12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद क़त्ल-ए-आम, वारदात से पहले 'सीक्रेट डायरी' में लिखा - मोक्ष देने जा रहा हूं!

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12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद क़त्ल-ए-आम, वारदात से पहले 'सीक्रेट डायरी' में लिखा - मोक्ष देने जा...
जांच में जुटी पुलिस
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लखीसराय से विनोद गुप्ता के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट

Lakhisarai Mass Murder: 20 नवंबर को छठ का दिन था। पूरे बिहार में खुशियों वाला माहौल था। इसी अच्छे मौके पर लखीसराय शहर में एक ऐसी वारदात हुई कि लोग सदमे में आ गए। छठ घाट से भगवान सूर्य की पूजा कर लौटते एक परिवार पर एक सिरफिरे लड़के ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमलावर ने एक-एक कर छह लोगों को लहूलुहान कर दिया। सरेआम फायरिंग और गोलीबारी की इस वारदात से देखते ही देखते पूरे शहर में सनसनी फैल गई। आनन-फानन में गोलियों का शिकार बने लोगों को उठा कर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बदकिस्मती से दो भाइयों की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी 24 साल की बहन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उधर, ताबड़तोड़ फायरिंग करनेवाला शख्स हमले को अंजाम देकर मौका ए वारदात से फरार हो चुका था।

3 लोगों की मौत के बाद नया खुलासा 

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ये हमला झा परिवार पर हुआ था। अब सवाल उठने लगा कि आखिर हमलावर कौन था? उसने झा परिवार को क्यों निशाना बनाया? क्या इस वारदात में हमलावर अकेला ही शामिल था या फिर इसके पीछे कोई और भी था? आखिर इस पूरे वारदात की वजह क्या थी? तो पुलिस की तफ्तीश में जल्द ही कहानी साफ होने लगी। जांच शरु हुई तो पता चला कि आशीष चौधरी नाम के जिस नौजवान ने झा परिवार पर हमला किया, वो इस परिवार की एक बेटी के साथ इकतरफा प्यार करता था और लड़की के इनकार करने पर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। 24 साल की वही बेटी जिसकी इस वारदात में मौत हो चुकी थी। 

ये है कातिल की असली कहानी 

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जब पुलिस ने इस मामले की जांच आगे बढ़ाई, तो जो सच्चाई सामने आई, उसने हर किसी के होश उड़ा दिए। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक पुलिस हमलावर आशीष को गिरफ्तार तो नहीं कर सकी थी, लेकिन तलाशी के दौरान उसके घर से एक ऐसी डायरी मिली। जिसने इस कहानी को काफी हद तक साफ कर दिया। पुलिस की मानें तो आशीष के घर की तलाशी के दौरान उसके घर से पुलिस को एक डायरी मिली, जिसमें आशीष ने अपने लव-लाइफ को लेकर 15 पन्ने का एक नोट लिखा था। आरोपी ने उसे नाम दिया था-अतीत। पुलिस ने इस नोट के हवाले से बताया है कि झा परिवार की बेटी दुर्गा के साथ आशीष का अफेयर चल रहा था। 

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आरोपी ने लिखा है 15 पन्नों का नोट 

इस अफयेर के चलते ही दोनों लखीसराय छोड़ कर घरवालों से छुप कर पटना में लिव-इन में भी रह रहे थे और जब दोनों लिव-इन में थे, तब उसने अपना और दुर्गा का खर्चा उठाने के लिए काफी मेहनत की। यहां तक कि उसने पटना के हथुआ मार्केट में मौजूद तनिष्क ज्वेलर्स में दुर्गा की नौकरी भी लगवा दी थी और दोनों के बीच ये सबकुछ कई सालों तक चलता रहा। लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आया, जब दुर्गा ने कथित तौर पर आशीष को धोखा देना शुरू कर दिया। आशीष ने अपनी डायरी में लिखा है कि उसे 3 जनवरी 2021 को तब जोर का झटका लगा, जब उसे पता चला कि दुर्गा की जिंदगी में सुमित नाम का एक और लड़का आ चुका है। असल में आशीष एक बार वीडियो कॉल पर दुर्गा से बात कर रहा था और तब उसने सुमित को दुर्गा के बिस्तर पर सोते हुए देख लिया। इसके बाद उसकी दुर्गा से लड़ाई भी हुई और दुर्गा ने माफी मांग कर मामले को शांत करने की कोशिश की। 

शादी के बाद पटना में रहते थे दोनों 

आशीष ने लिखा है कि उसने दुर्गा को माफ भी कर दिया, लेकिन दुर्गा इसके बावजूद सुधरने को तैयार नहीं थी। आशीष ने लिखा है कि लखीसराय वापस लौटने के बाद दुर्गा ने उसे डंप कर दिया... उसे इग्नोर करने लगी लेकिन हद तब हो गई, जब 16 मार्च 2021 को दुर्गा के घरवालों ने उसके घर पर धावा बोल कर उसे और उसके घरवालों को बुरी तरह धमकाया और गाली गलौज की। आशीष ने लिखा है कि इस वारदात के बाद वो मर जाना चाहता था लेकिन अगर वो मर जाता, तो लोग मजाक उड़ाते कि वो लड़की के चक्कर में मर गया। इसलिए उसने अपनी जान देने की जगह लड़की और उसके परिवारवालों की जान लेने का फैसला कर लिया। आशीष ने डायरी में लिखा है कि गर्लफ्रेंड से मिले धोखे के बाद वो घुट-घुट कर जी रहा था। डिप्रेशन में रहने लगा। 

मोक्ष देने जा रहा हूं!

इस दौरान कुछ दोस्तों ने उसकी मदद की और आखिरकार वो अकेले ही बाइक पर 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए निकल गया। उसने उम्मीद थी कि इसके बाद उसके मन को शांति मिलेगी लेकिन वापस आने के बाद भी वो बदले की भावना से बाहर नहीं आ सका और आखिरकार उसने इस वारदात को अंजाम देने का फैसला किया। उधर, पीड़ित परिवार ने इस वारदात को लेकर और ही कहानी सुनाई है। परिवार का कहना है कि आशीष उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं थे। वो उनकी बेटी को परेशान कर रहा था। जिसे लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की थी लेकिन पुलिस ने वक्त रहते कोई कार्रवाई नहीं की और आशीष ने झा परिवार पर हमला कर तीन लोगों की जान ले ली और कई लोग अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। 

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