Kolkata Rape Murder केस में CBI को संजय रॉय के अलावा क्यों नहीं मिले सबूत, अब 4 डॉक्टरों के पॉलीग्राफ टेस्ट खोलेंगे राज़

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Kolkata Rape Murder केस में CBI को संजय रॉय के अलावा क्यों नहीं मिले सबूत, अब 4 डॉक्टरों के पॉलीग्राफ टेस्ट खोलेंगे राज़
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कोलकाता केस में CBI का बड़ा अपडेट

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CBI ने कहा ये गैंगरेप नहीं है!

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CBI करेगी प्रिंसिपल संदीप को गिरफ्तार?

Kolkata: कोलकाता के RG Kar Medical हॉस्पिटल में रेप-मर्डर केस (Kolkata doctor rape murder case) में लगातार कई बड़े अपडेट सामने आ रहे हैं, पूरे देश में विरोध प्रदर्शन (Kolkata protests) हो रहे हैं. CBI ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है. सीबीआई की तरफ से की गई इस जांच में पता चला है कि मृतका के रेप और मर्डर में संजय रॉय ही शामिल है. CBI ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem report) भी देखी और अभी तक की जो डीएनए रिपोर्ट सामने आई हैं, उससे यही साबित होता है कि सिर्फ संजय रॉय (Sanjay Roy) ही इस रेप और हत्या में शामिल है, यानि कि ये गैंगरेप नहीं है. अभी तक इस मामले में एक ही शख्स के होने की जानकारी सामने आई है. CBI ने CCTV फुटेज भी जिससे यहीं इशारा मिलता है कि केवल एक ही शख्स यानि कि संजय ने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है. कोलकाता रेप-मर्डर केस में संजय रॉय, संदीप घोष और 4 डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं. इनके पास क्या हैं वो राज जो CBI पॉलीग्राफी से उगलवाएगी।

CBI ने कहा ये गैंगरेप नहीं है

सीबीआई ने अटॉप्सी रिपोर्ट की भी जांच की है, और अभी तक की जांच में संजय रॉय के अलावा किसी और के शामिल होने के कोई सबूत सामने नहीं आए हैं. अब इसके बाद CBI आखिरी राय लेने के लिए इंडिपेंडेंट फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद लेगी. CBI ने कोलकाता रेप-मर्डर मामले में कॉलेज के बर्खास्त प्रिंसिपल संदीप घोष की ओर से चूक पाई है. CBI को ऐसे कई सबूल मिले हैं जिसमें क्राइम सीन को बदला गया है. CBI का कहना है कि हॉस्पिटल को संवेदनशीन तरीके से संभाला जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि अधिकारियों की तरफ से भारी चूक हुई है. जिस जगह पर क्राइम हुआ है उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हॉस्पिटल के अधिकारी यानि कि प्रिसिंपल की थी. 

क्या CBI करेगी प्रिंसिपल संदीप को गिरफ्तार?

बर्खास्त प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष क्राइम सीन को पूरे तरह से सुरक्षित रखने में विफल रहे. CBI का कहना है कि तमाम प्रोटोकॉल पता होने के बावजूद इतनी बड़ी चूक हुई है. ऐसे में सबूतों में फेर-बदल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने हत्या की जानकारी देने के बाद भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई. फिलहाल लगातार CBI की पूछताछ कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल से जारी है और हॉस्पिटल की मरम्मत का काम भी CBI की कड़ी निगरानी में हो रहा है. इसके अलावा CBI की नजर इस बात पर भी है कि रेप और हत्या की FIR दर्ज करने में देर क्यों हुई. कोलकाता पुलिस की तरफ से दी गई समयसीमा भी सीबीआई की जांच के दायरे में है. 

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शराब के नशे में धुत था आरोपी

छानबीन में सीबीआई को पता चला है कि 9 अगस्त की सुबह मृत ट्रेनी डॉक्टर को नींद से जगाने के लिए उसका एक कलीग अस्पताल के सेमिनार हॉल में पहुंचा था, लेकिन उसे लगा कि शायद डॉक्टर सो रही है और वो वापस चला गया. जबकि तब तक उसका क़त्ल हो चुका था और सेमिनार रूम में उसकी लाश पड़ी थी. सीबीआई ने उस डॉक्टर से भी पूछताछ की है. लेकिन डॉक्टर ने अपने जवाब में बताया है कि जब वो सेमिनार रूम में ट्रेनी डॉक्टर को बुलाने के लिए पहुंचा, तो उसने देखा कि डॉक्टर अपने सिर पर एक हाथ रख कर नीचे एक मैट्रेस पर लेटी हैं, जिसे देख कर उसे गुमान हुआ कि शायद वो सो रही है. लेकिन सवाल ये भी है कि जिस तरह से ट्रेनी डॉक्टर की लाश सेमिनार रूम में पड़ी थी.

दरिंदे को लगा सो रही है लेडी डॉक्टर

क्या उसे देख कर किसी को ऐसा धोखा भी हो सकता है? तो इसके जवाब में डॉक्टर ने कहा है कि लाश के पास ही एक बेंच भी रखी थी, जिसके ओट से उसने डॉक्टर को देखा और उसे लगा कि वो सो रही हैं. यानी ये साफ है कि क़त्ल के बाद आरोपी ने पीड़ित डॉक्टर का हाथ इस तरह से उसके सिर पर रख दिया, जिसे देख कर ये लगे की वो सो रही है, यानि सीन ऑफ क्राइम को वारदात के बाद अपने तरह से फेब्रिकेट करने की भी कोशिश की गई. और इसीलिए ये सवाल और अहम हो जाता है कि क्या ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कहीं और हुई और लाश को सेमिनार रूम में लाकर फेंक दिया गया.

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