गुजरात में डेढ़ साल तक चलता रहा फर्जी टोल प्लाजा, हो रही थी लाखों की कमाई, अब पुलिस ने लिया एक्शन

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गुजरात में डेढ़ साल तक चलता रहा फर्जी टोल प्लाजा, हो रही थी लाखों की कमाई, अब पुलिस ने लिया एक्शन
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Gujrat News: गुजरात पुलिस ने फर्जी टोल प्लाजा चलाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. यह टोल प्लाजा करीब डेढ़ साल से फर्जी तरीके से चल रहा था। कई खबरों के बाद इस मामले में कार्रवाई की गई है.

फर्जी ऑफिस, फर्जी नौकरी, फर्जी सर्टिफिकेट, फर्जी स्कूल जैसी खबरों के बाद अब गुजरात के मोरबी जिले से फर्जी टोल प्लाजा का मामला सामने आया है. अंग्रेजी अखबार डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच की जा रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी टोल बूथ से होकर गुजरने वाली सड़क बनाई. इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों से सामान्य से कम टैक्स लेना शुरू कर दिया. गुजरात के मंत्री रुशिकेश पटेल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाएगा.

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फर्जी टोल प्लाजा कौन चला रहा था?

सभी आरोपी वघासिया, वांकानेर के रहने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमरशि पटेल, रविराज सिंह झाला, हरविजय सिंह झाला, धर्मेंद्र सिंह झाला, युवराज सिंह झाला और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मामले में जबरन वसूली, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी रविराज सिंह झाला रिटायर आर्मी जवान बताया जा रहा है. आरोपी ट्रक चालकों से 20 रुपये से लेकर 200 रुपये तक वसूलते थे। जबकि इन वाहनों का वास्तविक टोल टैक्स 110 रुपये से 595 रुपये है.

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एफआईआर के मुताबिक आरोपी व्हाइट हाउस नाम की बंद पड़ी सिरेमिक फैक्ट्री का इस्तेमाल कर रहे थे. सिरेमिक एक अधातु है। फैक्ट्री मालिक को भी नोटिस भेजा गया है.

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अभी कुछ दिन पहले ही गुजरात के दाहोद जिले में 6 फर्जी दफ्तरों का खुलासा हुआ था. ये सभी कार्यालय फर्जी तरीके से सरकारी कार्यालय होने का दावा कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस मामले में 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है. पुलिस ने इस मामले में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया था.

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