पिता और नौ साल के भाई की हत्या, लाश के टुकड़े फ्रीजर में भरे, 75 दिन बाद हरिद्वार से पकड़ी गई बेटी
MP पुलिस दोनों की लोकेशन ट्रैक करती है और पीछा करते हुए उनकी लोकेशन तक पहुंचती है। पर जब तक पुलिस वहां पहुंचती है तब तक दोनों गायब हो चुके होते थे। ऐसा 75 दिनों से लगातार हो रहा था। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस को केस की तफ्तीश में कुछ ऐसी बातें पता चली हैं जो बेहद चौंकाने वाली हैं।
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Uttarakhand: हरिद्वार में पुलिस ने एक 15 साल की लड़की को उसके पिता और भाई की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह लड़की अपने बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह के साथ कत्ल के बाद जबलपुर से फरार हो गई थी। दरअसल जबलपुर के सिविल लाइंस इलाके में मिलेनियम सोसाइटी में 15 मार्च को अपने पिता और नौ साल के भाई की हत्या करने के आरोप में लड़की को गिरफ्तार किया गया है। नाबालिग ने बॉयफ्रेंड की मदद से कत्ल के बाद बाप और भाई की लाशों को टुकड़ों में काट कर फ्रीजर में भर दिया था। लड़की के पिता रेलवे में हेड क्लर्क थे। कत्ल के बाद नाबालिग लड़की अपने बॉयफ्रेंड मुकुल के साथ भाग गई थी।
जबलपुर से मर्डर कर हुई थी फरार
आपको कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश से आई एक डबल मर्डर केस की वो तस्वीरें तो याद होंगी। ये वही मर्डर केस है जिसमें जबलपुर की रहने वाली लड़का-लड़की की एक कातिल जोड़ी ने लड़की के पिता और भाई को ऐसी दर्दनाक मौत दी कि लाश देखने वालों की रूह कांप गई। क़त्ल की ये वारदात 15 मार्च को हुई थी लेकिन अब इस वारदात के 75 दिनों बाद पुलिस ने आरोपी लड़की को हरिद्वार से पकड़ा है। जबकि लड़की का दोस्त मुकुल मौके से फरार हो गया। पुलिस मुकुल की तलाश में छापेमारी कर रही है। दोनों आरोपी यानी लड़का-लड़की की ये जोड़ी पुलिस के लिए 75 दिनों तक ऐसी पहेली बने रहे जो सुलझाए नहीं सुलझ रही थी।
फरार है जबलपुर डबल मर्डर का आरोपी
पुलिस दोनों की लोकेशन ट्रैक करती है, पीछा करते हुए उस लोकेशन तक पहुंचती है मगर जब तक वहां पहुंचती तब तक दोनों गायब हो चुके होते थे और ऐसा 75 दिनों से लगातार हो रहा था। इस गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को इस केस की तफ्तीश में कुछ ऐसी बातें पता चली हैं जो बेहद चौंकाने वाली हैं। ये बातें मर्डर मिस्ट्री की साजिश से जुड़ी होने के साथ-साथ, दोनों की फरारी के बाद उनकी मूवमेंट से जुड़ी हैं। कुछ दिनों पहले पुलिस को दोनों की लोकेशन भारत-बांग्लादेश और भारत-नेपाल बॉर्डर पर भी मिली थी जिससे पुलिस को शक हो रहा था कि शायद अब दोनों विदेश भागने की फिराक में हैं। लेकिन पुलिस ने बॉर्डर पर तमाम सिक्योरिटी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था। जिसके बाद लड़की को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया है।
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75 दिन बाद हाथ आते-आते रह गया बॉयफ्रेंड
क़त्ल की ये वारदात जबलपुर की मिलेनियम कॉलोनी में हुई थी, जहां 15 मार्च को रेलवे के हेड क्लर्क राजकुमार विश्वकर्मा और उनके आठ साल के बेटे तनिष्क की क़ातिलों ने धारदार हथियार से वार कर जान ले ली थी। क़त्ल के बाद क़ातिलों ने बच्चे की लाश को फ्रिज में ठूंस कर बंद कर दिया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब खुद राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी ने अपने रिश्तेदारों को अपने मोबाइल फोन से एक वॉयस मैसेज भेजा जिसमें उसने पड़ोस में रहने वाले मुकुल सिंह का नाम लेते हुए कहा था कि मुकुल ने उसके पिता और भाई की जान ले ली है लेकिन जब जांच शुरू हुई तो पता चल गया कि खुद राजकुमार विश्वकर्मा की नाबालिग बेटी मुकुल नाम के उस लड़के के साथ भाग चुकी है।
आरोपियों पर लगातार दवाब बना रही थी पुलिस
असल में मुकुल के साथ इस लड़की की पुरानी दोस्ती थी, जिस पर लड़की के घरवाले ऐतराज किया करते थे और समझा जाता है कि दोनों क़त्ल के पीछे यही वजह रही। इस मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस को पता चला है कि इस क़त्ल की साजिश मुकुल सिंह ने क़त्ल से काफी पहले रच ली थी और करीब महीने भर से वो इस क़त्ल की प्लानिंग कर रहा था। पुलिस की मानें तो इस साजिश में खुद राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी भी मुकुल सिंह का साथ दे रही थी। मुकुल ने करीब महीने भर पहले से क़त्ल के लिए हथियार और दूसरा साजो-सामान खरीदना शुरू कर दिया था, लेकिन वो इतना शातिर था कि उसने ये सामान किसी लोकल स्टोर से नहीं बल्कि ऑनलाइन खरीदा ताकि मैन टू मैन कॉन्टैक्ट न के बराबर हो और उसे ट्रेस करना मुश्किल हो जाए।
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लड़की ने कबूला अपना जुर्म
इस कातिल जोड़ी ने सबसे पहले दो चॉपर खरीदे और इनकी डिलिवरी के लिए अपने घर का पता देने की जगह रेलवे स्टेशन के नजदीक के एक और मकान का पता दे दिया।इसके बाद डिलिवरी बॉय से कॉन्टैक्ट कर चॉपर कलेक्ट कर लिया। इन चॉपर को मुकुल ने अपने घर में नहीं बल्कि अपने घर के गैरेज में छिपा दिया था। इसी तरह मुकुल ने गैस कटर और हैंड ग्लव्स जैसी चीजें भी ऑनलाइन खरीदी थीं, जिनका इस्तेमाल उसने क़त्ल करने और सबूत मिटाने के लिये किया था। क़त्ल के बाद जब बाप-बेटे की लाश का पोस्टमार्टम हुआ, तो पता चला कि क़ातिल ने किस बेरहमी से दोनों की जान ली। राजकुमार विश्वकर्मा पर चॉपर से 10 वार किए गए, जबकि मासूम बच्चे पर 6 वार। चॉपर के वार से दोनों के सिर की हड्डियां टूट गईं। धारदार हथियार के वार से बच्चे के सिर की हड्डी तो एक ही वार में टूट गई थी।
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बच्चे के गले की हड्डियां भी चॉपर के वार से टूटी
बच्चे के गले की हड्डियां भी चॉपर के वार से टूट गई थीं। ऐसे में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को शक है कि शायद हमला करते हुए उसका हाथ फिसल गया हो, जिससे सिर के साथ-साथ गले पर भी चॉपर के घातक वार लगे। जांच में पता चला कि आरोपी मुकुल सिंह के दो बैंक एकाउंट हैं, लेकिन उनमें ज्यादा पैसे नहीं थे। पर राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी अपने पिता का डेबिट कार्ड और मां के जेवर लेकर निकली थी। दोनों इसी डेबिट कार्ड से अब तक अलग-अलग शहरों में घूम-घूम कर पैसे निकाल रहे थे। वो जिस शहर में पैसे निकलते थे, वहां फोन स्विच ऑफ कर देते थे। जबकि नई जगह पहुंचने पर फोन फिर से ऑन होता था।
पुलिस ने इस तरह किया ट्रैक
पहले तो पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने के लिए उनके बैंक खातों को खुला ही रहने दिया, लेकिन जब उन बैंक खातों में जमा पैसे भी खत्म हो गये तो पुलिस ने वो एकाउंट फ्रीज करवा दिया। पुलिस को ये भी पता चला कि राजकुमार विश्वकर्मा के बैंक खातों की जांच से ये क्लीयर हुआ है कि क़त्ल के बाद पहले चार दिनों में यानी 15 मार्च से 18 मार्च तक यूपीआई के जरिए उनकी बेटी ने उनके खाते से 1 लाख 28 हजार रुपये निकाले थे। लेकिन अलग-अलग जगह रूकने के दौरान ये पैसे लगातार खर्च होते रहे और इसी वजह से मुकुल और उसकी गर्लफ्रेंड की मुश्किलें बढ़ गईं। आखिरकार पुलिस ने उन्हें हरिद्वार में ट्रैप कर गिरफ्तार कर लिया।
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