लोन ऐप के झांसे में फंसे, टॉर्चर से परेशान होकर भोपाल में परिवार ने दी जान, बच्चों को कोल्ड ड्रिंक में जहर पिलाया, फिर एक ही फंदे पर झूले
Bhopal Family suicide Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामूहिक आत्महत्या (Mass Family Suicide) का मामला सामने आया है. यहां एक ही परिवार के 4 लोगों ने आत्महत्या कर ली है.
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Bhopal Family suicide Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामूहिक आत्महत्या (Mass Family Suicide) का मामला सामने आया है. यहां एक ही परिवार के 4 लोगों ने आत्महत्या कर ली है. मृतकों में दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और फिर खुद फांसी लगा ली. परिवार द्वारा इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है.
मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है. एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक, पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां खिलाई गईं और फिर पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
Troubled by online loan trap: पुलिस के मुताबिक, मृतक एक निजी बीमा कंपनी में काम करता था, लेकिन कुछ घाटे के कारण उसने कर्ज लिया था. वह इस कर्ज को समय पर नहीं चुका सका, जिसके कारण उस पर कर्ज बढ़ता गया और उसने यह घातक कदम उठाया। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.
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कर्ज से परेशान परिवार ने की आत्महत्या
रातीबड़ थाना पुलिस के मुताबिक 35 वर्षीय भूपेन्द्र विश्वकर्मा मूलतः रीवा का रहने वाला था. वह अपनी पत्नी 29 वर्षीय रितु विश्वकर्मा और रितुराज (8 साल की बटा) और ऋषिराज 3 साल के बेटे के साथ शिव विहार कॉलोनी में रहता था. परिजन दोनों बच्चों को रिशु और किशु नाम से बुलाते थे. भूपेन्द्र प्राइवेट नौकरी करता था. कुछ महीने पहले उसने ऑनलाइन लोन ऐप से लोन लिया था.आर्थिक तंगी के कारण कर्ज की किश्तें समय पर न चुका पाने के कारण कर्ज बढ़ता चला गया, इसके बाद लोन वसूली करने वालों ने भूपेन्द्र परेशान करना शुरू कर दिया. उसी कंपनी के अधिकारियों ने दोबारा लोन लेने की पेशकश की. भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने दोबारा कर्ज लिया और पुराना कर्ज चुका दिया. इसके बाद नए लोन की बढ़ी हुई किश्तें देने का दबाव बनाया गया. जुलाई की किश्त समय पर जमा नहीं करने पर सोशल मीडिया की डीपी में लगी फोटो निकालकर अश्लील बनाकर ब्लैकमेल किया गया. भूपेन्द्र जहां नौकरी करता था, वहां उसके मालिक, रिश्तेदार और अन्य रिश्तेदार भी ब्यौरा भेजने लगे.
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सुसाइड नोट में बताई आत्महत्या की वजह
समझ नहीं आ रहा कि क्या करें. हमारे इतने प्यारे छोटे से परिवार को न जाने किसकी नजर लग गई. अपने परिवार वालों से हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहता हूं. एक गलती की वजह से हमसे जुड़े सभी लोग बहुत परेशान हो गए.' हम अपने परिवार के साथ खुशी से रह रहे थे. किसी बात की कोई परेशानी या चिंता नहीं थी. लेकिन अप्रैल में मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया. ऑनलाइन काम करने का ऑफर था. टेलीग्राम पर दोबारा वही मैसेज आया. कम पैसे और अपनी ज़रूरतों के चलते मैं इसके लिए तैयार हो गया. ज्यादा समय न देना पड़े इसलिए काम शुरू कर दिया.
सुसाइड नोट में बताया कैसे ऑनलाइन लोन के जाल में फंस गया था परिवार
शुरुआत में तो कुछ फायदा हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यह दलदल में फंस गया. जब भी मुझे थोड़ा सा मिलता तो मैं वह काम करने लग जाता. आगे चलकर बोझ इतना बढ़ गया कि वह अपने काम के साथ-साथ इस काम में खर्च होने वाले पैसे का हिसाब भी नहीं रख सके. इस पैसे का घर में बिल्कुल भी उपयोग नहीं हो सका. काम का दबाव बहुत बढ़ गया.
मुझे ऑर्डर पूरा करने और अपना कमीशन (पैसा) वापस लेने के संदेश मिलने लगे. लेकिन यह एक दलदल था, जहां से निकलना मुश्किल था. जब सारा पैसा ख़त्म हो गया तो कंपनी ने लोन देने की पेशकश की. चार साल पहले मैं जिस कंपनी में था, वह बंद हो गई, जिसके बाद मेरी साख खराब हो गई. इसलिए मैंने मना कर दिया, क्योंकि मेरी सिविल पहले से ही खराब थी. लोन कहां से मिलेगा, लेकिन कंपनी के कहने पर मैंने कोशिश की और लोन मिलता रहा. मैं उस पैसे को कंपनी में पानी की तरह निवेश करता रहा.
काम शुरू करने से पहले मैंने ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट चेक की. कंपनी टीआरपी के लिए काम करवाती है, जिसकी शुरुआत कोविड के बाद 2022 में कोलंबिया से हुई थी. ये सब देखकर मैंने काम शुरू कर दिया, लेकिन नहीं पता था कि इस मोड़ पर मैं खड़ा हो जाऊंगा और कोई रास्ता नहीं बचेगा. इस काम की जानकारी मेरी पत्नी या परिवार के किसी सदस्य को नहीं थी. पत्नी जब भी मुझे देखती थी तो कहती थी कि कुछ गलत मत करना. और मैं मना कर देती थी और जवाब देती थी कि मैं सब कुछ तुम्हारी ख़ुशी के लिए ही कर रही हूँ. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैंने क्या किया है. ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मैंने सोचा था कि कुछ दिन बाद पैसे मिलने पर सबका कर्ज चुका दूंगा और सब कुछ छोड़ दूंगा, लेकिन इतने से क्या होगा ये समझ नहीं आ रहा था. ऑनलाइन नौकरी ढूंढने वालों ने मुझ पर इतना कर्ज ले लिया कि मैं खुद भी हैरान रह गया. मैं समझ गया कि मेरे साथ धोखा हुआ है. जब-तब मुझ पर पैसे का दबाव बनाया जाता था. ये पैसे मैंने अपने लिए नहीं लिए, मैं इसका इस्तेमाल भी नहीं कर सका. कंपनी ने ऋण की पेशकश की और मैंने पैसे लेकर कंपनी में वापस रख दिए.
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लोन देने वालों ने मेरा फोन हैक कर लिया
loan torture, family in Bhopal died: जून में कर्ज इतना बढ़ता चला गया कि वसूली करने वाले धमकी देने लगे. किसी तरह मैंने इंतजाम किया और ईएमआई चुकाई, लेकिन जुलाई में लोन देने वालों ने मेरा फोन हैक कर लिया. उससे डिटेल निकालकर रिश्तेदारों, दोस्तों और सहकर्मियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। वे (लोन कंपनी) धमकी देने लगे कि तुम्हारी अश्लील और गलत फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे, बदनाम कर देंगे. उसने मेरे बॉस की डीपी (फोटो) का भी दुरुपयोग किया. इससे मुझे बहुत ग्लानि हो रही है. मैं जिसे भी जानता हूं उसे मेरी एक गलती की सजा मिल रही है' उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है.
मैं साइबर क्राइम कार्यालय गया, लेकिन वहां अधिकारी नहीं होने और छुट्टी के कारण मामला टल गया. आवेदन करवाने के लिए दोबारा वकील से मिला. उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय मांगा. लेकिन मैं न तो किसी से बात कर पा रही हूं और न ही किसी से नजरें मिला पा रही हूं. कोई यह नहीं समझ पा रहा कि आज मैं अपनी ही नजरों में गिर गया हूं.
नौकरी छोड़ने का समय आ गया है. मेरा और मेरे परिवार का भविष्य नजर नहीं आ रहा है.' मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं.' मैं परिवार से कैसे मिल पाऊंगा? मैं अपने पापा से, मम्मी से, पापा से, मम्मी से, जीजा से, प्यारी बहनों से, प्यारी बेटी से यही कहना चाहती हूं कि सबसे नजरें कैसे मिलायें। मुझे सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि भविष्य में मेरी बेटी की शादी में खलल न पड़े.
इसलिए मैं परिवार यानी पत्नी और बच्चों रिशु और किशु को मुसीबत में नहीं छोड़ सकता, इसलिए सभी को अपने साथ ले जा रहा हूं. मैं एक बार फिर माफी मांगता हूं. कृपया मेरे परिवार को माफ कर दीजिए. मैं मजबूर हूं शायद कभी
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