अपने खानदान की शानदार विरासत पर बदनामी का पैबंद था मुख्तार अंसारी

ADVERTISEMENT

अपने खानदान की शानदार विरासत पर बदनामी का पैबंद था मुख्तार अंसारी
सांकेतिक तस्वीर
social share
google news

Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी सचमुच खुद को डॉन कहलाना ही पसंद करता था। सूबे में संगठित अपराध का ये पहला और शायद सबसे बड़ा चेहरा माना जाता था। बीती रात बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को कार्डियक अरेस्ट हुआ और जेल में तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी की शिकायत के बाद बेहोशी की हालत में मुख्तार को गंभीर हालत में दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 

अपने खानदान की शानदार विरासत पर बदनामी का पैबंद था मुख्तार अंसारी

खानदानी विरासत पर बदनामी का पैबंद

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके नजदीकी और मुख्तार को करीब से जानने वाले यकीन नहीं कर पा रहे कि मुख्तार जैसा माफिया उस परिवार से था जिसका सियासी रसूख हिन्दुस्तान के सबसे आला ओहदे तक जा पहुँचा था। इतना ही नहीं जिस परिवार की इतनी इज्जत थी और जिस परिवार के बेटे ने मुल्क का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया उस घर का एक चिराग इस कदर शानदार विरासत पर पैबंद लगा सकता है, सोचा भी नहीं जा सकता, मगर ये सच है। 

बा-इज्जत परिवार का बे-इज्जत मुख्तार

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में मुख्तार अंसारी का जन्म हुआ था।  पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां बेगम राबिया थी। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की हैसियत एक डॉन की कम और एक इज्जतदार सियासी खानदान की मानी जाती रही। 

ADVERTISEMENT

माफिया मुख्तार के दादा स्वतंत्रता सेनानी डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी

मुख्तार के दादा गांधी जी के साथ थे

जिस मुख्तार अंसारी ने 17 साल से ज्यादा वक्त जेल की सलाखों के पीछे काटा उस मुख़्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख़्तार अहमद अंसारी पूर्वांचल के जाने माने स्वतंत्रता सेनानी थे। डॉक्टर अंसारी किसी जमाने में गांधी जी के साथ काम करते थे। यहां तक कि 1926-27 में वो कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। सिर्फ दादा ही नहीं मुख़्तार अंसारी का ननिहाल भी बेहद सम्मानित और इज्जतदार था। 

शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान थे मुख्तार के नाना

मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान 1947 की लड़ाई में शहीद हुए थे और उनकी शहादत को हिन्दुस्तानी फौज आज भी याद करती है। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को उनकी बहादुर मौत के बाद महावीर चक्र से नवाज़ा गया था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में बेहद शरीफ शहरी माने जाते थे। उनकी साफ सुधरी छवि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया। इतना ही नहीं भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा लगते थे। 

ADVERTISEMENT

डॉन मुख्तार के नाना शहीद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान

मुख्तार की अगली पीढ़ी ने भी नाम रौशन किया

एक तरफ खानदानी विरासत है तो दूसरी तरफ संगीन इल्जामों से सराबोर माफिया डॉन मुख्तार अंसारी। सचमुच वो अपने परिवार की शानदार विरासत में एक बदनुमा दाग ही था। क्योंकि इस खानदान की अगली पीढ़ी भी ऐसी है जिसका मुख्तार अंसारी से रिश्ता होने पर किसी को भी अफसोस और हैरानी दोनों हो सकती है। खुद मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी निशानेबाजी की दुनिया का शानदार सितारा माना जाता है। अब्बास शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल निशानेबाज है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में अब्बास का नाम आता है। वो न सिर्फ नेशनल चैंपियन रहा बल्कि दुनिया भर से तमगे जीतकर उसने खुद का और मुल्क का नाम रौशन किया। एक तरफ शानदार विरासत तो दूसरी तरफ होनहार अगली पीढ़ी। और इन दो शानदार मखमल की चादर के बीच मुख्तार अंसारी एक टाट के पैबंद से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। 

ADVERTISEMENT

24 साल तक चढ़ी खुद मुख्तार ने विधानसभा की सीढ़ियां

ऐसे में एक सवाल तो बनता ही है कि ऐसे इज्जतदार खानदान का ये चश्मोचिराग मुख्तार अंसारी माफिया कैसे बन गया? रौबदार मूंछों वाला ये विधायक आज भले ही दुनिया से चल बसा हो, मगर मऊ और उसके आसपास के इलाके में मुख्तार अंसारी के नाम की तूती बोला करती थी। एक वक्त ऐसा भी गुजरा है जब पूरा सूबा मुख्तार के नाम से कांपता था। मुख्तार उत्तर प्रदेश की लगभग हर बड़ी पार्टी में शामिल रहा और 24 सालों तक मऊ और गाजीपुर का ये मुख्तार अंसारी लखनऊ में विधान सभा की सीढ़ियां चढ़ता रहा। 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜