MP-MLA कोर्ट से आजम खां को बड़ी राहत, अदालत ने डूंगरपुर केस में सपा के कद्दावर नेता को किया बरी
रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जबरन घर खाली कराए जाने और मकान तोड़ने के मामले में ये फैसला सुनाया है। हालांकि आज़म पर अन्य कई केस चल रहे हैं लिहाजा आजम खान फिलहाल अभी भी जेल में ही रहेंगे।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
आजम खान को कोर्ट ने किया बरी
क्या जेल से बाहर आएंगे?
अफजाल के बाद अब आजम खान को राहत
Azam Khan: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने रामपुर के डूंगरपुर मामले में आजम खान सहित सभी 6 आरोपियों को केस से बरी कर दिया है। रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जबरन घर खाली कराए जाने और मकान तोड़ने के मामले में ये फैसला सुनाया है। हालांकि आज़म पर अन्य कई केस चल रहे हैं लिहाजा आजम खान फिलहाल अभी भी जेल में ही रहेंगे। आपको बताते चलें कि डूंगरपुर से जुड़े कुल 12 मामलों में से 4 में आज़म खान बरी किए जा चुके हैं, जबकि दो मामलों में उन्हें सजा हुई है।
MP-MLA कोर्ट ने डूंगरपुर मामले में किया बरी
रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में समाजवादी सरकार के समय जबरन घर तोड़े जाने की घटना सामने आई थी। तब तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान, तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और तत्कालीन सीओ (शहर) आले हसन खान सहित कुल सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे। ये केस 447, 427, 504, 506, 395 और 412 के तहत दर्ज हुए थे। यूपी में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद 2019 में रामपुर के गंज थाने में यह मामला दर्ज किया गया था।
साल 2016 का है डूंगरपुर केस
इस मामले में निचली अदालत ने पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान, अजहर अहमद खान और आले हसन सहित कुल चार आरोपियों को दोषी करार दिया था और धारा 395 और 412 में दोष मुक्त कर दिया था। साथ ही अन्य तीन आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया था। आरोपियों जिब्रान, फरमान और ओमेंद्र चौहान पर अपराध साबित नहीं हुआ। फिलहाल आजम खान एक अलग आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं।
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हुई थी इस केस में सात साल की सजा
इसके अलावा रामपुर के निवासी और मौजूदा समय में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तीनों को सात साल जेल की सजा सुनाई थी।
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