LTTE Leader Alive: 'LTTE चीफ प्रभाकरन जिंदा है, वह जल्द सामने आएगा...', तमिल नेता के ऐलान से आया भूचाल
पाझा नेदुमारन का दावा है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE का चीफ प्रभाकरन जिंदा है
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LTTE Leader Prabhakaran Alive: तमिल नेशनलिस्ट मूवमेंट (Tamil Nationalist Movement) के नेता पाझा नेदुमारन (Pazha Nedumaran) ने चौंकाने वाला दावा किया है. पाझा नेदुमारन का दावा है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE का चीफ प्रभाकरन जिंदा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि प्रभाकरन जल्द ही दुनिया के सामने आएगा. नेदुमारन ने दावा किया, प्रभाकरन जिंदा है. वह स्वस्थ भी है. हमें भरोसा है कि इससे उनकी मौत की अफवाहों पर विराम लगेगा. वह जल्द ही दुनिया के सामने आएगा.
नेदुमारन ने दावा किया, श्रीलंका की मौजूदा स्थिति और वहां के लोगों द्वारा राजपक्षे शासन के खिलाफ विद्रोह से हमारे नेता (प्रभाकरन) के सामने आने के लिए सही समय है. उन्होंने कहा, मुझे दुनिया भर की पूरी तमिल आबादी के सामने यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि प्रभाकरन बहुत अच्छा काम कर रहा है. वह जिंदा है. नेदुमारन ने कहा, इससे प्रभाकरन को लेकर चल रहीं अफवाहों को विराम लगेगा. पाझा नेदुमारन ने कहा, प्रभाकरन जल्द ही तमिलों के लिए नई योजना का ऐलान करेंगे.
नेदुमारन ने दुनियाभर में मौजूद ऐलम तमिल और तमिल समाज के लोगों से एकजुट होकर प्रभाकरन का समर्थन करने की अपील की. नेदुमारन ने बताया कि वे प्रभाकरन के परिवार से साथ संपर्क में हैं. उन्होंने ही प्रभाकरन के स्वस्थ्य होने की जानकारी दी है.
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वेलुपिल्लई प्रभाकरन को श्रीलंकाई तमिल गुरिल्ला और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) के संस्थापक के तौर पर जाना जाता है. उसके उग्रवादी संगठन का मकसद श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाना था जिसके लिए लिट्टे ने श्रीलंका में 25 साल से अधिक समय तक युद्ध लड़ा. प्रभाकरन की मौत मई 2009 में हुई थी.
श्रीलंका में LTTE की मौजूदगी से गृह युद्ध शुरू हो गया. 1987 में LTTE लड़ाकों से मुकाबले के लिए भारत ने भी अपनी सेना श्रीलंका भेजी थी. भारत के इस कदम से LTTE नाराज था. उसने इसके लिए बदला लेने की ठानी और राजीव गांधी की हत्या कर दी.
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