देवर से दिल्लगी के लिए भाभी ने 1 लाख की सुपारी देकर सुहाग का करा दिया मर्डर
Bihar Kishanganj Murder Mystery : बिहार के किशनगंज में पप्पू गुप्ता मर्डर केस में उसकी बीवी ही बेवफा निकली. देवर (Devar) के प्यार में भाभी (Bhabhi) पति कराया मर्डर (Husband Murder)
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कई बार आशिकी के सामने शादी के सात फेरे भी फीके पड़ जाते हैं. शादी के पवित्र बंधन पर खून के दाग लग जाते हैं. ऐसी ही है ये एक खूनी कहानी. जिसमें रिश्तों का खूनी खेल खेला जाता है. जिसकी लंबी उम्र के लिए कभी उसने करवाचौथ का व्रत रखा था. उसी ने उसकी सांसों की डोर काट दी. आखिरी वक्त में उसने अपनी जान बचाने के लिए जिससे गुहार लगाई थी. फोन कर मदद मांगी थी. वही सनम बेवफा निकली.
अपनी बीवी को फोन कर वो गोली के घाव झेलते हुए भी मदद की आस में था. पर मदद करने वो नहीं पहुंची. अगर वहां कोई पहुंचा तो वही बदमाश थे जो थोड़ी देर पहले ही गोली मारकर भागे थे. वो फिर से हमला करते हैं. लेकिन इस बार गोली खत्म हो चुकी थी. तो चाकुओं से मारा. तब तक मारा जब तक सांसें हमेशा के लिए थम नहीं गई. आज क्राइम की कहानी (Crime Stories in hindi) देवर-भाभी (Devar Bhabhi Relation) के अवैध रिश्ते (illicit relation Story) और पति को सुपारी किलर से मर्डर कराने की.
बिहार के किशनगंज में 26 जुलाई की रात में हुआ मर्डर
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Murder Story : मर्डर की ये रियल घटना बिहार के किशनगंज की है. वारदात 26 जुलाई की है. किशनगंज में रहने वाले पप्पू गुप्ता एमजीएम यानी माता गुजरी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी थे. रोजाना की तरह वो ड्यूटी पर गए थे. रात को ड्यूटी से बाइक से लौट रहे थे. जब वो लौट रहे थे तभी एक स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार बदमाश पहले से घात लगाए बैठे थे. जैसे ही पप्पू वहां पहुंचे उन्होंने बाइक रोक ली. इसके बाद गोली मार दी. गोली से वो लहूलुहान होकर नीचे गिर पड़े. मदद के लिए चीखने लगे. फिर थोड़ी देर बाद शांत हो गए.
कुछ देर बाद वहां से जा रहे राहगीरों ने उन्हें देखा तो उसी एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. इस घटना की जानकारी मिलते ही पप्पू गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता रोते-बिलखते हुए वहां पहुंची. काफी देर तक रोते हुए बताया कि उनके पति से किसी की कोई बड़ी दुश्मनी नहीं थी. हो सकता है कि लूटपाट के इरादे से उनकी हत्या की गई हो.
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पत्नी ने ये भी बताया कि जब उन्हें गोली लगी थी तब घायल अवस्था में उन्होंने मुझे फोन किया था. काफी शोर हो रहा था. कुछ समझ नहीं आ रहा था. इसके बाद जब वो अस्पताल पहुंची तब तक मौत हो चुकी थी. प्रीति की शिकायत पर बिहार की किशनगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और छानबीन शुरू की.
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पुलिस को ऐसे हुआ शक, जब गोली मारी तो फिर चाकू क्यों मारा?
Devar Bhabhi Affair Murder Story : पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि पप्पू गुप्ता को गोली मारने के साथ चाकू से भी कई बार हमला किया गया था. ऐसे में पुलिस की जांच में नया मोड़ आया. क्योंकि अगर कोई लूटपाट के इरादे से हमला करता तो सिर्फ गोली मार देता. गोली मारने वाले को चाकू मारने की जरूरत क्या थी.
घटनास्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि घटना के दौरान मौके पर स्कॉर्पियो गाड़ी को देखा गया था. अब उस स्कॉर्पियो गाड़ी के नंबर का पता लगाया गया. इस नंबर के जरिए ये पता चला कि जिसकी वो गाड़ी थी उसने किसी सुपारी किलर को कुछ घंटे के लिए दी थी.
पुलिस ने उस गाड़ी वाले के फोन की कॉल डिटेल निकाली और सर्विलांस की मदद से कई नंबरों की जांच की तब बड़ा सुराग मिला. असल में ये सुराग मरने वाले पप्पू गुप्ता के गांव के रिश्ते के भाई राज कुमार गुप्ता उर्फू राजू गुप्ता से जुड़ा था. अब इसकी पड़ताल की गई तब बेवफा बीवी का नाम सामने आया. असल में पप्पू गुप्ता की पत्नी प्रीति ही इस खूनी खेल की मास्टरमाइंड थी.
शादी के कुछ समय बाद ही देवर राजू गुप्ता से प्रीति की मुलाकात हुई थी. इसी बीच, देवर राजू अपने गांव से किशनगंज जब इनके घर आया था तब भाभी प्रीति को नर्सिंग कोर्स कराने के लिए एक या दो बार साथ मेडिकल कॉलेज तक छोड़ने गया था. असल में पप्पू गुप्ता मेडिकल कॉलेज में बेहद ही छोटा कर्मचारी प्लंबर था. ऐसे में वो पढ़ी-लिखी पत्नी को नर्सिंग का कोर्स कराना चाहता था. उसी के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला भी कराया था.
उसी कॉलेज में प्रीति बीएससी नर्सिंग कर रही थी. कई बार देवर राजू उसे छोड़ने भी गया था. लेकिन बाहरी दुनिया को ये पता नहीं था कि दोनों के बीच सिर्फ देवर भाभी का ही रिश्ता नहीं है. बल्कि दोनों उस रिश्ते की डोर को काफी पहले लांघ चुके थे. दोनों के बीच वो रिश्ते बन चुके थे जो एक पति-पत्नी के बीच होते हैं.
पति को हुआ शक तो 1 लाख की सुपारी देकर खुद को कराया विधवा
Devar Bhabhi Illicit Crime Story : इसी बीच, पप्पू गुप्ता को दोनों के रिश्तों पर शक हो गया था. इसलिए सवाल करने लगे थे. और यही सवाल बीवी को सौतन की तरह चुभने लगे थे. फिर इस चुभन को प्रीति को हमेशा के लिए खत्म करना चाहती थी. इसलिए फोन पर ही प्रेमी बने देवर राजू से कहकर सुपारी किलर से बात की. अपने ही मांग के सिंदूर को हमेशा के लिए उजाड़ने के लिए उसने सुपारी किलर से सौदा किया. ये सौदा 1 लाख रुपये में तय हुआ. एडवांस में करीब 20 हजार रुपये भी दे दिए गए.
अब बारी थी उस रात की जब ड्यूटी से पप्पू गुप्ता घर लौटे. प्रीति ने 26 जुलाई की तारीख खुद को विधवा करने की मुकर्रर की. यानी एक शादीशुदा महिला ने मांग से सिंदूर को हमेशा के लिए हटाने के लिए खुद ही सुपारी दी. अब तय तारीख पर ड्यूटी पूरी कर पप्पू ने बीवी को कॉल किया.
उसने बताया कि वो घर लौट रहा था. पर क्या पता था कि वो अपनी मौत को सूचना दे रहा है. इधर, पत्नी प्रीति ने तुरंत देवर राजू को ये जानकारी दी. पहले से कई सौ किलोमीटर का रास्ता तय कर किशनगंज आए 3-4 सुपारी किलर एक जगह मौजूद थे. जैसे ही पप्पू गुप्ता वहां पहुंचा उसे रोका गया और गोली मार दी गई.
खून से लहूलुहान होकर वो गिर गया. मरने से पहले आखिरी उम्मीद लिए बीवी को फोन मिलाया. उसने कहा कि मुझे गोली लगी है. मुझे बचा लो. पर वो बीवी तो बेवफा थी. उसने पुलिस या अस्पताल में फोन करने की जगह प्रेमी देवर को फोन मिलाया. उसे खूब फटकारा और कहा कि अभी मेरा पति जिंदा है. इतने पैसे खर्च करने का क्या फायदा. जिंदा पति की आवाज सुनते ही राजू ने तुरंत सुपारी किलर को फोन किया. उसे बताया कि वो बचना नहीं चाहिए.
सुपारी किलर तुरंत गाड़ी वापस मोड़ते हैं. फिर से वहीं पहुंचते हैं जहां मदद की आस में पप्पू गुप्ता चीख रहा था. पर अब इन किलर के पास गोली नहीं थी. इसलिए चाकू निकाला और तब तक मारते रहे जब तक उसकी मौत नहीं हो गई.
अब किशनगंज पुलिस ने इस खूनी खेल का खुलासा करते हुए घटना वाले दिन दहाड़ मारकर पति की मौत पर रोने और आंसू निकालने वाली बीवी प्रीति गुप्ता, इसके प्रेमी राज कुमार गुप्ता और एक सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया.
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