वेब सीरीज 'हिट-द फर्स्ट केस' को देखकर रची कुणाल के कत्ल की साजिश, परिजनों ने पुलिस की बधाइयों पर उठाए गंभीर सवाल, सीएम योगी से गुहार

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वेब सीरीज 'हिट-द फर्स्ट केस' को देखकर रची कुणाल के कत्ल की साजिश, परिजनों ने पुलिस की बधाइयों पर उठाए गंभीर सवाल, सीएम योगी से गुहार
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Noida: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक साहूकार के नाबालिग बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या करने के मामले को सुलझाने में पुलिस को एक सप्ताह से अधिक समय लग गया। शिवा दा ढाबा चलाने वाले कुणाल के पिता कृष्ण कुमार शर्मा ने पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए सीएम योगी से अब इंसाफ की गुहार लगाई है।

कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा,

'मैं अपने समाज के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि मैडम को माला पहनाई जा रही है उन्हें गुलदस्ता दिया जा रहा है ये मुझे अच्छी बात नहीं लगी. कमिश्नर ने ऐसा कौन सा काम किया है जिसके लिए हम इन्हें गुलदस्ता दे दें. मेरा तो बेटा चला गया, क्या पुलिस प्रशासन यही हमारा सुरक्षा कर रहा है।

पिता ने पुलिस पर उठाए सवाल


जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो उन्होंने सबसे पहले रेस्तरां के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें यह नजर आया कि 14 साल का कुणाल एक महिला के बुलाने पर उसके पीछे-पीछे जा रहा था, लेकिन फुटेज में महिला का चेहरा नजर नहीं आया। रेस्तरां के अंदर भी एक सीसीटीवी लगा था, जो 'शिवा ढाबा' के रिसेप्शन काउंटर पर आने वाले किसी भी शख्स का फुटेज कैद कर सकता था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब पुलिस ने जांच की तो एक मई को दोपहर दो बजे के आसपास सीसीटीवी बंद पाया गया और इसी समय अंतराल के दौरान महिला कुणाल को रेस्तरां से बाहर लेकर गई थी। 

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सीएम योगी से हाथ जोड़कर मांगा मिलने का समय

कुणाल के एक किशोर रिश्तेदार ने ही सीसीटीवी कैमरे को बंद किया था, क्योंकि वह अक्सर उसके पिता का दोपहिया वाहन बिना पूछे ले जाता था और वह पकड़े जाने के डर से सीसीटीवी कैमरा बंद कर देता था। नोएडा पुलिस ने बृहस्पतिवार को इस मामले में एमबीबीएस की छात्रा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने खुलासा किया कि कुणाल के रिश्तेदार मनोज शर्मा (42) और हिमांशु चौधरी ने मिलकर हत्या की साजिश रची थी। दोनों ने कुणाल के पिता कृष्ण कुमार शर्मा से कर्ज लिया था, लेकिन वे इसे चुका नहीं पाए। पुलिस ने बताया कि इस मामले में हिमांशु के दोस्त कुणाल भाटी और उसकी प्रेमिका तन्वी को भी गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने ''रेस्तरां के अंदर का सीसीटीवी बंद मिला। इससे पुलिस अपराधियों की तुरंत पहचान कर सकते थे। जिसके बाद हमे ग्रेटर नोएडा और नोएडा में लगभग 200 अलग-अलग स्थानों के सीसीटीवी फुटेज देखने पड़े। यह एक कठिन काम था।'' 

बहन की शादी के 5 दिन पहले भाई को मार डाला

अधिकारी ने बताया, ''जांच के दौरान पता चला कि रेस्तरां का सीसीटीवी कुणाल के एक रिश्तेदार ने ही बंद किया था। यह एक अजीब संयोग था लेकिन जांच के समय हम किसी भी बात को संयोग मानने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह कुणाल के पिता का दोपहिया वाहन बिना अनुमति के ले जाता था और इसलिए वह अक्सर सीसीटीवी बंद कर देता था ताकि पकड़ा न जाए।'' पुलिस के अनुसार, कुणाल के किशोर रिश्तेदार का उसकी हत्या से कोई संबंध नहीं था, लेकिन जब उससे पूछा गया कि वह घटना के समय कहां था तो वह बार-बार अपने उत्तर बदल देता था। अधिकारी ने कहा, ''उसने पहले कहा कि वह जूस पीने गया था, फिर उसने कहा कि वह कुछ निजी काम के लिए गया था। उसने यह बताने से पहले कई बहाने बनाए कि वह अक्सर कुणाल के पिता का दोपहिया वाहन बिना अनुमति के ले जाता था और पकड़े जाने के डर से वह अक्सर सीसीटीवी कैमरा बंद कर देता था।''

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नहीं बचा सके कुणाल की जान 

कुणाल का शव पांच मई को बुलंदशहर जिले की एक नहर से बरामद हुआ। सीसीटीवी फुटेज गायब होने के अलावा पुलिस को मामले को सुलझाने में कुछ अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने इस अपराध को अंजाम देने की साजिश ओटीटी मंच 'नेटफ्लिक्स' पर रिलीज हुई वेब सीरीज 'हिट-द फर्स्ट केस' को देखकर रची थी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बबलू कुमार ने बताया, ''आरोपियों ने वेब सीरीज के माध्यम से हत्याकांड के सबूत छिपाने और नष्ट करने का तरीका सीखा था, जिससे वे पुलिस को गुमराह कर सकें।'' उन्होंने बताया, ''उन्होंने वेब सीरीज देखकर सबूतों को नष्ट करने के लिए कुछ तरकीबों का इस्तेमाल किया, जैसे कार पर स्टिकर बदलना, कपड़े बदलना, शव और ट्रॉली बैग से अपनी उंगलियों के निशान हटाना। 

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कार से किडनैपिंग और हत्या

साथ ही उन्होंने यह भी सीखा की अपने मोबाइन फोन से कैसे निपटा जाए।'' यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपियों ने सबूत नष्ट कर दिए, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे केवल जांच में देरी कर सकते हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुणाल के शव को ट्रॉली बैग में भरकर बुलंदशहर ले गये और फिर नहर में फेंकने से पहले उसके सारे कपड़े उतार दिए। पुलिस ने बताया कि वे कपड़ों और शरीर से सारे निशान मिटा देना चाहते थे, इसलिए वे शव नहर में फेंकने के बाद ट्रॉली बैग भी अपने साथ ले गए थे। पुलिस ने बताया कि पकड़े जाने से बचने के लिए वे कार के पंजीकरण नंबर सहित स्टिकर और अन्य पहचान चिह्न भी बदलते रहे।

(भाषा)

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