फिर से चर्चा में आईं ज्योति मौर्या, गंवाई जीएम की कुर्सी, इस वजह से हुई कार्रवाई
PCS officer Jyoti Maurya: चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पेराई न होने के कारण उन्हें जीएम का पद गंवाना पड़ा
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PCS officer Jyoti Maurya: यूपी के बरेली सेमी खेड़ा चीनी मिल की जीएम पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य अपने पति से विवाद के कारण सुर्खियों में आई थीं. एक बार फिर वह सुर्खियों में आ गई हैं. चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पेराई न होने के कारण उन्हें जीएम का पद गंवाना पड़ा. किसानों की शिकायत और प्रशासन की नाराजगी के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है.
अब ज्योति मौर्य को चीनी मिल के लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है. उनकी जगह बागपत से आए शादाब आलम को चार्ज दिया गया है. सरकारी चीनी मिल सेमी खेड़ा की पेराई क्षमता 27500 टन प्रतिदिन है। लेकिन, अब तक चीनी मिल दो प्वाइंट 70 लाख टन गन्ने की पेराई कर सकी है.
28 नवंबर को गन्ना पेराई शुरू हुई थी
चीनी मिल में गन्ने की पेराई 28 नवंबर को शुरू हुई थी. इस हिसाब से 18 दिन में करीब चार दशमलव 95 लाख टन गन्ने की पेराई होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. बताया जा रहा है कि चीनी मिल के रोलर यहां समय पर नहीं पहुंचे, जिसके कारण बॉयलर भी खराब हो गया. यह काम भी देर से शुरू हुआ.
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बॉयलर भी खराब हो गया
बताया जा रहा है कि बॉयलर फेल होने के कारण मशीन की क्षमता के अनुरूप काम नहीं हो सका. इसके चलते किसानों को अपना गन्ना बाजारों में बेचने को मजबूर होना पड़ा. गन्ना सस्ते दाम पर बिका. गन्ना समय से चीनी मिल तक नहीं पहुंच पाता. चीनी मिल के लिए निर्धारित लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका.
आसपास के जिलों से गन्ना आना था
बताया जा रहा है कि परसा खेड़ा चीनी मिल में बरेली के अलावा भोजीपुरा क्षेत्र, बदायूँ जिले और आसपास के कई जिलों के किसान गन्ना लेकर आते थे। अभी कुछ दिन पहले डीएम रवींद्र कुमार ने भी सरकारी चीनी मिल का औचक निरीक्षण किया था. लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ. इस संबंध में डीएम ने भी नाराजगी जताई थी. लेकिन, काम आगे नहीं बढ़ा.
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ज्योति मौर्य पहले भी सुर्खियों में रह चुकी हैं
कुछ समय पहले ज्योति मौर्य अपने पति के साथ विवाद को लेकर सुर्खियों में आई थीं. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं. ये मामला कई दिनों तक मीडिया में भी छाया रहा था.
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