Supreme Court: साईबाबा नहीं होंगे रिहा, HC के फैसले पर SC ने लगाई रोक
Supreme Court News: पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा सहित सभी छह आरोपी अगले आदेश तक जेल से रिहा नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है
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Supreme Court News: पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा सहित सभी छह आरोपी अगले आदेश तक जेल से रिहा नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी साईबाबा और अन्य आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील को मंजूर करते हुए नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अपील पर सुनवाई के लिए सवाल तय किए.
सुप्रीम कोर्ट ने साईंबाबा को नजरबंद करने की अपील को भी खारिज कर दिया क्योंकि वह पहले से ही दोषी हैं. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 8 दिसंबर को सुनवाई करेगा. शुक्रवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने साईंबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया था. उन्हें एक अपील की अनुमति दी गई थी और 2017 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक सत्र अदालत ने एक सत्र अदालत द्वारा उन्हें दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था, जिसने उन्हें कथित माओवादी लिंक का दोषी ठहराया था.
एसजी ने कहा कि अगर हाईकोर्ट में पूरी सुनवाई होती है तो मंजूरी का सवाल ही नहीं उठता. इस तरह सीआरपीसी की धारा 465 आड़े नहीं आता. ये तथ्य बहुत परेशान करने वाले हैं. आरोपी लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए हथियारों के इस्तेमाल का समर्थन करता है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी कार्यों को प्रोत्साहित करता है.
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राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ काम करने वाले इन लोगों को अपने मकसद में सफल न बनाने के कारण हमारी टीम ने सभी दस्तावेजों का अनुवाद कर एसएलपी ड्राफ्ट और सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया है. मामला बहुत गंभीर हैय देश के स्वाभिमान और संप्रभुता पर हमला करने वालों को इस तरह का मोड़ देना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.
न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा है कि सीएफएसएल की कोई रिपोर्ट नहीं थी. अनुदानकर्ता द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया. ऐसी स्वीकृति पर विचार नहीं किया गया.
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