जापान में शिंजो आबे पांचवें नेता हैं जिन पर चली गोली, ये पूर्व प्रधानमंत्री फायरिंग में बचे थे बाल बाल
Shinzo Abe Dead: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हुआ जानलेवा हमला (Shots fired) जापान में पहला ऐसा हमला नहीं है जिसमें वहां के किसी सियासी नेता (Political Figure) को निशाना बनाया गया हो।
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Shinzo Abe Shot Dead: जापान (Japan) में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबो (SHINZO ABE) को एक चुनावी सभा (Election Campaign) में गोली मार दी गई। और जापानी वक़्त के मुताबिक वहां के क़रीब साढ़े पांच बजे शिंजो आबे ने आखिरी सांस (Last Breath) ली...।
शिंजो आबे को जिस तरह से गोली मारी गई उसने ये बहस ज़रूर छेड़ दी कि जिस देश में हथियार रखने का क़ानून दुनिया में शायद सबसे कठिन है...जहां कोई भी आदमी हथियार नहीं खरीद सकता। जहां हथियारों का लाइसेंस हासिल करना एवरेस्ट फतह करने से कम नहीं...वहां के पूर्व प्रधानमंत्री को इस तरह सरेआम दिन दहाड़े गोली मार देना उस देश के लिए कितनी चौंकाने वाली घटना हो सकती है।
कहते हैं जापान के इतिहास में ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब वहां के किसी पूर्व प्रधानमंत्री को यूं सबके सामने सरेआम गोली मारी गई और बाद में उनकी मौत हो गई। हालांकि इससे पहले भी वहां सियासी नेताओं और आला अफसरों पर गोली चलाने की कई वारदात हो चुकी हैं...लेकिन ये सब गुज़रे जमाने की बातें हैं।
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जापान का इतिहास गवाह है कि 1990 में पहली बार ऐसी वारदात सामने आई थी जब किसी सियासी शख्सियत पर गोली चलाई गई थी।
1990 में नागासाकी शहर के तत्कालीन मेयर मोतोशिमा हितोशी को एक दक्षिण पंथी ग्रुप के सदस्य ने उस वक़्त गोली मारी थी जब वो एक सभा में भाषण दे रहे थे। इस घटना में मेयर मोतोशिमा गंभीर रुप से घायल हो गए थे, लेकिन उनकी जान बच गई थी।
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1992 में दक्षिण पंथी ग्रुप के एक बंदूकधारी ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उस समय के उपाध्यक्ष कानेमारी शिन पर उस वक़्त हमला किया था जब वो उत्तर टोक्यो में एक सभा को संबोधित करके मंच से उतर रहे थे। इस हमले में कानेमारी बाल बाल बच गए थे।
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1994 में भी इसी तर्ज पर एक हमला हुआ था जब पूर्व प्रधानमंत्री होसोकावा मोरिहिरो पर टोक्यो के एक होटल में फायर किया गया था। बताया जाता है कि ये हमला भी वहां के एक दक्षिण पंथी ग्रुप के सदस्य ने ही किया था। इस हमलें में मोरिहिरो का बाल भी बांका नहीं हुआ था।
1995 में जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के तत्कालीन कमिश्नर जनरल कुनिमात्सु तकाजी पर टोक्यों में उनके ही घर पर हमला किया गया था। इस हमले में कमिश्नर जनरल कुनिमात्सु गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
2007 में नागासाकी के मेयर इतो इत्छो माफिया के एक हमले में मारे गए थे।
बताया जाता है कि नागासाकी के मेयर की हत्या की उस घटना के बाद जापान में लोगों से हथियारों के लाइसेंस जब्त करवा लिए गए थे और सरकार ने हथियार के लिए लाइसेंस के क़ानून बेहद सख्त कर दिएथे। ये क़ानून इतने सख्त हैं कि जापान में किसी को भी हथियारों का लाइसेंस आसानी से हासिल नहीं हो पाता।
वहां जिस किसी को भी हथियारों के लाइसेंस की ज़रूरत होती है तो उसे सरकार की तरफ से बताई गई कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है, और उसके बाद भी सरकार की अलग अलग एजेंसियों की सिफारिश के बाद लाइसेंस मिल पाता है, जिसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है।
125 मिलियन यानी करीब साढ़े 12 करोड़ की आबादी वाले जापान में साल 2018 में उस वक़्त हड़कंप मच गया था जब सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक वहां पूरे साल निजी बंदूकों की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई थी।
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