बांग्लादेश से भारत आई सोनिया अख्तर के लिए सौरभ तिवारी बन गए थे मुस्लिम? अपना लिया था इस्लाम!
Bangladeshi Woman Soniya Akhtar: बांग्लादेश से अपने एक साल के बच्चे के साथ नोएडा पहुंची युवती सोनिया अख्तर (Soniya Akhtar) की कहानी में नए खुलासे सामने आ रहे हैं.
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Bangladeshi Woman Soniya Akhtar: बांग्लादेश से अपने एक साल के बच्चे के साथ नोएडा पहुंची युवती सोनिया अख्तर (Soniya Akhtar) की कहानी में नए खुलासे सामने आ रहे हैं. सोनिया अख्तर का दावा है कि गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर इलाके में रहने वाले सौरभ कांत तिवारी (Saurabh Kanth Tiwari) ने बांग्लादेश में उनसे शादी की और उनका एक बेटा भी है. आरोप बताते हैं कि बाद में सौरभ भारत लौट आया और दूसरी शादी कर ली. सोनिया ने इस मामले की शिकायत गौतमबुद्ध नगर पुलिस से की है. इस मामले में अब नए सबूत और दस्तावेज सामने आ रहे हैं, जिनमें विवाह प्रमाण पत्र और धर्म परिवर्तन से संबंधित प्रमाण पत्र भी शामिल हैं. इससे यह सवाल उठता है कि क्या सौरभ कांत तिवारी ने बांग्लादेश की सोनिया अख्तर के लिए इस्लाम अपनाया था.
Bangladeshi Woman Soniya Akhtar love story: बांग्लादेश में तैयार किया गया उपरोक्त कथित हलफनामा अब आपके सामने है. यह हलफनामा 11 अप्रैल, 2021 का है. कथित तौर पर, सौरभ कांत तिवारी ने इस हलफनामे में बताया कि वह राजस्थान के बीकानेर के निवासी हैं. उनके संदर्भ में कहा गया है कि 11 अप्रैल 2021 को उन्होंने घोषणा की थी कि वह मुस्लिम आस्था से प्रभावित हैं और इसलिए इसे अपना धर्म स्वीकार कर रहे हैं. इस हलफनामे में उन्होंने अपना नाम भी सौरभ बताया है.
अब आइए जानें कि इस हलफनामे के जवाब में सौरभ कांत तिवारी ने क्या कहा है. Crimetak से बातचीत में सौरभ तिवारी का दावा है कि यह पूरा मामला बेबुनियाद है. उन्होंने खुलासा किया कि वह 2017 से बांग्लादेश में काम कर रहे थे.
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फरवरी 2021 में उनकी मुलाकात सोनिया अख्तर से हुई और उनके अनुसार, सोनिया ने खुद उन्हें फोन करके संपर्क शुरू किया. उन्होंने एक-दूसरे को वीडियो कॉल करना शुरू कर दिया और वह अक्सर उसके घर आने लगी. उन्होंने परिवार जैसा माहौल बनाया और समझौते की स्थितियाँ स्थापित की गईं. इसी सिलसिले में तस्वीरें खींची गईं. तभी अचानक उसके परिवार के 15 सदस्य उसके घर आ धमके और धमकाने लगे. उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. बाद में, वे अपने दावों के समर्थन में विवाह प्रमाण पत्र सहित कई प्रमाण पत्र लेकर आए.
संक्षेप में, सौरभ कांत तिवारी का तर्क यह है कि यह सब उन पर दबाव डालकर करवाया गया था. यहां तक कि प्रमाणपत्र भी विभिन्न भ्रामक तरीकों का उपयोग करके बनाए गए थे.
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