यूपी में खतना के दौरान काट दी बच्चे की गलत नस, नाई की लापरवाही से चली गई 40 दिन के मासूम की जान, FIR दर्ज
नाई ने उस्तरे से 11 अगस्त को अरफान का खतना कर दिया। हैरानी की बात ये है कि खतने के बाद मासूम के नाजुक अंग से खून बहना बंद नहीं हुआ। लिंग से अधिक खून बह जाने के चलते अरफान की हालत खराब होती चली गई।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
खतना के दौरान गलत नस कटी
बरेली में डेढ़ महीने के बच्चे की मौत
दिल दहला देने वाली घटना
Uttar Pradesh: यूपी के बरेली में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएंगे। बरेली में फतेहगंज के एक नाई की लापरवाही ने मासूम बच्चे की जान चली गई। दरअसल फतेहगंज पूर्वी थाना इलाके के रहने वाले रफीक अहमद के घर में पोते अरफान का जन्म हुआ था। पोते के पैदाईश से घर में खुशियों का माहौल था। बच्चा अरफान जब डेढ़ महीने का हुआ तो पकिजनों ने मुस्लिम रीति रिवाजों के हिसाब से बच्चे का खतना कराने का फैसला किया। परिजनों ने खतना करने के लिए 11 अगस्त को तिसुआ के रहने वाले नाई कबीर को बुलाया था।
बच्चे की खतने के बाद हुई मौत
नाई ने उस्तरे से 11 अगस्त को अरफान का खतना कर दिया। हैरानी की बात ये है कि खतने के बाद मासूम के नाजुक अंग से खून बहना बंद नहीं हुआ। लिंग से अधिक खून बह जाने के चलते अरफान की हालत खराब होती चली गई। परिजनों ने मासूम की बिगड़ती हालत देखी तो परेशान हो गए। बच्चो को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान अरफान की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद अरफान के घर में मातम पसर गया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने 12 अगस्त को FIR दर्ज कर ली है। पुलिस अफसरों का कहना है कि घटना के बाद से ही नाई फरार है। नाई कबीर की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।
सामाजिक रीति-रिवाज हैं लेकिन संभल कर करें
डॉक्टरों की मानें तो परिजनों को बच्चे का खतना किसी डॉक्टर कराना चाहिए था। हर समाज की अपने सामाजिक रीति-रिवाज हैं लेकिन जिस तरीके से नाई खतना करते हैं वो बेहद खतरनाक तरीका है जो कि जानलेवा हो सकता है। यही वजह है कि इसके लिए किसी विशेषज्ञ के पास जाना बेहतर होता है। खतना या ऑपरेशन किसी सर्जन से ही करवाना चाहिए। दरअसल खतना एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें लिंग को बाकायदा दवा के जरिए सुन्न किया जाता और फिर अगले हिस्से की खाल को काट कर अलग कर दिया जाता है। इसमें सेप्सिस और ब्लीडिंग का खतरा रहता है। लिहाजा डॉक्टर सफाई का खास ख्याल रखते हैं और जख्म सूखने व दर्द निवारक दवाएं भी देते हैं।
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खतना करने की एडवांस एवं मॉडर्न प्रक्रिया क्या है?
आज के दौर में डॉक्टर लेजर के जरिए खतना प्रक्रिया करते हैं। लेजर बीम की मदद से 10 मिनट के अंदर ही लिंग के सिर की ऊपरी चमड़ी को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता और ना ही खून निकलता है। यानी इस प्रक्रिया को करवाने के बाद आपको किसी तरह की कोई दिक्कतें नहीं होती हैं। स्टेपलर खतना प्रक्रिया एक तरह की मॉडर्न और एडवांस खतना प्रक्रिया है, जिसमें लिंग के ऊपरी चमड़ी को एक स्टेपलर की तरह दिखने वाले उपकरण से काट दिया जाता है। स्टेपलर खतना प्रक्रिया एक विशेष खतना तकनीक है जो पारंपरिक टांके के बजाय कटे हुए त्वचा के किनारों को काटने और सील करने के लिए सर्जिकल स्टेपलर का उपयोग करती है। पारंपरिक खतना में, सर्जन को पहले चाकू से त्वचा को काटना होता है और फिर उसे सिलना होता है।
खतना के फायदे नुकसान
डॉक्टरों के मुताबिक खतना के कई फायदे भी हैं। पेनिस साफ करना आसान हो जाता है। पेनिस को धोने और साफ करने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होती है। लिंग की ऊपरी स्किन निकल जाने के कारण लिंग को आसानी से धुला जा सकता है। खतना करवाने के बाद ब्लैडर के इंफेक्शन से बच सकते हैं। यह यूरिन मार्ग में होने वाले इंफेक्शन को रोक कर किडनी के इंफेक्शन से भी बचाता है। जो पुरुष खतना नहीं करवाते उनके ब्लैडर में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। खतना करवाने के बाद यौन संचारित रोगों के होने का खतरा कम हो जाता है।
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