'मरना है तो हमारे यहां नहीं, DM के यहां जाकर मरो', रेप पीड़िता के पिता से BJP सांसद साक्षी महाराज ने कहा

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'मरना है तो हमारे यहां नहीं, DM के यहां जाकर मरो', रेप पीड़िता के पिता से BJP सांसद साक्षी महाराज न...
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Up Crime News: यूपी के उन्नाव जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी में रहने वाला एक दलित पीड़ित परिवार आज भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है. उन्नाव के दलित हत्याकांड में 10 फरवरी 2022 को पूर्व सपा मंत्री फतेह बहादुर सिंह के आश्रम में दलित परिवार की बेटी की हत्या के बाद जमीन में दबा शव उन्नाव पुलिस ने बरामद किया था.

मंत्री के पुत्र राजोल सिंह व भाई सहित अन्य दलित हत्याकांड में जेल में बंद हैं. दर-दर भटकने के बाद दलित पीड़िता ने उन्नाव से सांसद को फोन कर गुहार लगाई, मदद का आश्वासन देने के बजाय सांसद ने कहा, यहां मत मरो, मरना है तो जिलाधिकारी के यहां जाकर मरो.

बातचीत का ऑडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि मामला दलित परिवार से जुड़ा था और यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान मामला हाईलाइट होकर गरमा गया था. इस बीच, उन्नाव जिला प्रशासन ने परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और स्थायी आवास देने का आश्वासन दिया था. एक साल होने को है, एक भी मांग पूरी नहीं हुई. न्याय पाने के लिए पीड़िता के पिता डीएम से लेकर सदर विधायक के आवास के कई चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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बता दें कि उन्नाव दलित महिला से रेप और मर्डर केस में सपा के पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे और भाई राजोल सिंह जेल में बंद हैं. दर-दर भटकने के बाद पीड़िता के पिता ने उन्नाव सांसद साक्षी महाराज से फोन पर गुहार लगाते हुए कहा, हमारे यहां मत मरना, मरना है तो जिलाधिकारी के यहां मरो.

पीड़िता के पिता का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. बता दें कि पिछले साल 10 फरवरी 2022 को पूर्व सपा मंत्री के घर पर शव दफनाया गया था. सदर कोतवाली की काशीराम कॉलोनी निवासी युवती पिछले साल लापता हो गई थी. 2 महीने की पुलिस जांच के बाद सपा के पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के आश्रम में पीड़िता की लाश मिली थी. मृतक के परिजनों की तहरीर पर सदर कोतवाली में मंत्री के पुत्र राजोल सिंह, अशोक सिंह, आश्रम के पंडित सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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मृतक के पिता ने कहा ये मामला यह है कि कल हमारे पास मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से 1076 पर कॉल आया, जिलाधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कर दी है, जबकि पिछले दिनों हमें आश्वासन दिया गया था कि लड़कियों को 2500000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, सरकारी नौकरी दी जाएगी, पक्के आवास दिए जाएंगे, यहां के डीएम अपूर्वा ने रिपोर्ट में बताया कि उन्हें 50 हजार रुपये दिए गए हैं.

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मुझे नहीं मिला है, मैंने प्रशासन को लिखित में दे दिया है, 800000, उन्हें मिल गया है, अब बताओ, मुझे एक रुपया नहीं मिला, हमारी आर्थिक मदद कैसे होगी, हम गरीब लोग हैं, हम लोग बहुत परेशान हैं,. क्या ये लोग अपने आप में दिखा रहे हैं कि हमने उन्हें यह बात गलत दिखाई जा रही है. हम इस समस्या से परेशान और हैरान थे. 7:00 बजे मैंने उसे सारी बात बताई. राज जी बात ही कुछ ऐसी है डीएम साहब ने रिपोर्ट डाल दी है और हम बहुत परेशान हैं, हम हैरान हैं, हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, हम आपके यहां आकर मर जाएंगे, उन्होंने कहा, मरना है तो, तो जिलाधिकारी के यहां जाकर मर जाना. तुम यहां क्यों मरोगे, उन्होंने आश्वासन दिया था, हमने आश्वासन नहीं दिया.

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