अंधश्रद्धा फैलाने के मामले में बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री को पुलिस ने इस वजह से दी क्लीनचिट
Bageshwar Dham Row: अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है
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Bageshwar Dham Row: अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है. पुलिस ने कहा है कि वीडियो मॆं देखने में अंधश्रद्धा या अंधविश्वास जैसा कुछ नहीं है. पुलिस ने अपना लिखित जवाब अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव को भेजा है.
दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री की नागपुर में 'श्रीराम चरित्र चर्चा' आयोजित हुई थी. इसके खिलाफ महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने नागपुर पुलिस से शिकायत की थी. समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री का विरोध किया था. अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कहा है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जादू-टोने और अंधश्रद्धा फ़ैला रहे हैं. दूसरी ओर, धीरेंद्र कृष्ण ने कहा, 'हम तो बाबा जी (बागेश्वर बालाजी) की सेवा करते हैं.' हाल ही में 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुई थी.
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कौन है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ?
Bageshwar Dham Sarkar: धीरेंद्र कृष्ण के दादा भगवान दास गर्ग पहले दिव्य दरबार लगाते थे। वे निर्मोही अखाड़े से जुड़े थे. उनकी मौत के बाद धीरेंद्र भी छतरपुर के गांव गड़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास दिव्य दरबार लगाने लगे.
बागेश्वर धाम एमपी में एक धार्मिक तीर्थ स्थल है. यहां भगवान बाला जी बागेश्वर धाम (हनुमान मंदिर) में विराजमान है. धीरेंद्र शास्त्री भगवद् महापुराण के कथावाचक है. उनका जन्म 4 जुलाई 1996 को हुआ था। वो गांव गढ़ा में पैदा हुए थे. उनके पिता का नाम राम करपाल गर्ग है. उनकी माता का नाम सरोज गर्ग है. उन्होंने अपने दादा भगवान दास गर्ग से ही दीक्षा ली. धीरेंद्र कक्षा 12 वीं तक पढ़े हैं. इसके बाद वो कथावाचक बन गए.
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