The Kashmir Files में 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या कबूल करने वाले बिट्टा कराटे की ये है असली कहानी

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The Kashmir Files Bitta Karate Story : कश्मीरी पंडितों का दर्द फिर से सुर्खियों में है. उनका दर्द अब हर किसी की जुबां पर है. कहीं आंसू तो कहीं गम. ये चर्चा हाल में आई फिल्म The Kashmir Files की वजह से है. जिसमें का एक सीन इन दिनों खूब वायरल हो रहा है.

उस सीन में फारुक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे (Farooq Ahmed Dar Bitta Karate) एक टीवी में इंटरव्यू दे रहा है. उस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में बिट्टा कराटे कहता है...

अगर मुझे अपनी मां या भाई को भी मारने का आदेश मिलता, तो मैं उनकी हत्या कर देता. और, ऐसा करने से पहले मैं बिल्कुल भी नहीं हिचकता...

ये सिर्फ फिल्मी डायलॉग नहीं बल्कि हकीकत में बिट्टा कराटे ने ऐसा ही एक इंटरव्यू में कहा था. अब वो असली इंटरव्यू भी सोशल मीडिया पर खूब चल रहा है. ऐसे में अब ये लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इतना कट्टर शख्स कौन है. कौन है बिट्टा कराटे जो कह रहा है कि आदेश मिलता तो अपनी मां को भी मारने से नहीं कतराता.

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कौन है बिट्टा कराटे?

Who is Bitta karate : बिट्टा कराटे JKLF यानी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का आतंकी रहा. यही बाद में अलगाववादी नेता के रूप में चर्चा में आया था. कहा जाता है कि इतनी हत्याएं करने के बाद वो यासीन मलिक की तरह ही बातचीत के जरिये कश्मीर समस्या का हल निकालने की बात करने लगा था.

बिट्टा कराटे का असली नाम फारुक अहमद डार है. चूंकि वो काफी तेज तर्रार और मार्शल आर्ट प्लेयर था. उसने कम उम्र में ही मार्शल आर्ट की बारीकियां सीख ली थी. कराटे में माहिर होने की वजह से उसका नाम बिट्टा कराटे पड़ गया.

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पाकिस्तान में जाकर बिट्टा कराटे ने ली थी आतंकी ट्रेनिंग

Bitta Karate Real Life Story in Hindi : मीडिया रिपोर्ट में ये कहा जाता है कि उसने सीमा पार जाकर पाकिस्तान में बने आतंकी कैंप में ट्रेनिंग ली थी. आतंकियों से हथियार चलाना सीखा. इसके बाद वो मार्शल आर्ट से असलहे चलाने का चैंपियन बन गया. फिर कश्मीर लौटा और भारत के खिलाफ जहर उगलने लगा था. और इसी जहरीली आग में उसने कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम करना शुरू किया था.

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Who is Bitta Karate : कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम करने के पीछे वो प्रशासन को जिम्मेदार ठहराता है. उसने कई मीडिया इंटरव्यू में ये दावा किया कि लोकल प्रशासन के जुल्म से वो तंग आ चुका था. इसलिए आतंकवाद की रहा चुनी.

इसीलिए वो जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट में शामिल हुआ. फिर उसे लिबरेशन फ्रंट ने कश्मीरी पंडितों को चुन-चुनकर हत्या करने का आदेश दिया था. इसीलिए उस आदेश को मानने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. अब चाहे वो कोई इंसान अपना हो या पराया. उसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

1990 में अरेस्ट हुआ था बिट्टा, 2006 में मिली थी जमानत

Bitta Karate Real Life ki kahani : इस कत्लेआम के बाद साल 1990 में बिट्टा कराटे को अरेस्ट कर लिया गया था. लेकिन मीडिया के सामने खुलकर हत्याएं कबूल करने वाला बिट्टा अदालत में जाते ही मुकर गया. उसने इन हत्याओं के बारे में कोर्ट में कबूल नहीं किया था.

लेकिन कोर्ट में उसके खिलाफ सही तरीके से सबूत और पक्ष नहीं रखे जाने की वजह से इतने कत्लेआम करने के बाद भी 2006 में बिट्टा कराटे को टाडा अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

जब उसे कोर्ट से जमानत दी गई तब टाडा अदालत के जस्टिस एनडी वानी ने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ऐसे गंभीर आरोप हैं जिस वजह से उसे मौत या फिर उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अभियोजन पक्ष ने केस में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा. इसलिए उसे जमानत पर छोड़ा जा रहा है.

साल 2019 में फिर अरेस्ट हुआ बिट्टा

The Kashmir Files Bitta Karate News : कोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद बिट्टा कराटे फिर से उसी आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था. आपको बता दें कि साल 2019 में जब पुलवामा में सेना पर आतंकी हमला हुआ था तब फिर बिट्टा कराटे पर टेरर फंडिंग का आरोप लगा था.

उसके बाद NIA ने बिट्टा कराटे को अरेस्ट कर लिया था. इस हमले के बाद ही केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने जेकेएलएफ पर बैन लगा दिया था. उसी समय से कई अलगाववादी नेता जेल की सलाखों में हैं.

देखिए वो वीडियो...

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