Hospital Negligence: कानपुर के अस्पताल में इंसानियत की मौत, बेटा पर्चा भरता रहा मां दम तोड़ती रही

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Hospital Negligence: कानपुर के अस्पताल में इंसानियत की मौत, बेटा पर्चा भरता रहा मां दम तोड़ती रही
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Hospital Crime: कुछ अरसा पहले फिल्म आई थी मुन्नाभाई MBBS। उस फिल्म में अस्पताल (Hospital) के उस बंदोबस्त (System) पर चोट की गई थी जिसमें किसी भी मरीज का इलाज करने से पहले उसके लिए जरूरी फॉर्म को भरने की व्यवस्था है।

लेकिन करीब 20 साल पहले आई इस फिल्म का एक भयानक और सबसे ताजा चेहरा कानपुर के एक अस्पताल में जरूर देखने को मिला। जहां एक लड़का फॉर्म के लिए अस्पताल में एक काउंटर से दूसरे काउंटर तक ही भटकता रहा और उसकी मां ने इलाज के इंतजार में एड़ी रगड़ रगड़ कर अपना दम तोड़ दिया।

खबरों का खुलासा यही है कि जिस बेटे की मां ने अस्पताल के भीतर इलाज के अभाव में दम तोड़ा वो बेटा डॉक्टरों से लगातार मिन्नतें करता रहा कि पर्चा बाद में भरा जा सकता है, इलाज को पहले शुरू कर दिया जाए। लेकिन उसकी बात वहां मौजूद किसी भी डॉक्टर ने नहीं सुनी।

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बताया जा रहा है कि जिस दौरान वो लड़का मां की इलाज की खातिर पर्चा भरने के लिए भटक रहा था उसी दौरान बदहवासी के आलम में उसकी जेब से रुपये भी गिर गए। जिन्हें दोबारा पाने में उसे काफी देर भटकना पड़ा। जिसकी वजह से उसे फॉर्म को भरकर जमा करने में इतनी देर हो गई कि उसकी मां का दम वहीं स्ट्रेचर पर पड़े पड़े निकल गया।

Kanpur Death Story: असल में कानपुर के चकेरी इलाके के टटियन में रहने वाला अशोक पेंटर अपनी मां को सीने में दर्द और सांस की तकलीफ की वजह से कांशीराम अस्पताल पहुँचा था।

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आकाश के मुताबिक वो करीब 13 हज़ार रुपये लेकर अस्पताल पहुँचा था। लेकिन जब वो अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गया तो उसे ओपीडी में जाने को कह दिया गया। लेकिन जब वो ओपीडी पहुँचा तो उसे इमरजेंसी केस बताकर वहां से फिर इमरजेंसी में भेज दिया गया। तीन बार यहां से वहां तक दौड़ने के दौरान उसकी जेब से रुपये भी गिर पड़े।

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तभी उससे अस्पताल का पर्चा भरने को कहा गया। इस बीच अशोक लगातार डॉक्टरों से गुहार लगाता रहा कि जैसे भी हो पहले इलाज शुरू कर दिया जाए। लेकिन उसे पर्चा भरे बगैर इलाज न मिलने की बात ही सुनाई देती रही। इसी बीच उसके पैसे जब अस्पताल में ही गिर गए थे तो वो पैसे वहां की एक महिला कर्मचारी को मिल गए थे।

Latest Kanpur Crime: जिसे उसने अस्पताल के सीएमएस के पास जमा करवा दिए थे। और जब अशोक अपने पैसे ढूंढ़ते ढ़ूढ़ते उस महिला के पास पहुँचा तो उसे सीएमएस के पास पहुँचा दिया गया। लेकिन वहां उससे उसके पैसों का प्रूव देने को कहा गया।

इसी बीच उसके इलाके की पार्षद और पुलिस भी मौके पर पहुँच गई। तो जैसे तैसे मामला सुलट सका। ये सब कुछ इतनी देर तक होता रहा कि अशोक की मां विजमा का वड़ी पड़े पड़े दम निकल गया।

हालांकि इस बारे में जब अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर स्वदेश गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने इलाज के अभाव में महिला की मौत के मामले से सीधे तौर पर पल्ला झाड़ लिया। हालांकि गिरे हुए रुपयों का जिक्र उन्होंने बहुत जोर शोर से जरूर किया।

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