डॉक्टरों के रूप में भगवान का चमत्कार, पहाड़ से 80 फीट बर्फीली खाई में गिरा पर्वतारोही, इस तरह डॉक्टरों ने बचाई नेपाल में 72 घंटे फँसे पर्वतारोही की जान

ADVERTISEMENT

डॉक्टरों ने बचाई जान
डॉक्टरों ने बचाई जान
social share
google news

Delhi Special News: दिल्ली के ऐम्स अस्पताल में अक्सर चमत्कार देखे गये गए हैं। ताज़ा उदाहरण राजस्थान के रहने वाले अनुराग का सामने आया है। राजस्थान के किशनगढ़ के रहने वाले 34 वर्षीय अनुराग तीसरे शिविर से उतरते समय करीब 6,000 मीटर की ऊंचाई से गिरने के बाद पर्वतों में लापता हो गए थे। अन्नपूर्णा पर्वत दुनिया का 10वां सबसे ऊंचा पर्वत है और दुर्गम चढ़ाई के लिए जाना जाता है। 

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत से एक ऐसे मरीज़ को अपने पैरो पर खड़ा कर दिया जिसके ज़िंदा बचने की भी उम्मीद नही बची थी। एम्स के 9 विभागों ने एक साथ मिलकर लगातार काम किया। अनुराग की 6 सर्जरी हुई, शुरुआती एक हफ्ते में अनुराग ऑक्सीजन सपोर्ट में थे और बोल भी नहीं सकता थे। मगर 6 महीने का समय लगा और अब अनुराग अपने पैरों पर खड़े हैं और ऐम्स से डिस्चार्ज हो कर घर जा रहे हैं। 

एम्स के डॉक्टरों का चमत्कार

ADVERTISEMENT

अनुराग के भाई आशीष मालू ने रविवार को बताया कि पर्वतारोही का काठमांडू के पास एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा था जिसके बाद ख़राब हालत में अनुराग के दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। नेपाल में मौजूद आशीष ने कहा, ‘‘अनुराग जब बेहोश हालत में अस्पताल लाए गए थे, तब उनकी धड़कन के कोई संकेत नहीं थे और वह सांस लेते भी नहीं दिख रहे थे।’’

धड़कन के कोई संकेत नहीं

ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सकों की तीन घंटे की कोशिश के बाद उनकी धड़कन और सांस लौट आई।’’ उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने उनके दिल की धड़कन वापस लाने के लिए तीन घंटे तक ‘कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन’ (सीपीआर) किया। अनुराग ललितपुर जिले के भैसेपाटी स्थित मेडिसिटी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे।

ADVERTISEMENT

अनुराग 6000 फीट से नीचे गिरे 

पर्वतारोहण अभियान के दौरान अनुराग के साथ गए एक वरिष्ठ पर्वतारोही चीपाल शेरपा ने रविवार को बताया कि भारतीय पर्वतारोही ने गलत रस्सी पकड़ ली थी, जिसके कारण वह गहरी खाई में गिर गए। शेरपा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पहाड़ पर चढ़ने या उतरने वाली रस्सी को पकड़ने के बजाय अनुराग ने सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाली रस्सी पकड़ ली थी, जो बहुत ही छोटी और बिना जोड़ वाली होती है।’’ 

शेरपा ने कहा कि ‘सेवन समिट ट्रेक’ द्वारा आयोजित इस पर्वतारोहण अभियान में शामिल दल में अनुराग ही एकमात्र व्यक्ति थे, जो उस दिन पर्वत शिखर पर नहीं पहुंच सके थे। दरअसल चढ़ाई चढ़ते हुए अनुराग ने गलत रास्ता ले लिया और वह एवलांच में फंस गए, अनुराग 6000 फीट से नीचे गिरे और 72 घंटे तक 80 फुट की गहरी बर्फीली खाई में फंसे रहे।

72 घंटे तक 80 फुट की गहरी बर्फीली खाई में फंसे

अनुराग को जब एम्स लाया गया था तो वो बुरी तरह ज़ख़्मी थे उनके शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे। शुरुआती दौर में अनुराग को सीपीआर देना पड़ा लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टर मनीष सिंगला में बताया जब ये केस पहली बार दिल्ली एम्स के पास आया तो उन्हें पता था कि अनुराग को बचाना बहुत आसान नहीं होगा मगर दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने अनुराग को नई ज़िंदगी दे दी।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...