तिहाड़ से बाहर निकला गैंग्स्टर का ये बड़ा सच लॉरेंस ऐसे कोडवर्ड में बात करता है अपने गुर्गों से

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तिहाड़ से बाहर निकला गैंग्स्टर का ये बड़ा सचलॉरेंस ऐसे कोडवर्ड में बात करता है अपने गुर्गों से
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Lawrence Bishnoi Audio: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose wala) तब तक दम तोड़ चुके थे। मूसेवाला को गोली मारनेवाले शूटरों (Shooters) को तब तक यकीन हो चुका था कि मूसेवाला अब जिंदा नहीं है। इसी के बाद मौका ए वारदात से भागते हुए शूटरों का सरगना प्रियव्रत फौजी कनाडा (Canada) में बैठे गोल्डी बराड़ (Goldy Barar) को फोन करता है। फोन पर वो गोल्डी को मूसेवाला की मौत की खबर देता है। खबर सुनते ही गोल्डी बराड भारत में बैठे अपने एक गुर्गे को ये जानकारी देता है।
गोल्डी बराड से मूसेवाला की मौत की खबर सुनने के बाद उसका गुर्गा अब सीधे तिहाड जेल फोन लगाता है। तब शाम के करीब पांच बजे होंगे। यानी मूसेवाला की मौत को मुश्किल से 15 मिनट भी नहीं हुए थे।

तिहाड में किया गया ये कॉल लॉरेंस विश्नोई के लिए था। पर फोन सीधे लॉरेंस को नहीं किया गया था। बल्कि कॉल तिहाड के अंदर किसी और के मोबाइल पर आया था। और उसने कोडवर्ड में सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की खबर देनी चाही, लेकिन न जाने क्यों लॉरेंस उस कोडवर्ड को समझ नहीं सका, और तब शूटर ने खुलकर मूसेवाला का नाम लेकर अपनी कामयाबी बता दी।

Lawrence Bishnoi Audio: फोन करनेवाला कहता है...
मूसेवाला की मौत का पहला कॉल
लॉरेंस का शूटर अज्ञात शख्स से बोलता है: हैलो... बात हो सकती है?
अज्ञात शख्स: हां, बिल्कुल हो सकती है...
शूटर: बात करवाना...एक जरूरी बात है
अज्ञात शख्स: एक मिनट रुको...
तिहाड में जिस शख्स ने फोन उठाया था वो शायद लॉरेंस से दूर था। लिहाज़ा वो उसे होल्ड करने को कहता है। इसके बाद कई सेकेंड तक फोन खामोश रहता है। फिर अगली आवाज़ लॉरेंस की सुनाई देती है।
लॉरेंस से शूटर:- मैं केहा स्पीकर ऑन तो नहीं...गोल्डी नूं लाई फोन...मेरी गल्ल
शूटर: सुन.. बहुत मुबारकां...परा (भाई) को...ठीक हो...ठीक हो
लॉरेंस: हां...
शूटर: मैं केहा कि ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी
लॉरेंस: हैं... (मतलब लॉरेंस को कुछ समझ नहीं आता है)
शूटर फिर से बोलता है: ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी
लॉरेंस: की करता....
शूटर: मैं केहा कि ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी...मूसेवाला मार दित्ता....(मार दिया)
लॉरेंस: मारता...ओके काट दो (कॉल डिस्क्नेक्ट करने की कहता है)
फोन पर बात सिर्फ़ 1 मिनट 38 सेकंड ही हुई थी। लेकिन यही वो पहली कॉल थी जिसके ज़रिए लॉरेंस विश्नोई को मूसेवाला के कत्ल की खबर मिली। कत्ल के सिर्फ़ 15 मिनट के अंदर-अंदर। लीजिए..

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Lawrence Bishnoi Audio: ये बातचीत एक बार फिर सुनिए... वो भी पूरी।
लॉरेंस का शूटर अज्ञात शख्स से बोलता है: हैलो... बात हो सकती है?
अज्ञात शख्स: हां, बिल्कुल हो सकती है...
शूटर: बात करवाना...एक जरूरी बात है
अज्ञात शख्स: एक मिनट रुको...
लॉरेंस से शूटर:- मैं केहा स्पीकर ऑन तो नहीं...गोल्डी नूं लाई फोन...मेरी गल्ल
शूटर: सुन.. बहुत मुबारकां...परा (भाई) को...ठीक हो...ठीक हो
लॉरेंस: हां...
शूटर: मैं केहा कि ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी
लॉरेंस: हैं... (मतलब लॉरेंस को कुछ समझ नहीं आता है)
शूटर फिर से बोलता है: ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी
लॉरेंस: की करता....
शूटर: मैं केहा कि ज्ञानी चढ़ा दित्ता गड्डी...मूसेवाला मार दित्ता....(मार दिया)
लॉरेंस: मारता...ओके काट दो (कॉल डिस्क्नेक्ट करने की कहता है)
मूसेवाला के कत्ल के बाद ये पहली बातचीत थी, जिसमें फोन करनेवाला मूसेवाला की मौत की खबर देने से पहले बाकायदा ये कहता हुआ सुनाई देता है कि लॉरेंस भाई से बात करवाओ। ये ऑडियो इस बात का सबूत है ना सिर्फ लॉरेंस को मूसेवाला की मौत की खबर का इंतजार था, बल्कि वो तिहाड के अंदर भी लगातार तिहाड की मेहरबानी से फोन इस्तेमाल कर रहा था। ये ऑडियो इस बात का भी सबूत है कि खबर देनेवाला लॉरेंस को किसी और की मौत की खबर नहीं दे रहा था, बल्कि सिर्फ और सिर्फ़ मूसेवाला की मौत की ही खबर दे रहा था और यही खबर देने के लिए उसने लॉरेंस को फोन किया था।

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