लेखपाल ने मांगी अनोखी रिश्वत, जब SDM को पता चला तो जो एक्शन लिया उसे जानकर चौंक जाएंगे
Ghaziabad Crime: ग़ाज़ियाबाद के मोदीनगर (Modinagar) की तहसील (Tahsil) से रिश्वत (Bribe) का ऐसा अनोखा मामला सामने आया जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।
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Ghaziabad Crime: रिश्वत या घूस (Bribe) इस शब्द से शायद ही कोई अनजान हो...या फिर इससे शायद ही किसी का पाला न पड़ा हो...आमतौर पर जब कोई अपना काम बारी से पहले और अपनी सहूलियत (Comfort) के लिए करवाना चाहता है तो रिश्वत देता है या फिर काम के पूरा होने की गारंटी देने के लिए कोई रिश्वत लेता है...यहां पर भी सहूलियत और सुविधा का पूरा पूरा ख़्याल रखा जाता है। रिश्वत में रुपये पैसे गाड़ी मकान दुकान, सोना चांदी (Gold Silver) वगैराह वगैराह सब लेने देने का चलन भी है।
लेकिन ग़ाजियाबाद के मोदीनगर से रिश्वत का जो मामला सामने आया है उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। और ये भी सोच में पड़ जाएंगे कि कोई आदमी इस कदर बेरहम और बेशर्म भी हो सकता है। क़िस्सा मोदीनगर की तहसील का है।
क़िस्सा कुछ यूं है कि मोदीनगर तहसील में एक लेखपाल है, जिसने रिश्वत लेने के नाम पर हद कर दी। उसने एक मज़दूर से रिश्वत के तौर पर मजदूरी तो करवा ही ली...और उसका काम भी नहीं किया। बस इसी वादाख़िलाफी की शिकायत लेकर अब वो मज़दूर लेखपाल की शिकायत हाथ में लेकर आला अफसरों के चक्कर काट रहा है।
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Ghaziabad Crime: हुआ यूं कि मोदीनगर तहसील में सिकंदर नाम का शख्स ज़मीन अपने नाम करवाने पहुँचा था। कागज वगैराह पूरा करने के बाद जब वो अपने काम को पूरा करवाने के लिए लेखपाल विनोद कुमार के पास पहुँचा तो लेखपाल ने उससे काम के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
सिकंदर एक लाख रुपये की रकम के नाम से घबरा गया और उसने लेखपाल से कहा कि वो ग़रीब है और बड़ी मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके उसकी गुजर बसर हो पाती है। तब लेखपाल ने उससे पूछा कि वो क्या काम करता है। इस पर सिकंदर ने कहा कि वो घरों में पुताई का काम करता है। तो लेखपाल ने सिकंदर से कहा कि उसके घर की पुताई कर दे। यही उसकी रिश्वत होगी और जब पुताई का काम हो जाएगा तो वो उसका काम कर देगा।
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मरता क्या न करता की तर्ज पर सिकंदर ने लेखपाल विनोद के निजी मकान की पुताई कर दी। इसके बावजूद लेखपाल विनोद ने उसका काम नहीं किया बल्कि उसे रोज रोज टरकाने लगा। बल्कि सिकंदर से बचने के लिए लेखपाल ने सिकंदर से कहा कि उसका ट्रांसफर हो गया है। रोज रोज दफ्तर के धक्के खाकर परेशान हो गए सिकंदर ने तब लेखपाल विनोद की शिकायत मोदीनगर की SDM शुभांगी शुक्ला से कर दी।
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Ghaziabad Crime: सिकंदर की शिकायत मिलने के बाद SDM शुभांगी शुक्ला ने अपने ही दफ़्तर में लेखपाल की फाइल खोल दी और तहसीलदार को इस मामले की पड़ताल करने के लिए लगा दिया। सिकंदर की मेहनत रंग लाई और शिकायत सही निकली तो लेखपाल विनोद का रंग ही उतर गया। तहसीलदार ने उसके मकान को देखकर उसे दोषी पाया।
SDM साहिबा ने भी फौरन लेखपाल के खिलाफ एक्शन लिया और उसे सस्पेंड की चिट्ठी पकड़ा दी और सरकारी महकमा फिर से पहले की तरह अपने काम में लग गया।
इधर लेखपाल तो सस्पेंड हो गया लेकिन सिकंदर का काम अब भी अटका हुआ है...अब वो किसी से कैसे कहे कि उसने लेखपाल को रिश्वत में क्या दिया।
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