Shraddha Murder case: आफताब ने कबूला- उसकी छाती पर बैठ उसके गले को अपने दोनों हाथों से तब तक कसकर दबाए रखा जब तक कि वह मर नहीं गई

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अरविंद ओझा, हिमांशु मिश्रा, श्रेया चटर्जी के साथ प्रिवेश पांडे की रिपोर्ट

Shraddha murder Case: साकेत कोर्ट ने श्रद्धा वाकर हत्याकांड में आरोपी आफताब के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. चार्जशीट में हत्या की वजह और आफताब का कबूलनामा है. आफताब ने श्रद्धा को क्यों मारा? क्या कुछ हुआ था हुआ चार्जशीट में बताया गया है.


आफताब ने कबूलनामे में ये बात कही है

मैं श्रद्धा को लेकर पोस्सेस्सिवे (possessive)  था तथा और उसके के साथ झगड़े-मारपीट करता था. जिसकी उसने शिकायत मुंबई में पुलिस में भी की थी. हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए एक ट्रिप का प्लान किया और हम दोनों ट्रिप पर 28-29/03/2022 को मुंबई से निकल गए और हरिद्वार पहुँच गए और फिर हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, Mussoorie, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए पारवती वैली पहुंचे और जहाँ हमे बद्री नाम का लड़का मिला.

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बद्री से हमारी दोस्ती Bumble App से दोस्ती हुई थी और उसने हमे अपने घर दिल्ली आने के लिए कहा था. हम करीब एक सवा महीने घूमने के बाद मई 2022 के पहले हफ्ते लगभग दिनांक 05/05/2022 को बद्री के घर छत्तरपुर पहाड़ी दिल्ली पर पहुंचे. हम उसके घर पर करीब आठ-दस दिन रुके थे और वहां भी मेरे और श्रद्धा (Shraddha Vikas Walkar) के बीच झगडे हुए थे और इस कारण से हमारा ब्रेक अप (breakup) हो गया था.

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 मेरे और श्रद्धा के बीच मे अक्सर झगड़े होने के कारण बद्री ने हमे अपने घर से जाने को कहा और इसके बाद करीब दो दिन बाद हमने ब्रोकर जरिये रोहन कुमार नील के मकान पर 1st Floor को किराए पर ले लिया तथा रहने लगे. उस समय हम दोनों की कही जॉब भी नहीं थी तथा ज्यादातर पैसा ट्रिप मे खर्च हो चुका थी तो यहाँ पर भी हम दोनों में छोटी छोटी बातों को लेकर काफी झगडा होने लगा था. 

 दिनांक 18/05/2022 को शाम करीब 6 - 6.30 बजे ने मुझे अपने किराए के घर वसई से जाकर घर का सामान लाने की लिए टिकट भी बूक करया था. लेकिन मैंने उसे तबीयत खराब है बोलकर जाने से मना किया था तो वह गुस्से हो गयी व कहने लगी की दोनों के पास केवल दो बेग है तथा खाने पीने का कोई सामान नहीं है, और रोजाना मार्केट का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. 

ये कहकर जिद की तो मैंने उसे आधा पैसा खर्चे का देने की बात कही जिस पर श्रद्धा आग बबूला हो गयी और मुझे गाली गलोच करने लगी जो मैं उसकी झगडा करने और गाली देने लगी. गाली देने की हमेशा की आदत से छुटकारा पाने के लिए उसको हमेशा के लिए अपने रास्ते से हटाने के लिए ठान कर उसको जान से मारने के लिए उसको पकड़ कर फर्श पर गिरा दिया और उसकी छाती पर बैठकर अपने दोनों हाथों से कसकर उसका गला तब तक दबाये रखा जब तक वह मर नहीं गयी, और उसकी डेड बॉडी को बाथरूम में छिपा दिया. फिर मैंने उसकी डेड बॉडी को डिस्पोसे करने के लिए उसकी डेड बॉडी के छोटे छोटे टुकड़े करके किसी बड़े ब्रीफकेस में डालकर कही फेंक आने की प्लानिंग की और 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी से एक जंगलके फेंक दिया

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