अगर नौकर की ये डायरी पहले हाथ लग जाती तो बच सकती थी DG हेमंत लोहिया की जान

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अगर नौकर की ये डायरी पहले हाथ लग जाती तो  बच सकती थी DG हेमंत लोहिया की जान
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DG JAIL MURDER & DAIRY : जम्मू कश्मीर के डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या हुई। ये सच है। हत्या के लिए नौकर को पुलिस (Police) ने आरोपी बनाया। ये भी सच है। लेकिन पुलिस को नौकर की एक डायरी (Dairy) मिली है जिसने पुलिस को चकरा कर रख दिया। क्योंकि उसकी डायरी में जो कुछ दर्ज है...वो हैरान करने वाला है।

नौकर यासिर अहमद के कमरे से पुलिस को जो डायरी मिली उसके पन्नों ने बहुत सी बातों को हवा दी है...साथ ही एक सस्पेंस भी गहरा कर दिया है। क्योंकि डायरी के पन्नों में जो कुछ दर्ज है...वो एक तरह से उसके भीतर की कुंठा को जाहिर कर देता है, जिसे उसने इबारत की शक्ल दे दी । लेकिन उससे भी ज़्यादा गौर करने वाला है डायरी का वो पन्ना जिस पर उसने गणित के एक सवाल के जरिए उसकी ज़िंदगी में हो रही रासायनिक क्रिया का इशारा दिया है। और उससे उसके जीवन की भौतिकी की उलझी  गांठ को सुलझाने के लिए जानकारों को एक कठिन टास्क।

MURDER & DAIRY: पुलिस ने जब नौकर की डायरी के पन्नों को पढ़ा तो खुद उसका दिमाग भी चकरा गया। क्योंकि उस नौकर की डायरी के उन पन्नों से उसकी जिंदगी के उस अंधेरे पर रोशनी पड़ी जिससे बाहर निकलने के लिए शायद वो भीतर ही भीतर छटपटा रहा था। उसकी डायरी में लिखा मिला कि लव 0%, टेंशन 90% दुख 100 % और फेक स्माइल 100%...यानी उसकी ज़िंदगी का ये वो सच है जिसे शायद वो किसी के साथ भी साझा नहीं कर पा रहा था।

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यानी अपनी जिंदगी के कई पहलुओं को  फीसदी में नापने वाला यासिर अहमद अपनी ज़िंदगी से खफा था। या यूं भी कहा जा सकता है कि पूरी तरह से मायूस हो चुका था, और इस सदमे की वजह से उसने मौत के बारे में भी अपने कुछ जज्बातों को डायरी के पन्नों में इबारत की शक्ल दी।

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह की बातों पर यकीन किया जाए तो यासिर अहमद कुछ इसी तरह सोचता था और इसके लिए डीजीपी को लगता है कि नौकर यासिर डिप्रेशन का शिकार था। मुमकिन है कि पुलिस के अफसर ने सही अंदाज़ा लगाया हो..

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MURDER & DAIRY: लेकिन पुलिस इस बात को देखकर हैरान है कि 6 महीनों से यहां रहते हुए यासिर ने अपनी डायरी के कई पन्नों पर अपने जज्बातों को उतारा है। सबसे हैरानी की बात ये है कि उसकी डायरी के अलग अलग पन्नों में में अलग अलग बातें लिखी हुई हैं।

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कहीं उसने हिन्दी फिल्मों के गानों से अपने जज्बात को जाहिर करने की कोशिश की तो कहीं उसे शायरी भी लिखी। लेकिन पुलिस ने उसी डायरी के एक पन्ने में देखा कि उसने एक मोबाइल की बैटरी की आर्ट बनाई और उसे अपनी ज़िंदगी से जोड़ते हुए लिख दिया कि उसकी लाइफ 1% है।

जाहिर है कि नौकर यासिर की डायरी पुलिस को डीजी हेमंत कुमार लोहिया की हत्या में खोई और बिखरी हुई कड़ियों की तलाश करने में मदद भी कर सकती है।

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