सबूत प्लांट करती यूपी पुलिस? स्कूटी में तमंचा रखकर अपराधी बनाना चाहती थी पुलिस?, आरोप पर क्या बोले अधिकारी

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सबूत प्लांट करती यूपी पुलिस? स्कूटी में तमंचा रखकर अपराधी बनाना चाहती थी पुलिस?, आरोप पर क्या बोले ...
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Up News: दो दिन पहले मेरठ पुलिस पर मेरठ के खरखौदा थाना क्षेत्र में एक शिक्षक के घर में खड़ी बाइक में बंदूक रखने और फिर उसे वहां से बरामद कर शिक्षक को गिरफ्तार करने का आरोप लगा था. इसका एक सीसीटीवी भी सामने आया था. इन आरोपों की अभी जांच चल रही है. इस बीच इसी तरह का एक और आरोप मेरठ पुलिस पर लगा है, जहां किठौर थाना क्षेत्र के राधना निवासी एक प्लंबर ने पुलिस पर रात में उसके घर में घुसने का आरोप लगाया है. उन्होंने उसे कार में दबा लिया और बंदूक उसकी स्कूटर में रख दी और स्कूटर से थाने ले गए. आरोप है कि उससे 50 हजार रुपये लेने के बाद स्कूटर छोड़ दिया गया.

स्कूटी में तमंचा रखकर अपराधी बनाना चाहती थी पुलिस?

दरअसल, मेरठ के थाना किठौर क्षेत्र के राधना गांव निवासी प्लंबर फिरोज ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया और आरोप लगाया कि बुधवार दोपहर काम से लौटने के बाद उसने रात करीब साढ़े आठ बजे स्कूटर अपने घर में खड़ा किया था. सिपाही उसके घर पहुंचे और उसकी मां से यह कहकर चाबी ले ली कि स्कूटर चोरी हो गया है. आरोप है कि सिपाहियों ने जांच के बहाने स्कूटर के फुटबोर्ड में बंदूक रखकर उसका वीडियो बनाया और फिर बंदूक समेत उसके स्कूटर को थाने ले गए और फिरोज को जेल भेज दिया. आरोप है कि गुरुवार सुबह 50 हजार रुपये लेकर स्कूटर छोड़ दिया गया. एसएसपी ऑफिस पहुंचने के बाद फिरोज ने मीडिया को कुछ सीसीटीवी भी दिए, जिसमें पुलिस आती दिख रही है और फिर स्कूटर ले जाती दिख रही है, हालांकि बंदूक रखने का कोई फुटेज अभी तक सामने नहीं आया है.

स्कूटी में तमंचा रखकर अपराधी बनाना चाहती थी पुलिस?

वही फिरोज के आरोप पर मेरठ के एसपी देहात कमलेश बहादुर ने कहा कि मामले की जांच के लिए कोट किठौर को लगाया गया है और अभी तक उसकी पिस्टल लेकर चलने की कोई फोटो या जानकारी सामने नहीं आई है कि स्कूटी क्यों ले जा रहे थे और क्यों ले जा रहे थे. पीछे छोड़ा। जांच की जा रही है, यह बात भी सामने आ रही है कि फिरोज के चाचा और उसके दोस्त ने पुलिस के नाम पर ₹50000 लिए थे.

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इस मामले में शिकायतकर्ता फिरोज का कहना है कि एसएसपी से शिकायत के बाद उसके ₹50,000 वापस कर दिए गए हैं. फ़िरोज़ का कहना है कि पुलिस ने यह भी कहा कि वे उसके पैर में गोली मार देंगे और उसे जेल भेज देंगे. 28 तारीख को वह स्कूटर से ₹50,000 लेकर निकला.  इसके बाद एसएससी से शिकायत की गई तो ₹50000 वापस कर दिए गए.

इस मामले में मेरठ पुलिस की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें पिस्तौल रखने के आरोपों का खंडन किया गया है. बयान में कहा गया है कि किठौर थाने पर एक वादी ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मी गांव में स्कूटर से घूम रहे थे. बंदूक रखी गई और पैसे की मांग की गई, जिसमें प्रारंभिक जांच की गई और सीसीटीवी फुटेज देखे गए. सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि किसी पुलिसकर्मी ने स्कूटर में कोई अवैध हथियार नहीं रखा है और न ही कोई पुलिसकर्मी स्कूटर के पास गया है. घटना सीसीटीवी में कैद है. सीसीटीवी को पुलिस ने कब्जे में लेकर सुरक्षित कर लिया है, जिसमें स्कूटर भी दिखाई दे रहा है.

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इसलिए किठौर थाने के किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा अवैध हथियार रखने का आरोप पूरी तरह से गलत है. अन्य आरोपियों द्वारा पैसे की मांग आदि के संबंध में अलग से जांच की जा रही है. एक बार फिर इन आरोपों ने मेरठ पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. दो दिन पहले लगे आरोपों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि इसी तरह का एक और मामला सामने आ गया है और पुलिस एक बार फिर मुसीबत में पड़ गई है.

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