Kolkata: किस हद तक गिर गए लोग, ऐसे लड़ी जाएगी इंसाफ की लड़ाई, इंटरनेट पर ढूंढ रहे कोलकाता रेप का वीडियो
Kolkata Rape Murder Case: लेकिन इस बीच इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. लोग इंटरनेट पर डॉक्टर की तस्वीरें और रेप का वीडियो तक सर्च कर रहे हैं. अगर कहें कि मानवता मर रही तो गलत नहीं होगा.
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Kolkata Rape Murder: एक तरफ कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर पूरा देश आगबबूला है. बड़ी बेरहमी से एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में बलात्कार किया गया. उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. इसी अस्पताल में वह डॉक्टर हर रोज मरीजों की सेवा में लगी रहती थी. 9 अगस्त को पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत मिली थी.
मौत से पहले 31 साल की पीड़िता के साथ खूब बर्बरता हुई थी. दुर्भाग्यवश पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसकी तस्वीरें-वीडियो खींचकर सर्कुलेट कर दिए गए. अब सिर्फ देश के नागरिक ही नहीं बल्कि मेडिकल स्टाफ भी इस घटना के विरोध में कैंडल मार्च और रैलियां निकाल रहे हैं. लेकिन इस बीच इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. लोग इंटरनेट पर डॉक्टर की तस्वीरें और रेप का वीडियो तक सर्च कर रहे हैं. अगर कहें कि मानवता मर रही तो गलत नहीं होगा.
इंटरनेट पर ढूंढ रहे कोलकाता रेप का वीडियो
इंडिया टुडे की ओपन सोर्स इन्वेस्टिगेशन (OSINT) टीम ने एक जांच में पाया कि पीड़िता के "sex" और "porn" के कथित वीडियो की पेशकश करने वाले लिंक और मल्टीमीडिया फ़ाइलों की भरमार है, जिन्हें कई प्लेटफ़ॉर्म पर होस्ट और शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ बड़ी टेक कंपनियाँ भी शामिल हैं.
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50 से ज़्यादा वेबसाइट और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की जांच से पता चलता है कि इनमें से ज़्यादातर पोस्ट का उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा वेब ट्रैफ़िक हासिल करना है. इन प्लेटफ़ॉर्म में फ़ेसबुक जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट्स, टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म, साथ ही पोर्न वेबसाइट और दूसरे स्वतंत्र रूप से बनाए गए डोमेन शामिल हैं.
R.G. kar hospital की घटना के संदर्भ में लोगों ने "Sex", "पोर्न" और "Rape Porn" के वीडियो खोजना शुरू कर दिया, क्योंकि भयानक विवरण मुख्यधारा के मीडिया और सोशल साइट्स पर आने लगे. 16 अगस्त को ‘kolkata rape video’, ‘डॉक्टर (पीड़िता का नाम) वीडियो’ और ‘(पीड़िता का पहला नाम) पोर्न’ जैसे कीवर्ड की खोज संख्या में वृद्धि हुई. उस दिन, ‘पोर्न’ शब्द वाले कीवर्ड में से एक को कुछ अन्य लोकप्रिय कीवर्ड से ज़्यादा बार खोजा गया.
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इस तरह की सामग्री की खोज सिर्फ़ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और यूएई के यूजर भी शामिल हैं.
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‘बलात्कार’ वीडियो देने की होड़
घिनौनी ऑनलाइन खोजों के कारण पोर्न साइट्स और संदिग्ध कंटेंट एग्रीगेटर्स, टेलीग्राम ग्रुप और टेराबॉक्स जैसे क्लाउड स्टोरेज ऐप पर सैकड़ों पेज बन गए, जहाँ पोर्नोग्राफ़िक सामग्री व्यापक रूप से होस्ट और डिस्ट्रिब्यूटेड की जाती है.
इंडिया टुडे ने पीड़िता के नाम पर कम से कम आठ टेलीग्राम चैनल पाए, जिनके कुल सब्सक्राइबर बेस 70,000 से ज़्यादा यूजर हैं. इनमें से कई चैनलों ने अपने Title या Subtitle नाम में 'वीडियो' लिखा हुआ था - यह संकेत है कि वे केवल ऐसे लोगों को लक्षित कर रहे थे जो ऐसे वीडियो खोज रहे थे, हालांकि ऐसी कोई वीडियो मौजूद नहीं है. इन चैनलों पर ऐसे वीडियो के लिंक वाली दर्जनों पोस्ट पोस्ट की गईं. एक चैनल में ऐसी ही एक पोस्ट में लिखा है, "मैसेज डिलीट होने से पहले सब लोग देख लें"
इन प्लेटफ़ॉर्म के लिंक मुख्यधारा की सोशल मीडिया साइटों, समूहों और वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में खुलेआम शेयर किए जाते हैं. उदाहरण के लिए, बांग्लादेश के एक कंटेंट क्रिएटर शाकिब अहमद ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें लिंक से वीडियो डाउनलोड करने के स्टेप बताए गए थे. जब क्लिक किया जाता है, तो लिंक एक संदिग्ध साइट खोलता है, जो कुछ सेकंड के बाद अपने आप किसी पोर्न साइट पर रीडायरेक्ट हो जाती है. इस पेज पर व्यावसायिक रूप से निर्मित वयस्क वीडियो के लिए 'डाउनलोड' बटन भी है. साइट के आंकड़ों के अनुसार, वीडियो - जो बलात्कार पीड़िता का होने का दावा करता है - 500 से ज़्यादा बार डाउनलोड किया गया था.
हमारी जांच में पाया गया कि लगभग दो दर्जन पोर्नोग्राफ़िक साइट्स पर कथित आपराधिक कृत्य के वीडियो के लिंक हैं. इंडिया टुडे ने पहले इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर पीड़िता के कई फ़र्जी प्रोफ़ाइल बनाए जाने की रिपोर्ट की थी - जाहिर तौर पर ज़्यादा फ़ॉलोअर्स पाने के लिए. इनमें से कुछ अकाउंट कामुक और अर्ध-नग्न वीडियो पोस्ट करते हैं.
इंडिया टुडे की ओपन सोर्स इन्वेस्टिगेशन (OSINT) टीम की रिपोर्ट
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