"15 मार्च से पहले मालदीव छोड़े भारतीय सेना", चीन से लौटते ही बदल गए मालदीव के राष्ट्रपति के तेवर

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"15 मार्च से पहले मालदीव छोड़े भारतीय सेना", चीन से लौटते ही बदल गए मालदीव के राष्ट्रपति के तेवर
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Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत सरकार से कहा है कि वह 15 मार्च से पहले यहां तैनात अपनी सेना को वापस बुला लें. हाल ही में चीन की पांच दिवसीय यात्रा से लौटे मुइज्जू लगातार दो टूक बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने इससे पहले शनिवार को कहा था कि हमारा देश भले ही छोटा है लेकिन हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. 

लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है. चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.

आपको बता दें कि मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मुइज्जू और उनकी पार्टी पीएनसी ने भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया था. मुइज्जू अपने अभियान में लगातार भारतीय सेना के बारे में प्रचार प्रसार कर रहा था और भारत पर हमला कर रहा था. चुनाव के समय मुइज्जू ने शपथ ली थी कि मालदीव में सरकार बनते ही वह सबसे पहला काम अपने देश से विदेशी सेना को बाहर निकालेंगे.

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मालदीव सरकार के अनुरोध पर ही भारतीय सेना वहां रुकी हुई है

आपको बता दें कि मुइज्जू से पहले मालदीव की पिछली सरकार के अनुरोध पर एक छोटी भारतीय सेना कई सालों से मालदीव में मौजूद है। इसे मुख्य रूप से समुद्री सुरक्षा और आपदा राहत में सहायता के लिए तैनात किया गया है।

नवंबर में जारी एक बयान में, मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि उनका देश "उम्मीद करता है कि भारत लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा"।

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बयान में राष्ट्रपति ने कहा, 'सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव के लोगों ने उन्हें भारत से अपने सैनिकों के लिए अनुरोध करने का मजबूत जनादेश दिया और उम्मीद जताई कि भारत मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा.' हालांकि, पहले मालदीव सरकार ने भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए कोई समय सीमा प्रस्तावित नहीं की थी, लेकिन इस बार मुइज्जू सरकार ने भारतीय सेना को वापस बुलाने के लिए भी समय सीमा तय कर दी है।

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