गैंगस्टर गोल्डी बराड़ पर चला एनआईए का चाबुक, आतंकवादी गोल्डी बराड़ पर 10 लाख का इनाम घोषित

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गैंगस्टर गोल्डी बराड़ पर चला एनआईए का चाबुक, आतंकवादी गोल्डी बराड़ पर 10 लाख का इनाम घोषित
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Delhi: केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने चंडीगढ़ रंगदारी और गोलीबारी मामले में वांटेड आतंकवादी गोल्डी बराड़ और एक अन्य गैंगस्टर की गिरफ्तारी के लिए 10 रुपये नकद इनाम की घोषणा की है। गौरतलब है कि गोल्डी बराड़ चंडीगढ़ में एक व्यवसायी के घर पर जबरन वसूली और गोलीबारी के मामले में वांटेड है। एनआईए ने इस खूंखार गैंगस्टर की तलाश में अपना जाल फैला रखा है। 

आतंकवादी गोल्डी बराड़ पर 10 लाख का इनाम घोषित

एनआईए ने 8 मार्च 2024 को जबरन वसूली व व्यवसायी के घर पर गोलीबारी के मामले में सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​गोल्डी बराड़ और आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ ​​गोल्डी ढिल्लों उर्फ ​​गोल्डी राजपुरा के खिलाफ केस दर्ज किया था। दोनों के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख का कैश इनाम दिया जाएगा। कनाडा में सक्रिय गैंगस्टर और खालिस्तानी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य गोल्डी बरार पर भारत सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। 

गोल्डी पर कनाडा में डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम

गोल्डी पर कनाडा में डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम कनाडा सरकार ने रखा है।  अपहरण और हत्या के एक मामले में एनआईए ने यह इनाम रखा है। आपको बता दें हाल ही में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA के ताजा खुलासे ने गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई को एक नया मुकाम दे दिया है। इतना ही नहीं इस जांच एजेंसी की जांच कहती है कि लॉरेंस बिश्नोई का गैंग दाऊद की D कंपनी से भी किसी मामले में कम नहीं है। सच कहा जाए तो नए जमाने में लॉरेंस का गैंग डी कंपनी पर भारी बैठ सकता है। 

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लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना D कंपनी से

दरअसल केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना D कंपनी और दाऊद इब्राहिम से की है। इस गैंग का स्लोगन है 'जय बलकारी'।  राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई, कनाडा और इंडिया से वांटेड गोल्डी बराड़ समेत कई कुख्यात गैंगस्टर्स के खिलाफ गैंगस्टर टेरर केस में चार्जशीट दाखिल कर बहुत बड़ा खुलासा किया है।  


लॉरेंस गैंग ने अपना सिंडीकेट तेजी से बढ़ाया

NIA ने अपनी चार्जशीट में बताया है की लारेंस बिश्नोई और उसका टेरर सिंडिकेट बहुत तेजी से और बड़े स्तर पर अभूतपूर्व तरीके से फैला है।  लॉरेंस ने ठीक वैसे ही अपना गैंग बनाया और बड़ा किया जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने छोटे मोटे अपराध करते हुए अपना नेटवर्क खड़ा किया था। ड्रग की तस्करी, टारगेट किलिंग, एक्सटोर्शन रैकेट के जरिए और फिर उसने D कंपनी बनाई। इसके बाद दाऊद का पाकिस्तानी आतंकियों से गठजोड़ बना और उसका नेटवर्क फैलता चला गया।  

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दाऊद की ही तरह लॉरेंस गैंग की शुरूआत

दाऊद इब्राहिम और D कंपनी की तरह बिश्नोई गैंग ने भी छोटे मोटे अपराध से अपने जरायम की दुनिया की शुरआत की, फिर खुद का अपना गैंग खड़ा किया और इस वक़्त पूरे नॉर्थ इंडिया में बिश्नोई गैंग की धाक है। इतना ही नहीं इस गैंग की एक ब्रांच हिन्दुस्तान से बाहर से ऑपरेट हो रही है, जिसकी कमान सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ने संभाल रखी है। हालांकि गोल्डी बराड़ इस वक्त इंटरपोल, कनाडा पुलिस और भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए मोस्टवॉन्टेड है।  लेकिन जांच एजेंसी का सबसे बड़ा खुलासा यही है कि इस वक़्त बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं। जिनमें से ज़्यादातर या ये भी कहा जा सकता है कि 300 शूटर तो पंजाब के ही है।  

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नए रिक्रूट का तरीका अनोखा

सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीके से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है।जवानों को कनाडा या उनकी मनचाही कंट्री में शिफ्ट करवाने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है। NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है। UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 

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