नरपिशाच: गैेंगरेप के बाद निकाल लिया था कलेजा और आंते, घटना ऐसी कि रूह कांप जाएगी, आरोपी को मिली ये सजा

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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में लड़की का दिल निकालकर खाने वाले दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस घटना में उसका साथ देने वाले दो आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा दी गई है. तीन साल पहले कानपुर देहात में एक ऐसी घटना घटी थी, जिसे सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है. सात साल की एक बच्ची का दो लोगों ने अपहरण कर लिया. उसके साथ गैंगरेप किया. पेट फाड़कर लीवर निकाल लिया. दम्पति ने बच्ची का वह कलेजा खा लिया था. दोनों ने ये सब एक तांत्रिक के कहने पर किया था.

क्या है मामला?

घाटमपुर के एक गांव में 14 नवंबर 2020 की शाम घर के बाहर खेल रही सात साल की बच्ची लापता हो गई. परिवार के लोगों ने रात भर बच्ची की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली. अगली सुबह उसका क्षत-विक्षत शव गांव के बाहर बरामद हुआ. लड़की के पिता ने गांव के ही अंकुल, वंशलाल, कमलराम, बाबूराम और सुरेश जमादार के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. लड़की के पिता का आरोप है कि इन लोगों ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में उनकी बेटी की हत्या कर दी.

पुलिस जांच में मामला खुला

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. इसमें एक खौफनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ. पुलिस को पता चला कि इस घटना के पीछे एक निःसंतान दंपत्ति का हाथ है. सुराग मिलने के बाद पुलिस ने अपनी जांच की रफ्तार बढ़ा दी. कड़ियां जोड़ने लगीं. जांच के दौरान पुलिस ने किशोरी के पिता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में नामजद आरोपियों को आरोपियों की सूची से बाहर कर दिया। मामले में उसी गांव के परशुराम और सुनैना को गिरफ्तार किया गया था.

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जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि शादी के 19 साल बाद भी परशुराम और सुनैना निःसंतान थे. वह संतान प्राप्ति के लिए एक तांत्रिक के पास गया था। तांत्रिक ने उसे बच्चे का लीवर खाने की सलाह दी थी. इसके बाद दोनों ने साजिश रचनी शुरू कर दी.

परशुराम ने अपने भतीजे को लालच दिया था

तांत्रिक की सलाह मानकर दंपत्ति ने बच्चे का दिल खाने का फैसला किया. इसके लिए परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल और उसके साथी वीरन को मोटी रकम का लालच दिया. उन्हें एक बच्चे का दिल लाने का काम सौंपा गया था. अंकुल और वीरन ने गांव में घर के बाहर खेल रही बच्ची का अपहरण कर लिया. उसे गांव के बाहर एक खेत में ले गए. अंकुल और वीरन ने लड़की की हत्या करने से पहले उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. इसके बाद सात साल की बच्ची की हत्या कर दी गई. दोनों ने मिलकर लड़की का पेट फाड़ दिया. उसका दिल निकाल लिया. लड़की का कलेजा सुनैना और परशुराम को खाने के लिए दिया गया.

पुलिस जांच में खुला मामला

पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद अंकुल और वीरन ने भागने की कोशिश की. पुलिस ने दोनों का बेंजाडाइन टेस्ट कराया. इसमें सच्चाई सामने आ गई. दोनों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी और उसका दिल निकाल लिया. सजा के बिंदु पर सुनवाई में एडीजीसी प्रदीप पांडे, राम रक्षित शर्मा और अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मासूम बच्चे की हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र के साथ पेट फाड़ने और शरीर के अंग खाने जैसे तथ्य सामने आये हैं. दोषी दम्पति ने पूजा कर उसका कलेजा खा लिया। यह सबसे जघन्य अपराध है. उन्होंने दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की. कोर्ट ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. पति-पत्नी पर 20-20 हजार रुपये और बाकी दोनों पर 45-45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.

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