'मरा' शख्स निकला जिंदा, पत्नी कर चुकी अंतिम संस्कार, 4 करोड़ के लिए दोस्त का मर्डर
Punjab Murder Mystery: पुलिस के अनुसार आरोपी 10 महीनों से सुखदीप सिंह के कत्ल की योजना बना रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक ट्रक, एक बलेनो कार और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।.
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Punjab Murder Mystery: जून को पंजाब के फतेहगढ साहिब जिले के सरहिंद थाने में एक शख्स की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई जाती है. घरवाले बताते हैं कि सुखजीत सिंह घर से किसी से मिलने जाने की बात कह बाहर गया था, लेकिन उसके बाद लौट कर नहीं आया. अभी पुलिस उसकी गुमशुदगी की जांच कर ही रही थी कि तब तक सरहिंद नहर के पास ही उसकी चप्पल और मोटरसाइकिल पड़ी मिल गई. छानबीन के दौरान कुछ ही दूरी पर एक पेड के नीचे अजीब तरीके से उसका मोबाइल फोन भी गड़ा मिल गया फौरी तौर पर देखें तो ये मामला सुसाइड का लगता था, जिसमें शायद सुखजीत ने अपनी बाइक और मोबाइल फोन जैसी दूसरी चीजें किनारे पर छोड़ कर नहर में कूद कर जान दे दी थी. लेकिन मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को दाल में कुछ काला नजर आया. सबसे बडा सवाल तो यही था कि आखिर सुखजीत ने खुदकुशी किया ही क्यों? ऊपर से जिस तरह से उसका मोबाइल फोन भी पेड़ के नीचे गड़ा मिला था, वो भी चौंकाने वाला था. खुद सुखजीत के घरवाले भी उसकी मौत को खुदकुशी मानने को तैयार नहीं थे. ऐसे में पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए छानबीन आगे बढ़ाने का फैसला किया.
'मरा' शख्स निकला जिंदा: पत्नी कर चुकी अंतिम संस्कार
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सुखजीत की इन दिनों फतेहगढ़ साहिब के ही एक कारोबारी गुरप्रीत सिंह से गहरी दोस्ती हो गई थी. हालांकि ये मुलाकात नई-नई थी, लेकिन गुरप्रीत तकरीबन रोज़ाना ही सुखदीप को पीने-पिलाने के बहाने अपने पास बुला लिया करता था... और इस बात को लेकर सुखजीत के घरवाले काफी परेशान थे. अभी पुलिस सुखजीत और गुरप्रीत के रिश्तों की जांच कर ही रही थी कि वो ये जान कर हैरान रह गई कि सुखजीत की मौत के साथ-साथ उसके दोस्त गुरप्रीत की भी मौत हो चुकी है और गुरप्रीत की मौत भी कोई सामान्य मौत नहीं, बल्कि एक रोड एक्सीडेंट में हुई है.
पुलिस को पता चला कि गुरप्रीत की लाश 20 जून की सुबह दिल्ली लुधियाना हाईवे के साथ गुजरती सर्विस लेन पर बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में पडी मिली थी. उसकी मौत किसी गाड़ी की चपेट में आने से हुई. लाश की हालत इतनी बुरी थी कि उसे देखकर पहचान पाना भी मुश्किल था. हालांकि फिर भी सुखजीत की पत्नी खुशदीप कौर ने लाश को अपने पति गुरप्रीत की लाश के तौर पर पहचाना था. और लाश मिलने के बाद 20 जून को ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. लेकिन जब तफ्तीश और आगे बढ़ी तो पुलिस को एक के बाद एक कई चौंकानेवाली बातें पता चलीं.
पुलिस को पता चला कि तथाकथित सड़क हादसे से पहले गुरप्रीत सिंह उसकी पत्नी और कुछ दोस्तों को साथ देखा गया था... जब पुलिस ने सबके मोबाइल फोन की लोकेशन टेस की तो देखा कि ये सारे के सारे लोग सरहिंद नहर के पास उसी जगह पर मौजूद थे, जहां गुरप्रीत के दोस्त सुखजीत की मोटरसाइकिल, चप्पल और मोबाइल फोन मिला था... ये बात अपने-आप में काफी अजीब थी... सवाल था कि अगर सुखजीत ने नहर में कूद कर खुदकुशी की थी, तो गुरप्रीत, उसकी पत्नी और दोस्त वहां क्या कर रहे थे?
ऐसे में पुलिस ने अपने मुखबिरों की मदद से गुरप्रीत के बारे में और ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश शुरू कर दी... लेेकिन इस पूरे सिलसिले में सबसे बड़ा टर्न तब सामने आया, जब पता चला कि जिस गुरप्रीत को सड़क हादसे में मरा हुआ बताया जा रहा है, वो तो अभी भी जिंदा है. यकीनन ये सच दिमाग घुमानेवाला था. अब पुलिस ने पूरा जोर लगाया और जल्द ही ना सिर्फ़ ये कन्फर्म कर लिया, बल्कि गुरप्रीत को फतेहगढ़ साहिब से ही जिंदा पकड़ भी लिया. यानी गुरप्रीत की मौत को लेकर उसकी पत्नी, दोस्त और घरवाले झूठ बोल रहे थे, जबकि खुद गुरप्रीत भी अपनी मौत का झूठा ड्रामा रच रहा था. अब सवाल था, आखिर क्यों? सवाल ये भी था कि अगर 19-20 जून की दरम्यानी रात को रोड एक्सीडेंट में गुरप्रीत की मौत नहीं हुई थी, तो फिर वो लाश किसकी थी, जिसे गुरप्रीत की पत्नी ने अपने पति की लाश कहते हुए पहचान लिया था और जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया? इन सवालों का जवाब गुरप्रीत ही दे सकता था.
पूछताछ हुई तो पूरी कहानी सामने आ गई. पता चला कि गुरप्रीत फतेहगढ़ साहिब में हल्दीराम एंड कंपनी का होलसेल कारोबारी था, लेकिन व्यापार में घाटे के चलते रातों-रात पैसे कमाने का जुगाड़ ढूंढ रहा था... इसी बीच उसकी मुलाकात एक इंश्योरेंस एजेंट राजेश कुमार शर्मा से हुई, जिसने उसे ना सिर्फ मोटी रकम का बीमा करवाने का सुझाव दिया,बल्कि ये बताया कि अगर वो अपनी मौत की झूठी कहानी गढ़ सके, तो ये रुपये उसके घरवालों को मिल सकते हैं. इसके बाद गुरप्रीत, राजेश कुमार शर्मा, गुरप्रीत के एक दोस्त सुखविंदर सिंह संघा, गुरप्रीत की बीवी खुशदीप कौर समेत कई और लोगों ने मिल कर ये पूरी साजिश रची.
इसी साजिश के तहत अब सबने गुरप्रीत से मिलते-जुलते एक शख्स की तलाश शुरू कर दी, जिसकी हत्या कर उसकी लाश को गुरप्रीत की लाश बताई जा सके. इसके बाद इन्होंने मोहाली के एक नौजवान कपिल और पटियाला के एक दूसरे नौजवान कमलदीप सिंह को निशाने पर लिया, लेकिन अलग-अलग वजहों से उन्हें छोड़ दिया. किसी के शरीर की बनावट गुरप्रीत जैसी नहीं थी, तो किसी के शरीर पर टैटू बना था... लेकिन आखिरकार इन लोगों की नजर सुखजीत पर पड़ गई, जिससे पहले गुरप्रीत ने दोस्ती की... उसे शराब पिलाना शुरू किया और फिर मौका देख कर 19 और 20 जून की रात को पहले उसकी हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को टक के कुचलवा कर सड़क पर फिंकवा दिया, ताकि मामला रोड एक्सीडेंट का लगे... और इसे गुरप्रीत के घरवाले गुरप्रीत की मौत बता सकें. साजिश के मुताबिक 19 की रात को गुरप्रीत ने सुखजीत को शराब में नशीली दवा मिला कर पिला दी और फिर उसे टक के पहियों तले तब तक कुचलते रहे, जब तक उसका चेहरा पूरी तरह से बिगड़ नहीं गया.
उधर, गुमशुदा सुखजीत की कहानी को एक अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसकी मोटरसाइकिल, चप्पल, मोबाइल फोन वगैरह सरहिंद नहर के किनारे पर छोड़ दिए, ताकि लोगों को देख कर लगे कि सुखजीत ने खुदकुशी कर ली है... गुरप्रीत, उसकी बीवी खुशदीप कौर और उसके दोस्त काफी हद कर अपनी साजिश में कामयाब भी रहे, लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई. इधर, छानबीन में ये भी बात निकल सामने आई कि जिस आदमी की लाश को गुरप्रीत की लाश बता कर उसके घरवालों ने जला दिया, उसका रंग गोरा था, उसके शरीर पर बाल नहीं थे, उसके पैरों पर हवाई चप्पल पहनने की वजह से टैनिंग थी, जबकि गुरप्रीत का हुलिया इनसे ठीक उलट है. फिलहाल, पुलिस ने पूरा केस कैक तो कर लिया है, तमाम सबूत भी इकट्ठा कर लिए हैं, लेकिन इस हैवानियत भरी साजिश से हर कोई हैरान है.
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