जेल में कोई पढ़ने को नहीं कहता, इसलिए 16 की उम्र में वो कातिल बना, 13 साल के बच्चे का मर्डर
UP Ghaziabad Murder Mystery : दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में 16 साल के लड़के ने 13 साल के बच्चे का किया मर्डर. आरोपी लड़का पढ़ाई नहीं करना चाहता था. फैमिली वाले पढ़ने का बनाते थे दबाव.
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Ghaziabad Murder Story : उसकी उम्र महज 16 साल. पढ़ाई 10वीं क्लास में. चाहत पढ़ाई छोड़ देना. पर घरवाले किसी भी कीमत पर उसे चाहते थे पढ़ाना. और वो हर कीमत पर इस पढ़ाई को छोड़ना चाहता था. इसी जद्दोजहद में वो मासूम किताबों की जगह वीडियो देखने लगा. ये पता करने लगा कि आखिर ऐसा क्या कर सकते हैं कि पढ़ाई ना करनी पड़े. करीब 7 महीने तक वो इस पर रिसर्च करता है. फिर एक दिन वो एक खौफनाक कदम उठाता है. और इस कदम को उठाने के बाद उसके खुद के कदम अपनेआप पुलिस थाने में पहुंच जाते हैं.
यहां जब पुलिस उससे बात करती है. तो पहले किसी पुलिसवाले को यकीन ही नहीं होता है. पर पुलिस के पास उसकी बात पर भरोसा नहीं करने का दूसरा कोई चारा भी नहीं था. पुलिस उसके बताए हुए एक जगह पर जाती है. उस जगह पर एक लाश मिलती है. वो लाश एक बच्चे की होती है. उम्र करीब 13 साल.
इस बच्चे का कातिल कोई और नहीं बल्कि वही 16 साल का बच्चा होता है. इस कत्ल के पीछे कोई और वजह नहीं, बल्कि वही पढ़ाई नहीं करने की चाहत. और उसकी इसी खतरनाक चाहत की बलि चढ़ा वो 13 साल का मासूम. क्राइम की कहानी (Crime Story in Hindi) में दिल्ली से सटे गाजियाबाद की एक सनसनीखेज मर्डर की खबर. जिसे जानकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो जाएंगे.
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16 साल का एक लड़का ऐसे बन गया खतरनाक कातिल
Murder Story : तारीख 22 अगस्त. शाम के करीब 4 बजे. 16 साल का एक लड़का गाजियाबाद देहात की एक पुलिस चौकी गार्डन एनक्लेव में आता है. हावभाव थोड़े अजीब. लेकिन चेहरे पर कोई शिकन नही. पुलिस चौकी में मौजूद पुलिसवाले को बताता है कि उसने एक मर्डर कर दिया है. ये भी बताया कि उसने मिसलगढ़ी एक्सप्रेस-वे के पास झाड़ियों में उसने हत्या कर शव को छुपाया है. अगर पुलिस चाहे तो वो शव को दिखा सकता है.
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ये सुनते ही पुलिसकर्मी चौंक गए. सीनियर पुलिस अधिकारियों को सूचना दी. इसके बाद उस किशोर के बताए स्थान पर पहुंचे. वहां वाकई में एक बच्चे का शव मिला. उसकी पहचान 13 साल के नीरज के रूप में उसी औरापी लड़के ने कराई. ये भी बताया कि लड़का उसके पड़ोस में ही रहता है. पहले तो उसने हत्या की वजह को लेकर पुलिस को भटकाने का प्रयास किया. ये बताया कि उस लड़के ने गाली दी थी. इससे नाराज होकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. लेकिन बाद में ये पता चला कि असली वजह तो कुछ और थी. असल में पढ़ाई से छुटकारा पाने के लिए उसे जेल जाना था. और जेल जाने के लिए कोई क्राइम करना था. क्राइम भी ऐसा जिससे वो ज्यादा समय तक जेल में रह सके. इसलिए उसने जुर्म की दुनिया की सबसे बड़ा अपराध किया. वो क्राइम था मर्डर.
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अब मर्डर करने के लिए भी एक जिंदा इंसान की जरूरत थी. ये इंसान ऐसा होना चाहिए थी जिसे वो आसानी से मार सके. इसलिए उसने एक मासूम को चुना. जो उससे कमजोर हो. फिर उसने अपने मोहल्ले के ही 13 साल के बच्चे को चुना. और मरने वाले बच्चे की गलती बस यही थी. उसकी उम्र मासूम थी. और सामने वाले पर पढ़ाई ना करने का खतरनाक जूनुन. जो जानलेवा बन चुका था. और आखिर में एक मासूम बच्चे की उसने जान ले ही ली.
पिता प्रॉपर्टी डीलर, 10वीं तक में 3 बार बदला स्कूल
Crime Story : इस पूरे मामले की जांच कर रहे गाजियाबाद के एसपी देहात ईरज राजा ने CRIME TAK को बताया कि बच्चा शुरू से पढ़ने में ज्यादा अच्छा नहीं था. और ना ही उसका पढ़ाई में मन लगता था. इस वजह से 10वीं से पहले ही उसके 3 स्कूल बदले जा चुके थे. परिवार हमेशा चाहता था कि वो अच्छी पढ़ाई करे. पर उसका मन बिल्कुल भी नहीं लगता था. इसे लेकर उसके प्रॉपर्टी डीलर पिता कई बार डांट-फटाकर भी चुके थे. जैसा कि एक पिता अपने बच्चे की पढ़ाई को लेकर करता है.
ऐसे में करीब 16 साल के उस लड़के में अब ये बात आ गई कि आखिर वो ऐसा क्या काम करे जिससे उसे पढ़ाई नहीं करनी पड़े. उस आरोपी ने ये तो खुलकर नहीं बताया कि किस तरह के वीडियो देखकर उसे ये आइडिया मिला. लेकिन ये साफ है कि उसे ये बात समझ में आ गई थी कि अगर कोई बड़ा जुर्म करेंगे तो लंबे समय तक जेल में रहेंगे. और जेल में पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी. और कोई पढ़ाई को लेकर डांटने वाला भी नहीं रहेगा. बस यही बात उसकी दिमाग में आई और वो जुर्म के रास्ते को तलाशने में जुट गया.
3-4 बच्चों मे से 13 साल के नीरज को इसलिए चुना था आरोपी ने
गाजियाबाद देहात के एसपी ईरज राजा ने बताया कि करीब एक महीने पहले ही आरोपी बच्चे ने ये तय कर लिया था कि अब उसे हर हाल में एक की हत्या करनी है. ये हत्या ही ऐसा जुर्म है जिसमें वो ज्यादा दिनों तक जेल में रहेगा. और तभी उसे पढ़ाई से छुटकारा मिल सकेगा. बस यही सोचते हुए उसने जुर्म को पूरा करने के लिए एक टारगेट को तलाशने लगा. पहले उसे ऐसे बच्चे मिले जो उसके लालच में नहीं आए. उसकी बातों में नहीं आया. कई बच्चे तो आरोपी के उम्र के बराबर वाले थे. ऐसे में वो उन्हें आसानी से मार भी नहीं सकता था. इस तरह 3 से 4 बच्चों से मिलने और बात करने के बाद 13 साल के नीरज तक पहुंचा था.
इस बच्चे का परिवार गरीब है. बच्चा शारीरिक रूप से भी थोड़ा कमजोर था. ऐसे में ये बच्चा उसके निशाने पर आ गया. इसके बाद आरोपी इस नीरज को आसानी से अपने जाल में फंसा लिया. उसे हाईवे के पास बड़ी गाड़ियां दिखाने के बहाने पिछले 3 दिनों से ले जा रहा था. और मौके की तलाश करता था. ऐसा करते हुए वो 22 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे भी एक्सप्रेसवे के पास उसे गाड़ियां दिखाने के बहाने ले गया. फिर गला दबाकर उसे मार डाला था.
प्रोफेशनल किलर की तरह ऐसे मरने की पहचान की
Crime Story in Hindi : आरोपी की उम्र भले करीब 16 साल है लेकिन उसने एक प्रोफेशनल किलर की तरह इस पूरी घटना को अंजाम दिया. अपने से काफी हल्के और कमजोर नीरज का गला दबाने के बाद जब उसकी सांसें रूक गईं तब भी काफी देर तक वहीं रूका रहा. ये देखता रहा कि कहीं वो जिंदा तो नहीं हो जाएगा.
फिर इसे भी जांचने के लिए उसने नया तरीका निकाला. पास में पड़े एक कांच के टुकड़े को उठाया और मरे हुए बच्चे के गले पर मारा. उससे खून तो निकलने लगा लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं हुई. इसे देख आरोपी को यकीन हो गया कि जिस काम के लिए पिछले कई महीने से साजिश बना रहा था उसमें उसे कामयाबी मिल चुकी है. लेकिन अभी पढ़ाई छोड़ने के लिए जेल जाना बाकी है. इसलिए वो वहां से सीधे पास की पुलिस चौकी में पहुंच गया और खुद को कातिल करार दिया.
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि चूंकि कागजों में आरोपी की उम्र पूरे 15 साल 6 महीने है. इसलिए उसे बाल सुधार गृह में भेजा गया है. अगर उम्र 16 साल से ज्यादा होती तब उसे हीनियस क्राइम में शामिल किया जाता. लेकिन ऐसा नहीं है. पर एक बच्चे के मर्डर में एक नाबालिग के होने और उसकी वजह जानकर हर कोई हैरान है. सवाल ये भी है कि क्या किसी बच्चे पर माता-पिता का इस तरह से पढ़ाई को लेकर दबाव डालना कितना सही है.
क्या इस क्राइम में वो परिवार भी जिम्मेदार है जो अपने बच्चे पर पढ़ाई का इतना दबाव डाला कि वो जुर्म की सबसे खतरनाक सीढ़ी पर जाने के लिए तैयार हो गया. ये वो सवाल हैं जिसे हर किसी को सोचने की जरूरत है. और जरूरत ये भी है कि हर परिवार अपने बच्चे को पढ़ाई को लेकर समझाए तो जरूर लेकिन वो बच्चा कोई गलत कदम ना उठा ले. इसका भी ध्यान जरूर रखे.
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