Hijab controversy : कर्नाटक हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, क्लासरूम में हिजाब और भगवा शॉल नहीं ले जा सकेंगे

SUNIL MAURYA

11 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश, भगवा शॉल और हिजाब दोनों पर क्लासरूप में पाबंदी Hijab controversy Karnataka High Court orders not to carry hijab, saffron shawls in classrooms

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Hijab controversy Latest News : कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. इस फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि सभी लंबित याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों को फिर से शुरू करें.

इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी आदेश दिया कि कोई भी स्टूडेंट किसी क्लासरूम के भीतर भगवा शॉल, गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक झंडा लेकर नहीं जा सकता है. यानी हाई कोर्ट ने सीधे और स्पष्ट रूप से इन पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश केवल ऐसे संस्थानों पर लागू होगा जहां की महाविद्यालय विकास समिति ने विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड या यूनीफार्म लागू की है।

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स्टूडेंट किसी भी धर्म या आस्था से हों, आदेश सभी के लिए : कोर्ट

Hijab controversy : मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ हम राज्य सरकार और सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे शिक्षण संस्थानों को खोलें और विद्यार्थियों को कक्षाओं में यथाशीघ्र लौटने की अनुमति दें।

संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने के मद्देनजर अगले आदेश तक हम सभी विद्यार्थियों को भले वे किसी धर्म और आस्था के हों, कक्षा में भगवा शॉल, गमछ़ा, हिजाब, धार्मिक झंडा या इस तरह का सामान लेकर आने पर रोक लगाते हैं।’’

इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश अवस्थी के अलावा न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम काजी भी शामिल है। अदालत ने बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया था जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।

आदेश में न्यायाधीशों ने गत कुछ दिनों से चल रहे प्रदर्शन और शिक्षण संस्थानों के बंद होने पर पीड़ा व्यक्त की, ‘‘खासतौर पर तब जब अदालत इस मामले पर विचार कर रही है और संवैधानिक महत्व और पसर्नल कानून पर गंभीरता से बहस चल रही है।’’

अदालत ने रेखांकित किया कि भारत बहु संस्कृति, विभिन्न धर्मों और भाषाओं का देश है। पीठ ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते देश स्वयं की किसी धर्म से पहचान नहीं करता। अदालत ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने धार्मिक विश्वास का पालन करने का अधिकार है।

Hijab controversy Court Order : अदालत ने टिप्पणी की कि,

‘सभ्य समाज होने के नाते, किसी भी व्यक्ति को धर्म, संस्कृति या ऐसे ही विषयों को सार्वजनिक शांति और सौहार्द्र को भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अंतविहीन प्रदर्शन् और अनिश्चित काल के लिए शिक्षण संस्थानों की बंदी प्रसन्न करने वाली घटना नहीं है।’’

अदालत ने कहा कि विद्यार्थियों का बेहतर हित उनके कक्षाओं में वापस जाने से है बजाय लगातार प्रदर्शन करने से। शिक्षण संस्थानों के बंद होने के नतीजे पर पीठ ने कहा कि अकादमिक वर्ष जल्द समाप्त होने वाला है और उम्मीद करते हैं कि सभी हितधारक और जनता शांति और सद्भावना बनाए रखेगी। अदालत ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की है।

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम लड़की द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की गई। लड़की ने न्यायमूर्ति दीक्षित की एकल पीठ द्वारा हिजाब पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी है,जो मंगलवार से सुनवाई कर रही थी और मुख्य न्यायाधीश अवस्थी को यह विचार रखते हुए मामले को भेज दिया था कि बड़ी बेंच इसपर सुनवाई कर सकती है।

कर्नाटक सरकार ने स्कूलों को खोलने के संदर्भ में उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी के मद्देनजर बृहस्पतिवार रात को फैसला किया कि सोमवार से हाईस्कूल की कक्षाएं बहाल होंगी।

सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों को धर्म से जुड़ा कुछ भी पहनकर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिससे लोग भड़क सकते हैं।

गौरतलब है कि हिजाब का विवाद उडुपी के महाविद्यालय में सबसे पहले तब शुरू हुआ था जब छह लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर कक्षा में आईं और उनके जवाब में महाविद्यालय में हिंदू विद्यार्थी भगवा गमछा पहनकर आने लगे।

धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का महौल पैदा हो गया और हिंसा हुई।

इसके बाद कर्नाटक सरकार ने किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बुधवार से राज्य के माध्यमिक और विश्वविद्यालय पूर्व कक्षाओं में तीन दिन की छुट्टी घोषित कर दी।

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