कोरोना में दिनदहाड़े लड़की का किया गया था गैंगरेप, रोड़ से खींचकर हॉस्टल ले गए थे लड़के

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कोरोना में दिनदहाड़े लड़की का किया गया था गैंगरेप, रोड़ से खींचकर हॉस्टल ले गए थे लड़के
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Jhansi Crime News: झांसी के राजकीय पॉलीटेक्निक (Jhansi Government Polytechnic) में पढ़ने वाले 8 छात्राओं ने कोरोना काल में दो साल पहले नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप (GangRape) की वारदात को अंजाम दिया गया था, अब इस केस में 8 आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आजीवन कारावास के अलावा, विशेष POCSO अदालत ने सभी आरोपियों पर कुल 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से आधा बलात्कार पीड़िता को दिया जाएगा.

Jhansi Government Polytechnic Rape Case: स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर विजय कुमार कुशवाहा ने कहा कि सभी आठ आरोपियों को जघन्य अपराध का दोषी पाया गया है. उन्होंने कहा, "उन पर पोक्सो अधिनियम की धारा 5/6, 9/10 सहित 11 धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया."इस जघन्य अपराध के लिए सभी आरोपियों को 'आखिरी सांस तक' उम्रकैद की सजा सुनाई गई है."

क्या था पूरा मामला?

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घटना 11 अक्टूबर, 2020 को कोविड महामारी के दौरान हुई, जब नाबालिग लड़की अपने दोस्त के साथ ट्यूशन के लिए जा रही थी. जैसे ही वे ग्वालियर रोड पर पॉलिटेक्निक के पास से गुजर रहे थे तभी सभी आरोपी स्टूडेंट्स ने दोनों को पकड़ लिया और उन्हें हॉस्टल के अंदर खींच लिया बाद में बारी-बारी सबने लड़की के साथ गैंगरेप किया उनके सामने लड़की गिड़गिड़ाती रही पर उन लोगों ने उसकी एक नहीं सुनी, जिस हॉस्टल में ये घटना हुई वह  उन दिनों कोरोना की वहज से काफी हद तक खाली था. इसी का फायदा उठाकर वारदात अंजाम दिया गया था

जब लड़की का गैंगरेप हो रहा था, उसी के पास के इलाके से झांसी पुलिस के SI विक्रांत सिंह निकल रहे थे. उन्हें लड़की के चिखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं. तुरंत बिना किसी देरी के वह उस हॉस्टल में घूस गए थे और लड़की को इन दरिंदों से बचा लिया.

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जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई है उनमें मुख्य आरोपी रोहित सैनी, भरत कुमार और संजय कुशवाहा, धर्मेंद्र सेन, मोनू पर्या और मयंक शिवहरे, शैलेंद्र नाथ पाठक और विपिन तिवारी हैं.

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सुनवाई विशेष न्यायाधीश नितेंद्र कुमार सिंह (एडीजे 9 रेप एंड पॉक्सो एक्ट) की अदालत में हुई जिसमें पीड़िता, उसके दोस्त और एक सब-इंस्पेक्टर समेत 12 गवाहों को सुना गया.

 वारदात के दौरान वहां से गुजरे एसआई ने बच्ची को आरोपी द्वारा और प्रताड़ित होने से बचा लिया था. मुख्य आरोपी रोहित सैनी का DNA सैंपल मैच हुआ जिस कारण सबूत के तौर पर मदद मिली.

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