Arpita Mukherjee: पहले सरकारी नौकरी छोड़ी फिर पति को, छोटी फिल्में करने वाली अर्पिता ऐसे बनी धनकुबेर
ED Raid Arpita Mukherjee : शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की खास अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) का पूरा प्रोफाइल जान लीजिए. अर्पिता कौन है (Who is Arpita). कब हुई थी शादी
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Who is Arpita Mukherjee : शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की पूरी कहानी जान लीजिए. मिडिल क्लास फैमिली से आई अर्पिता कैसे करोड़ों की मालकिन बन गई? सरकारी अधिकारी रहे पिता की मौत के बाद अर्पिता को उनकी जगह नौकरी मिली थी लेकिन इसने ये नौकरी करने से मना कर दिया था.
कभी अर्पिता की शादी (Arpita Marriage) एक बिजनेसमैन से हुई थी. लेकिन शादी के कुछ महीने बाद ही पति को छोड़ दिया था. असल में अर्पिता सरकारी नौकरी करते हुए किसी बंधन में बंधना नहीं चाहती थी. उसके सपने बहुत बड़े थे. उन्हीं सपनों की उड़ान भरने के लिए उसने मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. कोलकाता शिफ्ट हो गई.
कॉलेज के दिनों से ही मॉडलिंग करने लगी थी अर्पिता
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Arpita Mukherjee First Film : वैसे तो कॉलेज के दिनों से अर्पिता ने मॉडलिंग और एक्टिंग करने लगी थी. लेकिन असली शुरुआत कोलकात में आकर बंगाली फिल्मों से हुई. शुरुआत में अर्पिता की खूबसूरती की वजह से फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे थे.
पर असली शुरुआत हुई साल 2008 में. उस समय बंगाली फिल्म पार्टनर में डेब्यू करने का मौका मिला. फिल्म में काम अच्छा किया. रोल की चर्चा हुई. इसलिए डायरेक्टर अनूप सेनगुप्ता ने अगली फ्ल्म मामा-भगने की हीरोइन चुना था. ये फिल्म 2010 में आई थी.
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अब बंगाली फिल्मों के अलावा अर्पिता को उड़िया फिल्मों में काम मिला. कई फिल्मों में साइड रोल मिले. साल 2011 में अर्पिता को फिल्म बांग्ला बचाओ में भी काम करने का मौका मिला. और यहीं से धीरे-धीरे नाम और शोहरत बढ़ने लगी थी.
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2010 में पार्थ और अर्पिता की हुई थी ऐसे मुलाकात
साल 2010 में ही अर्पिता की मुलाकात पार्थ चटर्जी से हुई थी. इनकी मुलाकात एक बांग्ला एक्ट्रेस ने कराई थी. फिर दोनों अक्सर मिलने-जुलने लगे.
दोनों कई जगह एक साथ नजर भी आने लगे. कहा जाता है कि अर्पिता का पूरा फिल्म करियर 6 साल का ही रहा था. साल 2008 से 2014 तक फिल्मों में काम किया. इसके बाद पार्थ ने साल 2016 में पश्चिम बंगाल सरकार में बतौर शिक्षा मंत्री रहते हुए अर्पिता को दुर्गा उत्सव समिति का स्टार प्रचारक बनवा दिया था.
इसके बाद पार्थी की दोस्ती की वजह से अर्पिता दौलत और शोहरत में तेजी से आगे बढ़ने लगी. और अब 55 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश और ज्वैलरी अलग-अलग फ्लैटों से बरामद हो चुकी है. अब तक ईडी की छापेमारी में 50 करोड़ कैश के अलावा 4 करोड़ का सोना और 20 मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं.
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