UP CRIME NEWS : भइया क्या सैंटिग है इन गुटखे वालों की! पहले छापा पड़ा, फिर दुकान खोल ली

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UP CRIME NEWS : भइया क्या सैंटिग है इन गुटखे वालों की! पहले छापा पड़ा, फिर दुकान खोल ली
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नाहिद अंसारी के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

HAMIRPUR 6 CRORES RECOVERED FROM GUTKA KING : यूपी के हमीरपुर में गुटखा किंग जगत गुप्ता के घर पर हुई रेड चर्चा का विषय बनी हुई है। ये रेड की है सीजीएसटी और स्टेट बैंक के अफसरों ने। घर से करीब 6 करोड़ रुपए बरामद हुए है। अभी भी नोटों की गिनती जारी है। कई मशीनों से करोड़ों रुपये की गिनती की जा रही है।

वीडियो भी आया सामने

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UP Raid News: इस छापेमारी का वीडियो भी सामने आया है। नोटों के बंडल पड़े है। अफसरों के मुताबिक, पान मसाला व्यापारी के घर पर करीब 18 घंटे की सीजीएसटी की रेड के बाद 6 करोड़ 31 लाख 11 हजार 800 रुपये की बरामदगी हुई थी। सीजीएसटी टीम ने 80 लाख रुपए का माल भी पान मसाला फैक्ट्री से बरामद किया था। थाना सुमेरपुर इलाके में पान मसाला व्यापारी जगत गुप्ता घर में ही फैक्ट्री लगाकर दयाल पान मसाला बनाता था।

कौन है जगत गुप्ता ?

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Crime News Hindi: हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे के पुरानी गल्ला मंडी (थाने के पीछे) रहने वाला जगत गुप्ता पहले गल्ला का कारोबार करता था। उसका कारोबार नहीं चला। इसने अपने दो दोस्तों को पार्टनर बनाकर 2001 में गुटखा बनाने का कारखाना अपने घर में लगाया। शुरू में इसने चन्द्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन कराया। कुछ ही समय में इस ब्रांड का गुटखा बुन्देलखंड के आसपास के जिलों में मशहूर हो गया था।

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जगत गुप्ता के घर के अलावा गुटखा कारोबारी के रिश्तेदार रामअवतार गुप्ता, सहदेव गुप्ता के आवास के साथ ही बिरहाना रोड कानपुर स्थित इनकी फर्मों के कंसस्टेंट कीर्ति शंकर शुक्ल के दफ्तर की भी तलाशी ली गई है।

पहले हुई थी रेड, फिर खोली दोबारा फैक्ट्री

Crime Story in Hindi: इससे पहले 2011 में तत्कालीन डीएम जी. श्रीनिवास ने भी गुटखा फैक्ट्री में छापेमारी की थी। 2011 में अवैध कारोबार और टैक्स चोरी में डीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया था। उस समय दो स्थानों पर मशीनें लगाकर गुटखा का कारोबार चल रहा था। कार्रवाई के बाद कई महीनों तक फैक्ट्री बंद रही थी। इस छापेमारी में राकेश गुप्ता के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई थी। राकेश जगत का PARTNER था। डीएम श्रीनिवास के तबादले के बाद जगत गुप्ता ने दोनों पार्टनरों को कारोबार से अलग कर दिया था।

कंपनी का नाम रखा था 'नौकर'

2013 में "नौकर" के नाम रजिस्ट्रेशन कराकर दयाल ब्रांड के नाम से कारोबार शुरू किया।

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