गैंगरेप में 5 लाख की घूस ली तो सरकार ने DSP से दरोगा बना दिया, 10 साल से ज्यादा लगे थे सीओ बनने में

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गैंगरेप में 5 लाख की घूस ली तो सरकार ने DSP से दरोगा बना दिया, 10 साल से ज्यादा लगे थे सीओ बनने में
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UP Crime News : यूपी पुलिस (UP Police) से जुड़ी ये खबर हैरान करने वाली है. असल में एक डिप्टी एसपी (DSP) का डिमोशन करके उसे एसआई यानी दारोगा (Sub Inspector) बना दिया गया. घूसखोरी के कई सबूत मिलने पर यूपी शासन ने ये कदम उठाया. जिस पुलिसकर्मी का डिमोशन हुआ वो यूपी पुलिस में भर्ती ही दारोगा के तौर पर हुआ था. दारोगा से इंस्पेक्टर और फिर डिप्टी एसपी बनने में उससे 10 साल से ज्यादा का वक्त लगा होगा. लेकिन डिमोशन कर फिर दारोगा पद पर पहुंचाने में मात्र कुछ घंटे ही लगे. इस मामले को भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की एक नजीर के रूप में बताया जा रहा है. ये मामला गैंगरेप से जुड़े एक केस में रिश्वत मांगने को लेकर है.

आखिर क्या है DSP से डिमोशन कर SI बनाने का पूरा मामला

UP Police : जिस डिप्टी एसपी के खिलाफ ये एक्शन हुआ है उसका नाम विद्या किशोर शर्मा है. यूपी शासन ने इस पुलिसकर्मी के खिलाफ डिमोशन का आदेश जारी कर दिया है. ये मामला 2021 का है. उस समय आरोपी डीएसपी यूपी के रामपुर में तैनात थे. उस समय सीओ सिटी थे. उसी तैनात के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में आरोपी डीएसपी रिश्वत ले रहे हैं. रिश्वत देने वाला कुछ पूछता है तो डीएसपी कहते हैं कि ये पैसा सिर्फ मेरे पास ही नहीं रहता है. ऊपर तक पहुंचाना होता है. रिश्वत का ये मामला एक महिला के गैंगरेप से जुड़ा है.

 उस समय एक महिला ने अस्पताल संचालक विनोद यादव और तत्कालीन सब इंस्पेक्टर रामवीर यादव के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाया था. इन आरोपों की उस महिला ने पुलिस में शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था. उसी गैंगरेप केस को दबाने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने का एक वीडियो सामने आया था. जांच में उस वीडियो के सही होने की पुष्टि हुई थी.

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 इसकी रिपोर्ट बनाकर मुरादाबाद के एएसपी ने रिपोर्ट शासन को भेजी. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर आरोपों के घेरे में डीएसपी और इंस्पेक्टर को तुरंत सस्पेंड किया गया. इस केस को लेकर RTI एक्टिविस्ट दानिश खान ने सबूतों के आधार विजिलेंस विभाग से भी शिकायत की थी. जिसके बाद शासन स्तर पर मामले की जांच शुरू की गई थी. इसके अलावा पीड़ित महिला ने भी सीएम के एक कार्यक्रम के दौरान आत्मदाह करने की धमकी दी थी

इसके बाद गंभीर अनुशासनहीनता के मामले में आरोपी डीएसपी का डिमोशन किया गया. असल में यूपी पुलिस रेगुलेशन में अतिगंभीर लापरवाही बरतने के मामले में पुलिसकर्मी का डिमोशन कर उसे फिर से मूल पद पर भेज दिया जाता है. इस केस में भी ऐसा ही हुआ है.

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पीड़ित महिला ने सीएम के सामने आत्मदाह की दी थी धमकी

 Rampur Crime news : रामपुर का ये केस उस समय सुर्खियों में आया था जब पीड़ित महिला ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने आग लगाकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी. ये बात पिछले साल की है. उस समय सीएम रामपुर में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे. महिला के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जांच के आदेश दिए थे. मुरादाबाद के एएसपी की रिपोर्ट के बाद सीएम योगी ने तुरंत इस पर सबसे बड़ा एक्शन लिया. जांच में पता चला था कि पीड़ित महिला ने गैंगरेप का आरोप अस्पताल के संचालक और इंस्पेक्टर पर लगाया था.

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डीएसपी पर पहले भी लग चुके हैं कई दाग

Crime News in hindi : गैंगरेप केस में 5 लाख की रिश्वत लेने का आरोप डीएसपी विद्या किशोर शर्मा पर कोई पहला मामला नहीं है. इस केस से पहले गोकशी के एक मामले में आरोपियों को छोड़ने के लिए इसी डीएसपी ने एक इंस्पेक्टर पर दबाव बनाया था. उस इंस्पेक्टर ने कॉल रिकॉर्डिंग करके आईजी को बताई थी. उस केस में भी डीएसपी को दोषी माना गया था. इसके अलावा भी कई केस को रफादफा करने के एवज में इस डीएसपी पर पैसे लेने के आरोप लग चुके हैं. जिसे देखते हुए इसे डीएसपी से फिर से दारोगा बना दिया गया है.

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