शहाबुद्दीन और मुख्तार का शूटर एनकाउंटर में ढेर, 1 लाख के इनामी पंकज यादव के सिर, पैर और कमर में लगी STF की गोली

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शहाबुद्दीन और मुख्तार का शूटर एनकाउंटर में ढेर, 1 लाख के इनामी पंकज यादव के सिर, पैर और कमर में लगी STF की गोली
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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एक लाख के इनामी की STF के साथ हुई मुठभेड़

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यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता

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सिर, कमर और पैर में गोली मारी

Mathura: शहाबुद्दीन और मुख्तार अंसारी गैंग के लिए भाड़े पर हत्या करने वाले एक लाख के इनामी बदमाश पंकज यादव को यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने मुठभेड़ में मार गिराया है।  यूपीएसटीएफ ने मथुरा के फरह इलाके में मुठभेड़ में पंकज यादव को घेर लिया था। जानकारी के मुताबिकत 7 अगस्त को तड़के मथुरा के थाना फरह इलाके में करीब 5.20 बजे शार्प शूटर और इनामी बदमाश पंकज यादव को मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस अफसरों के मुताबिक पंकड यादव मुख्तार अंसारी और बिहार के माफिया शहाबुद्दीन के अलावा कई अन्य गिरोहों के लिए भाड़े पर हत्या किया करता था।

मथुरा में मुख्तार अंसारी का शूटर एनकाउंटर में ढेर

ये कॉंट्रैक्ट किलर किलर मन्ना सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह और उसके पुलिस सुरक्षा कर्मी की हत्या में शामिल था। एनकाउंटर के बाद एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि पंकज यादव एक दुर्दांत किस्म का अपराधी था। पंकज के सिर पर मऊ गाजीपुर,आजमगढ़ और गोरखपुर में तीन दर्जन से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 1 पिस्टल 32 बोर और 1 रिवॉल्वर बरामद की है। पंकज यादव अपने एक साथी के साथ बाइक पर था। UP STF के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही की टीम लगातार पंकज को ट्रैप करने की कोशिशें कर रही थी।

सिर, कमर और पैर में गोली मारी

देर रात टीम को मुखबिरों से खबर मिली कि पंकज यादव मथुरा में मौजूद है। इसके बाद एक सीओ शाही की टीम ने पंकज की घेराबंदी शुरू कर दी। हाईवे पर पुलिस के खुद को घिरा देख पंकज ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस की टीम ने फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस एनकाउंटर के दौरान पंकज का एक साथी मौक़े से भागने में सफल रहा। पुलिस की टीमें दूसरे साथी की तलाश में आस पास के इलाकों में कांबिंग कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक 29 अगस्त 2009 को मऊ के ए ग्रेड के ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह की हत्या कर दी गई थी। ये हत्या उस वक्त हुई जब वो घर से निकले ही थे। तभी गाजीपुर तिराहे पर मन्ना सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। 

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एक लाख का इनामी था मऊ का पंकज यादव

मन्ना के हत्याकांड में मुख्तार अंसारी गैंग का नाम सामने आया था। इतना ही नहीं मन्ना की हत्या के बाद मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रामसिंह मौर्य और गवाह के गनर पुलिस के सिपाही सतीश की भी हत्या कर दी गई थी। ये हत्या 19 मार्च 2010 में मऊ जनपद के आरटीओ कार्यालय के पास की गई। दोनों को गोलियों से भून दिया गया था। इनदोनों हत्याकांड में भी शूटर पंकज यादव का नाम सामने आया था। हत्या और हत्या की कोशिश के संगीन मुकदमें दर्ज होने के बाद से ही पंकज यादव पुलिस की आंख में धूल झोंक कर फरारी काट रहा था।

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