Salman'S House Firing Case: शूटरों की मुंबई बांद्रा से भुज तक की 'चेज स्टोरी', ऐसे मिला पहला सुराग
Galaxy Appartment Firing : सलमान खान के घर पर फायरिंग करने के बाद शूटर तो फरार हो गए थे, फिर पुलिस को उनका सुराग इतनी जल्दी कैसे मिल गया, ये बेहद दिलचस्प इनवेस्टिगेटिव स्टोरी है।
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Salman'S Galaxy Appartment Firing Case: मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा के गैलेक्सी अपार्टमेंट के असली हमलावर यानी विक्की और सागर की गिरफ्तारी का किस्सा भी कम दिलचस्प नहीं है। दोनों हमलावरों को पकड़े जाने का किस्सा सामने आया, उन्होंने क्या बताया क्या छुपाया इसके कयास मीडिया में खूब लगे लेकिन ये कोई भी बताने आगे नहीं बढ़ा कि आखिर सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर दनादन दनादन पांच फायर करने वाले विक्की और सागर के बारे में पुलिस को पहला सुराग कब कहां और कैसे मिला। ये खुलासा वाकई जबरदस्त है।
बांद्रा के रेलवे प्लेटफार्म से मिला सुराग
असल में इन दोनों के बारे में सबसे पहला सुराग़ बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से मिला। गैलेक्सी पर गोली चलाने के बाद दोनों इसी बाइक से सबसे पहले माउंट मेरी पहुंचे थे। वहां इन्होंने अपनी बाइक पार्क की और फिर एक ऑटो लेकर बांद्रा रेलवे स्टेशन पहुंचे। बाइक पार्क करने के साथ ही दोनों ने अपने हेलमेट भी उतार दिए थे। अब वो आगे जिस कैमरे में भी रिकॉर्ड होते उनका चेहरा साफ दिखता। पर सिर्फ चेहरे से पुलिस उनका कब तक और कहां तक पीछा करती? लिहाजा क्राइम ब्रांच की टीम रविवार सुबह चार बज कर 50 मिनट के आस-पास गैलेक्सी के बाहर का डंप डाटा कलेक्ट करती है। चूंकि सुबह का वक्त था लिहाजा बहुत सारे नंबर एक्टिव नहीं थे। जो एक्टिव थे, उनमें से कुछ नंबरों पर पुलिस जीरो इन करती है। इसी बीच सीसीटीवी कैमरे से दोनों हमलावर बांद्रा रेलवे स्टेशन पर नजर आते हैं। उनकी लावारिस बाइक माउंट मेरी से मिल चुकी थी। पुलिस नोटिस करती है कि गैलेक्सी के पास जो नंबर एक्टिव थे, वही दो नंबर अब बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास भी एक्टिव नजर आ रहे थे।
मोबाइल नंबरों पर लगाई नज़र
बाद में दोनों हमलावर सांताक्रूज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर नजर आते हैं। इत्तेफाक से वही दोनों नंबर अब सांताक्रूज में भी एक्टिव दिखाई देते हैं। अब पुलिस कनफर्म हो जाती है कि ये दोनों नंबर हमलावरों के हैं। अब इन नंबरों के जरिए पुलिस उनकी लोकेशन पर नजर गड़ाना शुरू कर देती है।
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जांच में दयानायक की एंट्री
अब यहां जांच में एंट्री होती है मुंबई में किसी जमाने में एनकाउंटर स्पेश्लिस्ट के तौर पर अपना नाम कमा चुके दयानायक की। असल में पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 9 को दयानायक ही लीड कर रहे हैं। उन्हें पता था कि अब इन्हीं दो मोबाइल नंबरों की मदद से वो हमलावरों को दबोच सकते हैं। लेकिन दोनों हमलावर भी उतनी ही तेजी से अपनी लोकेशन बदल रहे थे। दोनों मुंबई से दहिसर और दहिसर से सूरत पहुंचते हैं।
सूरत की ताप्ती नदी में फेंके तमंचे
सूरत की ताप्ती नदी में दोनों उस तमंचे को फेंक देते हैं, जिससे गैलेक्सी पर पांच गोलियां चलाई थी। हथियार ठिकाने लगाने के बाद अब दोनों ट्रेन के रास्ते सूरत से अहमदाबाद पहुंचते हैं। दया नायक की टीम अब भी दोनों की लोकेशन का लगातार पीछा कर रही है। अब तक टीम ये समझ ही नहीं पा रही थी कि दोनों कहां भागना चाहते हैं? शुरू में उन्हें लगा कि शायद वो राजस्थान की तरफ जाएंगे। लेकिन फिर तभी लोकेशन के जरिए ये पता चला कि दोनों अहमदाबाद से बस के रास्ते भुज की तरफ निकल पड़े। इसी के बाद क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग टीमें भी दोनों को पकड़ने के लिए मुंबई से गुजरात के लिए रवाना हो जाती है।
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शूटरों का मूसेवाला कनेक्शन
दोनों भुज में जिस रास्ते पर आगे बढ़ रहे थे वो रास्ता नखत्रणा टाउन की ओर जाता है। इत्तेफाक से दो साल पहले सिद्धू मूसेवाला के दो शूटरों को पुलिस ने भुज के इसी इलाके से पकड़ा था। यानी ये वो इलाका है, जहां लॉरेंस बिश्नोई का कोई ना कोई पनाहगार छुपा हुआ है। जो उसके गुर्गों को इन इलाकों में छुपाता है या पनाह देता है। भुज की लोकेशन मिलते ही क्राइम ब्रांच यूनिट 9 के इंचार्ज दया नायक तुरंत भुज के एसएसपी को फोन कर दोनों हमलावरों की पूरी जानकारी देते हैं। जानकारी मिलते ही भुज पुलिस शाम को नखत्राणा पहुंचने वाली तमाम बसों और टैक्सी ड्राइवरों से पूछताछ करती है। उन्हें दोनों हमलावरों की वो तस्वीर भी दिखाती है, जो मुंबई पुलिस ने उन्हें भेजी थी। इत्तेफाक से एक बस ड्राइवर तस्वीर देखते ही दोनों को पहचान लेता है। और बताता है कि कुछ देर पहले ही दोनों नखत्राणा के ही माता का मठ मंदिर के पास उतरे थे।
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मंदिर में सोते मिले शूटर
बस ड्राइवर ये जानकारी मिलते ही भुज पुलिस की एक टीम फौरन माता का मठ पहुंच जाती है... इस पूरे इलाके में इस मंदिर की बहुत मान्यता है। कुछ वक्त पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां आ चुके हैं। अब भुज पुलिस मंदिर पहुंच कर पूछताछ करती है। पूछताछ में पता चलता है कि उस हुलिए के दो लोग मंदिर परिसर के अंदर सो रहे हैं। पुलिस दोनों को सोते हुए हालत में ही गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद उन्हें भुज के ही दयापुर थाने लाया जाता है। दोनों की गिरफ्तारी की खबर क्राइम ब्रांच को दी जा चुकी थी।
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