Poisonous liquor case: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत के बाद अब सत्ताधारी दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है और इसी क्रम में एनडीए की सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी युवा मोर्चा ने बिहार में शराबबंदी कानून समाप्त करने की बड़ी मांग उठाई है.
बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब कांड, जहरीली शराब से 10 मौतें
16 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)
बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब कांड, जहरीली शराब से 10 मौतें
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शराबबंदी के बावजूद बिहार का पीछा जहरीली शराब कांड से नहीं छूटा है. इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में ही चार लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. परिजनों के मुताबिक मरनेवाले सभी लोग शराब का सेवन किए थे और दारू पीने के बाद ही इनकी तबीयत खराब हुई थी.
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Bihar Crime News: 'शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते?'
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के वरिष्ठ प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जब केंद्र सरकार किसी कानून को वापस ले सकती है तो फिर बिहार में मुख्यमंत्री शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते? आज बिहार के सभी जिलों में शराबबंदी के कारण जहरीली शराब मिल रही है और गरीबों की मौत हो रही है. यह सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.''
'अधिकारियों के चलते शराबबंदी कानून फेल'
वहीं दूसरी तरफ सरकार के एक और सहयोगी दल बीजेपी ने भी नीतीश कुमार के ऊपर जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर हमला किया है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अगर शराबबंदी कानून फेल है तो उसकी वजह अधिकारियों की फौज है जो इस कानून का पालन नहीं करवा रही है और इसका इस्तेमाल धन उगाही के लिए कर रही है. बीजेपी नेता अरविंद कुमार सिंह ने कहा ''अगर सारे अधिकारियों की संपत्ति की जांच हो तो शराब बंदी कानून समझ में आ जाएगा.''
'नीतीश कुमार को देना चाहिए इस्तीफा'
दूसरी तरफ विपक्षी आरजेडी ने भी बिहार में शराबबंदी कानून फेल होने की बात कही. पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में जिस तरीके से जहरीली शराब से लगातार मौत हो रही है उसकी जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
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