JNU में PM मोदी पर बनी डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल, फिल्म देख रहे छात्रों पर हुआ पथराव
JNU BBC documentary: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है
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JNU BBC documentary: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है. स्टूडेंट यूनियन साफ कर चुके है कि उसकी तरफ से सभी छात्रों को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी. लेकिन इस बीच प्रशासन ने कैंपस में बिजली काट दी है और सभी छात्र हाथ में लाइट लिए बाहर विरोध कर रहे हैं. वहीं डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव भी हुआ है. किसने पत्थर फेंके, ये स्पष्ट नहीं. लेकिन इस वजह से जमीव पर तनाव बढ़ गया है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि JNUSU द्वारा पहले से तय किया गया था कि वे कैंपस में छात्रों को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाएंगे. ये ऐलान तब किया गया था जब जेएनयू के प्रशासन ने साफ कर दिया था कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री नहीं दिखाई जाएगी. लेकिन तब स्टूडेंट यूनियन ने इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने का ऐलान किया और उसी कड़ी में मंगलवार को वो दिखाई भी गई. बताया जा रहा है कि अभी भी कुछ छात्र अपने फोन पर ही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देख रहे हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा बिजली काट दी गई है और कुछ छात्रों पर पथराव भी हुआ है.
इस समय पूरे देश में ही बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि बीबीसी द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की गई. लेकिन कुछ लोग इस बैन को सेंसरशिप के रूप में देख रहे हैं. उनकी नजरों में मीडिया को कंट्रोल किया जा रहा है. जेएनयू में इन्हीं तर्कों के आधार पर JNUSU ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की बात की. लेकिन अब यहां बवाल शुरू हो गया है. पथराव की वजह से स्थिति ज्यादा बिगड़ गई है.
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वैसे जेएनयू में छात्रों का एक वर्ग बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध भी कर रहा है. उनका कहना है कि कैंपस में माहौल खराब करने के लिए इसे दिखाया जा रहा है. उन छात्रों की तरफ से कैंपस के उस फैसले का भी स्वागत किया गया जहां पर डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर बैन लगा दिया गया. उन छात्रों ने जोर देकर कहा कि जो भारत तोड़ने की बात करते थे, वहीं अब इस डॉक्यूमेंट्री का समर्थन कर रहे हैं. अब इस विचारों के मतभेद ने ही एक बार फिर जेएनयू में बवाल की स्थिति पैदा कर दी है.
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