जेल की सजा सुनाते हुए कहा कि, हैबलवाइट ने लड़की को मानसिक तनाव और चिंतित छोड़ दिया था. जिससे वो आत्महत्या करने तक की सोचने लगी थी.

जज ने आगे ये भी कहा कि "मुझे लगता है कि जस्टिस यानी उचित सजा केवल आरोपी को फौरन कस्टडी में करने से ही मिल सकती है".

हैबलवाइट को अदालत ने "बुद्धिमान और प्रतिभाशाली" महिला के रूप में माना .लेकिन जैसे ही सजा सुनाई गई थी,उसके आंख से आंसू छलक आए. जज को लिखे एक पत्र में, उसने ये माना कि वह लड़की पर पड़ रहे नेगेटिव प्रभाव को दरकिनार करते हुए अंधी हो गई थी.

साथ ही ये माना कि अब वो अपने द्वारा बनाए गए माहौल को देख सकती है, उसकी पीड़ा को वो महसूस कर रही थी. हैबलवाइट ने कहा था कि, मेरी तमाम कोशिशों के बाद भी अब कुछ बदला तो नहीं जा सकता, चाहे कितनी भी मैं कोशिश कर लूं. लेकिन मुझे अपनी गलती का एहसास है और उससे मैं शर्मिंदगीं महसूस कर रही थी.

हैबलवाइट को एक स्पोर्ट्स टीचर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. हैबलवाइट के वकील का ये कहना था कि टीचर के भेजे हुए मैसेज से ये साबित होता है कि 16 साल कि वो लड़की भी इस टीचर के प्रति आकर्षित थी.उनका आरोप था कि लड़की भी सेक्स के लिए टीचर के घर आती रहती थी. जिसके सबूत के तौर पर दो फोटोग्राफ्स भी पेश किए गए थे.

उस महिला ने पहले भी कई बार उस लड़की के साथ सेक्स करने की कोशिश की थी जिसे लड़की ने अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद से उस लड़की पर फोटो, फोन नंबर डिलीट करने का दबाव बनाया जाने लगा. लेकिन लड़की ने कुछ चींजे ही डिलीट की थी जिससे सबूत मिल पाए.

महिला टीचर ने ऐसा इसलिए करने को कहा था ताकि उसका नेम और फेम बना रहे. जो आखिर में सबके सामने आ ही गया. कहते हैं ना सच कितना भी छिपाया जाए, लेकिन छिप नहीं सकता. इसके साथ ही हैबलवाइट के पूरे टीचिंग करियर का लगभग खात्मा हो गया.

उन्होंने गूगल में एड्युकेशनल टीचिंग प्रोग्राम के लिए भी काम किया था. वो एक अच्छी और होनहार महिला थी, लेकिन इस सबने उसे बर्बाद कर दिया. अब कोर्ट का ये आदेश है कि वो किसी भी उस लड़की से मिल नही सकती. साथ ही सेक्सुअल हॉर्म प्रीवेंशन ऑर्डर के तहत किसी भी बच्चे के साथ अकेली नहीं रह सकती. या कोई भी ऐसा काम नहीं करेगी जिसमें बच्चे हो.

NOTE : ये स्टोरी Crime Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहीं अश्विनी सिंह ने लिखी है.

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