राष्ट्रपति चुनाव के बारे में जानिए A to Z.. कैसे चुने जाते हैं देश के राष्ट्रपति.. हरे और गुलाबी मतपत्रों का क्या है मतलब?

MANISHA JHA

29 Jun 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:21 PM)

ये चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन से होता है। यानि की राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज करता है। जनता की वोट से जीते हुए विधायक और सांसद के पास राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने का हक़ होता है।

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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। एनडीए ने इस बार झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष की तरफ़ से यशवंत सिन्हा चुनावी मैदान में हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच आज आपको राष्ट्रपति चुनाव के बारे में विस्तार से बताते हैं।

देश में चुनाव और चुनावी माहौल यूं तो किसी त्योहार से कम नहीं होता। चुनाव का मतलब ही होता है चयन करना यानि अपना पसंदीदा नेता चुनना। इस समय देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल है कि जब हम वोट ही नहीं डालते तो देश का राष्ट्रपति आख़िर चुनता कौन है? राष्ट्रपति का चयन कैसे होता है? देश के सबसे ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति का चयन कैसे होता है? तो चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं कि देश का पहला नागरिक यानि की देश का राष्ट्रपति कैसे चुना जाता है?

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ये बात तो अब आप जान गए हैं कि राष्ट्रपति का चयन देश में होने वाले अन्य चुनावों से अलग होता है। इस चुनाव में आप सीधे तौर पर वोट नहीं करते बल्कि आपके वोटों से जीते और चुने हुए प्रतिनिधि इसमें वोटिंग करते हैं। इस तरह से ये चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन से होता है। यानि की राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज करता है।

जनता की वोट से जीते हुए विधायक और सांसद के पास राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने का हक़ होता है। हालाकि संसद में नामित सदस्य और विधान परिषदों के सदस्य वोट नहीं डाल सकते हैं और इसकी वजह उनका सीधे जनता के द्वारा नहीं चुना जाना है। राष्ट्रपति चुनने के लिए जो सांसद और विधायक वोट डालते हैं उन्हें इलेक्टोरल कॉलेज यानि निर्वाचन मंडल कहा जाता है।

चलिए अब आपको बताते हैं कि राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? अंक गणित क्या कहता है? कैसे आते हैं नतीजे?

राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की योग्यता

- भारत का नागरिक होना ज़रूरी

- कम से कम 35 साल की उम्र

- लोकसभा का सदस्य बनने योग्य

- केंद्र या राज्य के अंदर लाभ का कोई पद ना हो

कैसे नामांकन होता है दाखिल?

- 15 हज़ार से ज़्यादा रूपये जमा कराना ज़रूरी

- 50 प्रस्तावक औक 50 समर्थकों के हस्ताक्षर की सूची जमा करना

- निर्वाचक में से कोई भी हो सकता है प्रस्तावक और समर्थक

- एक ही उम्मीदवार के नाम का प्रस्तावक या समर्थक बनना संभव

राज्य के वोट का वेटेज कैसे होता है तय?

- सांसदों और विधायकों के वोट की वैल्यू अलग-अलग

- दो राज्यों के विधायकों के वोटों का वेटेज भी अलग

- राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है वोट का वेटेज

- राज्य की कुल जनसंख्या को विधायकों की कुल संख्या से बांटा जाता है

- हासिल अंक को 1000 से भाग दिया जाता है

- आखिरी में अंक बचता है वो उस राज्य का वोट वेटेज होता है

वोट वैल्यू कैसे होती है तय?

- राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज में 4809 सदस्य

- राज्यसभा के 233, सदस्य वोटिंग मे लेंगे हिस्स

- लोकसभा के 543 सदस्य करेंगे वोट

- सभी राज्यों की विधानसभाओं को कुल 4033 सदस्य करेंगे वोट

- हर राज्य के वोट की वैल्यू अलग

- इस बार संसद सदस्य को वोट की कीमत 700

- विधायकों के वोट की कीमत जनसंख्या के हिसाब से होती है तय

विधायकों के वोट वैल्यू को तय करने का मानक क्या है?

- राज्य की जनसंख्या और विधानसभा सदस्यों की संख्या वोट वैल्यू तय

- इस तरह सभी राज्यों के विधायकों के वोटो का वेटेज कुल 543231 है

- संसद सदस्यों के वोटो का वेटेज 543200 है

- सांसद और विधायकों को मिलाकर कुल वोटों का वेटेज 1086431 है

हरे और गुलाबी मतपत्रों का क्या इस्तेमाल?

- सांसदों को हरा और विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र दिया जाता है

- सभी को वोट करने के लिए स्पेशल पेन भी दिया जाता है

- मतपत्र पर सभी उम्मीदवारों के नाम होते हैं

- अपने प्रेफ़रेंस के मुताबिक उम्मीदवार का नाम उस पेन से लिखना होता है

- अपनी वरीयता को 1 या 2 अंक को तौर पर लिखना होता है

- जिस पेन से ये अंक लिखना होता है वो भी चुनाव आयोग ही देता है

- किसी और पेन से लिखने पर वोट अमान्य माना जाता है

- वोटर सिर्फ़ अपने पसंद के सिर्फ एक ही उम्मीदवार का नाम लिख सकता है

- सेकेंड चॉइस लिखना ज़रूरी नहीं होता

कैसे तय होता है राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम?

- निश्चित कोटे से सबसे ज़्यादा वोट पाने वाला होता है विजेता

- हर उम्मीदवार के लिए डाले गए वोटों को जोड़कर 2 से भाग करके और भागफल में ‘1’ जोड़कर तय होता है कोटा

- तय कोटे से ज़्यादा वोट पाने वाला जीतता है चुनाव

- कम वोट वाले प्रत्याशी को हटा दिया जाता है

- उसके मतपत्र को बचे हुए उम्मीदवारों के बीच सेकेंड चॉइस के तौर पर दिया जाता है

- हर उम्मीदवार के लिए काउंटिग प्रोसेस को दोहराया जाता है

- ये तब तक चलता है जब तक कोई तय कोटे से ऊपर मत ना पा ले

- इसके अलावा एलीमिनेशन के बाद आखिरी में एक ही उम्मीदवार बचे

- वो आखिरी व्यक्ति ही देश का पहला नागरिक बन जाता है, यानि राष्ट्रपति चुनाव जीत जाता है

देश का पहला, दूसरा,तीसरा... नागरिक कौन?

- देश का पहला और सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति होते हैं

- दूसरा सर्वोच्च नागरिक उपराष्ट्रपति होते हैं

- तीसरे नंबर पर आते हैं देश के प्रधानमंत्री

- चौथे पर सभी राज्यों के राज्यपाल

- पांचवे नंबर पर पूर्व राष्ट्रपति और उप प्रधानमंत्री

- छठे नंबर पर मुख्य न्यायधीश और लोकसभा अध्यक्ष

- सातवें नंबर पर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, योजना आयोग के अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता

- देश के किसी भी आम नागरिक की जगह 27वें नंबर की होती है

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