NIA ने चलाया 'ऑपरेशन PFI', टेरर फंडिंग को लेकर अब खोली जाएगी साज़िशों की 'फाइल्स'

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NIA ने चलाया 'ऑपरेशन PFI', टेरर फंडिंग को लेकर अब खोली जाएगी साज़िशों की 'फाइल्स'
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Operation PFI: पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ा एक्शन (Action) देखने को मिला है। गुरुवार यानी 22 सितंबर की सुबह से ही  देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) देश के करीब 13 राज्यों में कदम ताल कर रही है और घूम घूमकर PFI के टेरर लिंक (Terror Link) पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' (surgical strike) कर रही है।

दावा यही किया गया है कि आतंक की साज़िश और टेरर फंडिग के मामले में PFI पर NIA का ये करारा प्रहार है। देखा जाए तो ये PFI पर अब तक की सबसे बड़ी रेड है।  टेरर फंडिंग और साज़िशों के कैंप चलाने के मामले में देशभर में पीएफआई के मॉड्यूल पर केंद्रीय जांच एजेंसी का ये सबसे तगड़ा प्रहार है।
केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने कितनी प्लानिंग और तैयारियों के साथ आतंक की साज़िशों के अलग अलग ठिकानों पर धावा बोला, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात में यानी अल सुबह तीन बजे से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी हरकत में है। उसने पीएफआई के 20 से ज़्यादा ठिकानों पर छापे मारे और 106 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।

Operation PFI: जांच एजेंसी ने जिन नामी लोगों को गिरफ्तार करके अपनी इस कार्रवाई को सिरे चढ़ाया उनमें दिल्ली पीएफआई के मुखिया परवेज अहमद तो हैं ही साथ ही पीएफआई के नेशनल चीफ ओमा सलीम सबसे अहम हैं। इसके अलावा एनआईए ने केरल चीफ मोहम्मद बशीर और राष्ट्रीय सचिव वीपी नजरूद्दीन को भी हिरासत में ले लिया गया है।
इस छापामारी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने मिलकर काम किया। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, पुड्डुचेरी और राजस्थान में NIA और ED ने छापा मारी की।

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जांच एजेंसी ने सबसे ज्यादा केरल से 22 लोगों को गिरफ्तार किया.. महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20 लोगों को पकड़ा है...आंध्र प्रदेश से 5, असम से 9, दिल्ली से 3, मध्य प्रदेश से 4, पुडुच्चेरी से 3, तमिल नाडु से 10, उत्तर प्रदेश से 8 और राजस्थान से 2 लोगों को गिरफ्तार किया है...महाराष्ट्र में भी PFI से जुड़े 100 ठिकानों पर NIA ने रेड की है जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर में भी PFI के दफ्तर पर छापा डाला।

मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में पीएफआई के एमपी के स्टेट लीडर्स को हिरासत में लिया गया। 4 लीडर्स को मध्यप्रदेश के उज्जैन और इंदौर से एनआईए ने पकड़ा। बिहार के पूर्णिया में भी रेड की गई। पिछले कुछ दिनों से PFI के कई मामलों में हाथ होने और टेरर फंडिग का शुबहा होने के बाद रेड डाली जा रही है। केरल, तमिलनाडु और यूपी समेत देश के 11 राज्यों में NIA और ED की टीम ने PFI के राज्य से लेकर जिला स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की।

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इसके अलावा NIA ने कोयंबटूर, कुड्डालोर, रामनाड, डिंडुगल, थेनी और थेनकासी समेत तमिलनाडु में कई ठिकानों पर PFI पदाधिकारियों के घरों की तलाशी ली गई। दिल्ली के शाहीन बाग और गाजीपुर से पीएफआई से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हुई। लखनऊ के इंदिरा नगर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि असम पुलिस ने PFI के 9 लोगों को हिरासत में लिया है...

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Operation PFI: एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत में खासतौर पर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी हरकतों को बेतहाशा बढ़ाने के लिए फंडिंग की गई है। लिहाजा इन सबके टेरर लिंक को खंगालने के लिए ही छापामारी की कार्रवाई की।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक असल में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी को खबर मिली थी कि कई राज्यों में पिछले काफी अरसे से पीएफआई बड़े पैमाने पर नए आतंकी बनाने के लिए ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इन कैंपों में नए रंगरूटों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग के साथ साथ भटके हुए नौजवानों का ब्रेन वॉश भी किया जाता है। ताकि वो आतंक के रास्ते पर उतर जाएं।

लेकिन तीसरी वजह सबसे अहम बताई जा रही है। असल में जुलाई के महीने में ही पटना से सटे फुलवारी शरीफ में मिले आतंकी मॉड्यूल के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी अलर्ट हो गईं और उसके बाद ही देश भर में पीएफआई के अलग अलग ठिकानों पर छापा मारने की प्लानिंग शुरू हो गई थी। असल में फुलवारी शरीफ में पीएफआई के एजेंटों के पास एक ऐसा दस्तावेज मिला जिसने पीएफआई की प्लानिंग का खुलासा कर दिया।

असल में वो डॉक्यूमेंट था इंडिया 2047। सात पन्नों के इस दस्तावेज में वो सब कुछ दर्ज था जिसको अमली जामा पहनाने के लिए पीएफआई शुरू से लगा हुआ है। असल में उस डॉक्यूमेंट में अगले 25 सालों के भीतर भारत को एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने का पूरा रोडमैप लिखा हुआ है।

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