नहीं थम रही मणिपुर हिंसा, क्यों जल रहा है पूर्वोत्तर का यह राज्य?
Manipur violence: मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदेश में हलचल मची हुई है
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Manipur violence: मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदेश में हिंसा हो रही है. मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग के खिलाफ जनजातीय समूहों द्वारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके चलते प्रदेश के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को ठप कर दिया गया है.
मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर सेना और असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है ताकि हिंसा वाली स्थिति पर काबू पाया जा सके. स्थानीय प्रशासन ने 3-4 मई की दरमियानी रात को सेना को बुलाया जिसके बाद राज्य पुलिस के साथ सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सुरक्षित कर्फ्यू लगाने के लिए कार्यवाही की। धरने को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है और ग्रामीणों को हिंसा वाले जगहों से दूर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है.
छात्रों के एक संगठन ने मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग करते हुए आदिवासी एकता मार्च बुलाया था, जिसमें हिंसा की घटनाएं भड़क गईं। चुराचांदपुर में तनाव के बीच भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया था और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।
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पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने मौजूदा स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा, आदिवासी बहुल चुरांचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है. पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी गई है, जबकि ब्रॉडबैंड सेवाएं जारी हैं.
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