पकड़े गए नाबालिग के क़ातिल, दिल्ली पुलिस ने इस तरह सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

TANSEEM HAIDER

20 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 22 2024 12:16 PM)

Delhi Crime: किडनैपिंग के बाद युवक को खेत पर ले गए जहाँ वो उसे तब तक पीटते रहे जब तक विशाल की मौत नहीं हो गई।

जांच में जुटी पुलिस

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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने 1 अप्रैल को नरेला में हुए हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि चौथा आरोपी नाबालिग है। आउटर नॉर्थ दिल्ली पुलिस ने कत्ल के केस में आयुष, सिवांश और मोहित को गिरफ्तार किया है। चौथे नाबालिग आरोपी को भी हिरासत में ले लिया गया है। डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक 1 अप्रैल, 2024 को दिल्ली के नरेला में एक 14 साल के नाबालिग की हत्या कर दी गई थी। युवक का नाम विशाल था जो कि स्वतंत्र नगर, नरेला का रहने वाला था। दरअसल विशाल को मरणासन्न हालत में कुछ लोग असपताल में छोड़ कर भाग गए थे। 

पीटने से हुई नाबालिग की मौत

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पूछताछ के दौरान ड्यूटी कांस्टेबल ने विशाल के मोबाइल फोन की जांच की तो उसपर लगातार एक कॉल आ रही थी। मोबाइल नंबर 82 * * * * * * 20, फोन करने वाले ने विशाल के पिता होने का दावा किया। पुलिस अफसरों ने कॉलर को अस्पताल बुलाया तो पता चला कि कॉल करने वाला कोई और नहीं बल्कि विशाल के पिता संजय थे। संजय ने शव की पहचान उनके बेटे विशाल के रूप में की। इसके बाद शव को बीजेआरएम अस्पताल के मुर्दाघर में भेज दिया गया, जहां पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद विशाल के शव को उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। मृतक के पिता संजय ने अपने बयान में आरोप लगाया कि दीपक (एक सैनिक का बेटा) और प्रतीक नाम के दो लड़कों ने विशाल का अपहरण कर लिया था और उसे बुरी तरह पीट कर मार डाला। 

इस तरह सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

विशाल के पिता संजय के बयान के बाद दिल्ली के थाना नरेला में मामला दर्ज हुआ और जांच शुरु की गई। जाँच के दौरान एक आरोपी मोटा उर्फ दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी मोटा ने खुलासा किया कि वह एक बैटरी का व्यवसाय चलाता था, जिसके तहत दुकानदारों को बैटरी किराए पर दिया करता था। मोटा ने ही दुकानदारों तक बैटरी लाने ले जाने के लिए विशाल को काम पर रखा था। मोटा को विशाल और उसके दोस्त साहिल पर उसकी बैटरी चोरी करने का शक था। 31 मार्च, 2024 को लगभग 2-3 बजे मोटा और उसका दोस्त प्रतीक गायब बैटरी के बारे में पूछताछ करने के लिए विशाल के घर गए, जहाँ उनका सामना विशाल से हुआ। विशाल अपने फोन को रिचार्ज करने के बाद बैंकनेर गांव में तालाब के पास उनसे मिलने के लिए तैयार हो गया। 

चोरी के शक पर कर दिया मर्डर

जब विशाल तय समय पर तालाब के पास पहुंचा तब मोटा ने चोरी हुई बैटरियों के बारे में पूछताछ की। विशाल के दोस्त साहिल को भी तालाब पर बुलाया गया था। पूछताछ के बाद मोटा और शिवांश विशाल को साहिल के सामने एक केबल से बेरहमी से पीटते हैं। इसके बाद मोटा ने अपने अन्य दोस्तों, मोहित, आयुष और एक नाबालिग लड़के को बुला लिया। साथ में उन्होंने विशाल का जबरन अपहरण कर लिया और उसे मोटरसाइकिल पर लामपुर गांव में खेत पर ले गए जहाँ वो उसे तब तक पीटते रहे जब तक विशाल की मौत नहीं हो गई। विशाल के पूरे शरीर पर चोटें आई थीं। पुलिस से बचने के लिए मोटा और प्रतीक ने विशाल को इलाज के लिए एसआरएचसी अस्पताल में भर्ती करा दिया और फरार हो गए। केस दर्ज होने के बाद बाकी कत्ल के आरोपियों को पकड़ने के लिये एक टीम लगातार काम कर रही थी। जाँच के दौरान टीम ने घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की। तब कहीं जाकर ये सभी आरोपी पकड़े गए। 

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