EXCLUSIVE: आफ़ताब ने पुलिस स्टेशन में क़त्ल के बारे में श्रद्धा के पिता को कही थी ये बात..

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EXCLUSIVE: आफ़ताब ने पुलिस स्टेशन में क़त्ल के बारे में श्रद्धा के पिता को कही थी ये बात..
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Shraddha Murder Case:  श्रद्धा वॉल्कर के पिता विकास वॉल्कर ने बेटी की हत्या के मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने और आफताब को फांसी देने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने मुंबई पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. विकास का कहना है, "दिल्ली पुलिस को मैंने बताया था कि श्रद्धा घर से कब गई और मेरी उससे आखिरी बार क्या बात हुई. मैंने बताया कि श्रद्धा से आखिरी बार फोन पर बात हुई तब उसने कहा था कि वह आफताब के साथ बेंगलुरु में है".

वो छोड़कर कहीं चली गई है

कहा "आफताब और श्रद्धा के रिश्तो को लेकर कभी आफताब से बात नहीं की लेकिन जब श्रद्धा लापता हुई तब आफताब से बात की. उस दौरान उसने कहा कि वो उसे छोड़कर कहीं चली गई है".

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आफताब के परिजनों से हो पूछताछ

विकास ने कहा कि अगर मुंबई पुलिस ने ढिलाई नहीं बरती होती, तो आज श्रद्धा जिंदा होती और मुझे यह तकलीफ न हुई होती. इतना ही नहीं विकास वॉल्कर ने आफताब के परिजनों से भी पूछताछ करने की मांग की है.

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तब मैंने उसके दोस्तों से कांटेक्ट किया

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बताया, "मुझे बेटे के दोस्त ने बताया कि श्रद्धा हमारे संपर्क में नहीं है. आप उसका पता करो. तब मैंने उसके दोस्तों से कांटेक्ट किया लेकिन मुझे कहीं से कुछ पता नहीं चला. इस पर मैंने पुलिस कंप्लेंट की. इसके बाद जांच शुरू हुई".

अगर उस समय सख्ती से पूछताछ होती...

उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक्शन लेने में ज्यादा समय लगाया. जब आफताब को स्टेटमेंट के लिए बुलाया गया, तब भी उससे साधरण तौर पर ही पूछताछ की गई. अगर उसी समय सख्ती से पूछताछ करते तो तभी मामले का खुलासा हो जाता.

आफताब की मां से मिला

बताया कि उन्होंने बेटी के लापता होने की शिकायत करने से पहले आफताब की मां से मिले थे. तब उन्होंने कहा था कि श्रद्धा उनके पास गई थी, लेकिन बाद में कहां गई, इस बारे में पता नहीं. विकास ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पुलिस से आफताब के परिवार की जांच करने की बात भी कही. 

श्रद्धा मर्डर केस की सबसे बड़ी चुनौती : एक भी चश्मदीद नहीं

Delhi Murder Case Update: श्रद्धा मर्डर केस की सबसे कमजोर कड़ी ये है कि इस केस में एक भी चश्मदीद नहीं है. यानी अब जो कुछ है या पुलिस को जो कुछ करना है वो सिर्फ और सिर्फ चंद इंसानी हड्डियों, चंद खून के कतरे और आफताब के बदलते बयानों को सामने रख कर ही करना है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि नार्को टेस्ट के दौरान आफताब कुछ ऐसे सुराग या सबूत उगल दे, जिससे उसका बच पाना नामुकिन हो जाए। इस टेस्ट के जरिए पुलिस को खास तौर पर जिन सवालों के आफताब से सच-सच जवाब चाहिए, वो सवाल ये हैं।

श्रद्धा का कत्ल किस तारीख को किया?
श्रद्धा को क्यों मारा?
श्रद्धा को कैसे मारा?
लाश के टुकडे कैसे किए?
टुकडे करने के लिए हथियार कहां से खरीदे?
टुकडों को घर में कितना वक्त तक रखा?
टुकडों को कैसे और कहां रखा?
लाश के टुकडों को कहां-कहां ठिकाने लगाए?
हथियार कहां फेंके?
कत्ल के बाद छह महीने तक क्या कुछ किया?
अगर कत्ल गुस्से में और गलती से किया तो तभी पुलिस के सामने सरेंडर क्यों नहीं किया?

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