UP Crime : गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी की बेटियों के नाम की 12 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी कुर्क
UP Ghazipur Crime news : सांसद अफजाल अंसारी (MP Afzal Ansari) की तीन बेटियों के नाम की प्रॉपर्टी कुर्क. सांसद अफजाल ने क्राइम तक से खास बात कर कही ये बड़ी बात. बोले, ED फेल हुई तो राजनीति साजिश रची.
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MP Afzal Ansari News : यूपी के गाजीपुर के कुख्यात मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी (MP Afzal Ansari) की 3 प्रॉपर्टी की कुर्की की गई है. इन तीन प्रॉपर्टी में अफजाल अंसारी की बेटियों के नाम का एक फॉर्महाउस भी है. कुर्की की ये कार्रवाई गाजीपुर के एसपी रोहन पी बोत्रे के नेतृत्व में की गई. ये कार्रवाई गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील के भांवरकोल थाना इलाके के माचा गांव में हुई.
भारी फोर्स के साथ करीब 12.38 करोड़ रुपये की फॉर्महाउस समेत 3 भूखंड को कुर्क किया गया. ये सभी प्रॉपर्टी पहले अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम पर थी. जिसे 2017 में बेटियों के नाम पर दान कर दिया गया था. उस समय से ये नुसरत, मारिया और नूरिया अंसारी के नाम से बेनामी संपत्ति थी. ये तीनों अफजाल अंसारी के बेटियां हैं. सांसद का कोई बेटा नहीं है.
एसपी रोहन पी बोत्रे इसी कार्रवाई के तहत आज गाजीपुर जिलाधिकारी के निर्देश पर उत्तर-प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के तहत कुर्की का आदेश जारी किया था. जिलाधिकारी के निर्देश पर मुहम्मदाबाद तहसील के मौजा मांचा गांव में अफजाल अंसारी की तीन बेटियों के नाम फॉर्म हाउस समेत 3 प्रॉपर्टी को कुर्क किया गया. सभी जमीनों की अवैध रूप से खरीद फरोख्त की गई थी.
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2007 के केस को आधार बना राजनीति साजिश के तहत बेटियों की प्रॉपर्टी कुर्क की : सांसद
इस बारे में सांसद अफजाल अंसारी CRIME TAK से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि मेरे परिवार को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. क्योंकि ये प्रॉपर्टी 2010 में ही मेरी पत्नी और तीनों बेटियों ने सीधे असली जमीन मालिक से खरीदी थी. 2017 में जब मेरी पत्नी फरहत अंसारी की तबीयत खराब होने लगी तो उन्होंने खुद ही तीनों बेटियों के नाम पर अपने हिस्से की प्रॉपर्टी भी ट्रांसफर कर दी. ये सबकुछ कानूनन है.
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इसकी पूरी जानकारी संबंधित राजस्व विभाग को है. अब दो दिन से लगातार ED अधिकारी मेरे गाजीपुर स्थित आवास पर छापेमारी करके जांच कर रहे थे. लेकिन दस्तावेज में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली और ना ही कोई केस दर्ज हुआ. क्योंकि कोई खामी नहीं मिली. इसके बाद प्रशासन ने जानबूझकर 2007 के पुराने एक केस को आधार बनाते हुए मेरी बेटियों के नाम पर तीन प्रॉपर्टी को कुर्क करने की कार्रवाई की.
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अब पब्लिक ही बताए कि एक मां ने अपने हिस्से की प्रॉपर्टी अपनी तीन बेटियों के नाम पर दी तो उसमें गलत क्या है. उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है. और ना ही 2007 के केस में मेरी पत्नी या बेटियों का नाम है. इसके बाद भी उनके नाम की प्रॉपर्टी को कुर्क किया गया. जो सीधे और स्पष्ट तौर पर राजनीति साजिश से प्रेरित है.
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