करोड़ों की ठगी, खुद को बताया रेल मंत्रालय का सदस्य, दस से ज्यादा केस दर्ज, जानें महाठग अनूप चौधरी की कहानी

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जांच में जुटी पुलिस
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Anoop Chaudhary Story: जब कोई महाठगों की लिस्ट निकालता है तो उसमें सबसे पहला नाम सुकेश चंद्रशेखर का आता है. लेकिन आज कल महाठग का नाम आते ही एक ही नाम याद आता है और वह है अनूप चौधरी का जिसे यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. जिसने बड़ी ही चालाकी से अच्छे-अच्छे लोगों को बेवकुफ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जो खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताता था. जहां भी जाता था वहां VIP प्रोटोकॉल हासिल करता था.

आखिर कौन है अनूप चौधरी

अनूप चौधरी और सतेंद्र वर्मा का लखनऊ में कारोबार है. अनूप उन्हें झांसा देकर अयोध्या लाया था. उसने उन्हें रामलला के VIP दर्शन कराने का झांसा भी दिया था. एसटीएफ को संतेद्र ने बताया कि अनूप चौधरी से उसकी मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई थी. उन्होंने मुझसे विभिन्न तीर्थस्थलों के हेलीकाप्टर से दर्शन कराने की खातिर एक कंपनी बनाने में मदद मांगी थी. वो चाहता था कि मैं उसके साथ इस कंपनी पार्टनर बनकर पैसे निवेश करूं. आज उन्होंने अयोध्या दर्शन के लिए जाने के लिए कहा तब मैं भी इनके साथ लखनऊ से आ गया.' अनूप ने बताया कि वो क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर रेलवे और भारतीय खाद्य निगम, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय भारत सरकार का सदस्य है. वर्तमान समय में गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर पांच में रहता है. वो चेन्नई से लखनऊ होते हुए अयोध्या आया है. 

कैसे पकड़ा गया अनूप

यूपी की एसटीएफ टीम को पता चला कि काफी समय से एक आदमी खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताता है और लोगों से सरकारी काम करवाने के पैसे लेता था. साथ ही वह खुद के साथ एक सरकारी गनर भी रखता था. एसटीएफ को पता चला कि 23 अक्टूबर को कि अनूप अयोध्या के सर्किट हाऊस में रुका हुआ है. जब एसटीएफ की टीम को वह नहीं मिला तो टीम ने रुक के वहां उसका इंतजार किया . जिसके बाद वहां एक स्कॉर्पियो आती दिखाई दी. स्कॉर्पियो में एक गनर बैठा था. जो कि खुद को अनूप का पुलिसर्कमी बता रहा था और अनूप को रेल मंत्रालय का सदस्य. साथ ही अनूप और गनर के अलावा एक ड्राइवर फिरोज आलम और एक अन्य आदमी सतेंद्र वर्मा थे. 

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पूछताछ में सामने आया सच

आरोपी ने पूछताछ में इस बात को कुबूल किया है कि उसने फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री के कामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी सुरक्षा के लिए गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट से गनर लिया है. इसी धमक से उसने इटावा और चेन्नई में सरकारी सुविधाओं का फायदा लिया है. यूपी एसटीएफ ने उसे हिरासत में लेकर स्पेशल रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. अनूप ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके गैर सरकारी निजी सचिव श्रीनिवास नराला के माध्यम से अधिकारियों को फर्जी लेटर पैड पर लिखकर या ईमेल भेजकर प्रोटोकॉल की मांग करता था और अधिकारी बिना जांच के उसे प्रोटोकॉल दे देते थे. वह भौकाल दिखाने के लिए सरकारी गनर रखता था और सरकारी काम करने के लिए लोगों से ठगी भी करता था. 

अनूप चौधरी के खिलाफ ये केस दर्ज

केस संख्या- 118/2019, आईपीसी की धारा- 406, 420, 506, थाना विकास नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
केस संख्या- 329/2021, आईपीसी की धारा- 420, 409, 467, 468, थाना खटीमा, ऊधमसिंह नगर, उत्तराखंड 
केस संख्या- 213/2022, आईपीसी की धारा- 420, थाना हलद्वानी, नैनीताल, उत्तराखण्ड
केस संख्या- 494/2022, आईपीसी की धारा- 352 406, 420, 506, थाना कोतवाली, बरेली, उत्तर प्रदेश 
केस संख्या- 669/2022, आईपीसी की धारा- 420, 406, 467, 468, 471, 504, 506, थाना कैराना, शामली, उत्तर प्रदेश 
केस संख्या- 505/2021, आईपीसी की धारा- 420, 406, थाना गजरौला, अमरोहा, उत्तर प्रदेश 
केस संख्या- 252/2018, आईपीसी की धारा- 420, थाना श्यामनगर, जयपुर, राजस्थान
केस संख्या- एस-0008, आईपीसी की धारा- 120बी/420, सीबीआई, जयपुर, राजस्थान
केस संख्या- 414/2023, आईपीसी की धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 406, 323, 504, 506,  थाना नैनी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
केस संख्या- 283/2023, आईपीसी की धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, अयोध्या, उत्तर प्रदेश

एसटीएफ ने आरोपी के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 1 टैबलैट, 3 चैक बुक, 20 विभिन्न बैंको के चेक, 3 आधार कार्ड, 1 एटीम कार्ड, 2200 रुपए नकद और 1 स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की है।

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Note : ये खबर क्राइम तक में internship कर रही निधी शर्मा ने लिखी हैं.

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